क्या आपको पता है कि हमारे देश में कितने आईएएस अधिकारी काम करते हैं? लगभग पाँच हज़ार। और यदि राज्यों की बात करें तो राज्य के आकार और जनसंख्या के हिसाब से उनकी संख्या अलग अलग हो सकती है लेकिन फिर भी औसतन एक राज्य में लगभग 170 आईएएस अधिकारी अपनी सेवा दे रहे हैं। अब अपने जिले या विभाग में तो एक आईएएस अधिकारी ही बॉस होता है लेकिन वो कहते हैं ना कि हर बॉस का भी एक बॉस होता है, उसी तरह हर आईएएस अधिकारी का भी कोई न कोई बॉस होता है जो खुद भी एक आईएएस अधिकारी होता है लेकिन उसका experience बाकी सबसे ज्यादा होता है। तो कौन होता है सही आईएएस अधिकारियों का बॉस? आइए जानते हैं
दोस्तों, एक आईएएस अधिकारी का सबसे बड़ा पद दो तरह का हो सकता है। सेंटर में कैबिनेट सचिव और राज्यों में मुख्य सचिव। ये दोनों पद आईएएस की दुनिया में काफी महत्व रखते हैं और यही कारण है कि हर कोई एक दिन वहाँ तक पहुँचने का सपना देखता है। आइए जानते हैं ऐसा क्या खास है इन पदों में।
कैबिनेट सचिव - कैबिनेट सचिव भारत सरकार में सर्वोच्च रैंकिंग कार्यकारी अधिकारी और सिविल सेवक होता है। वह सिविल सेवा बोर्ड, कैबिनेट सचिवालय, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और सरकार के व्यावसायिक नियमों के तहत संचालित सभी सिविल सेवाओं का पदेन प्रमुख होता है। कैबिनेट सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा का सबसे वरिष्ठ कैडर पद है, जो भारत में executives की वरीयता क्रम में ग्यारहवें स्थान पर है। कैबिनेट सचिव सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है। कैबिनेट सचिवालय भारत सरकार के व्यापार लेनदेन नियम, 1961 और व्यवसाय आवंटन नियम, 1961 का संचालन करता है, जो इन नियमों का पालन सुनिश्चित करके सरकारी मंत्रालयों और विभागों में सुचारू व्यापार लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, सचिवालय अंतर-मंत्रालयी समन्वय सुनिश्चित करके, मंत्रालयों/विभागों के बीच मतभेदों को हल करके और स्थायी/तदर्थ सचिव समितियों के माध्यम से आम सहमति विकसित करके सरकार के निर्णय लेने में सहायता करता है। इस तंत्र के माध्यम से नई नीतिगत पहलों को भी बढ़ावा दिया जाता है। कैबिनेट सचिव की नियुक्ति में सरकार को पूरी छूट होती है लेकिन फिर भी परंपरा रही है कि वह अधिकारी जो कम से कम 37 साल अपनी सेवा दे चुका हो, उसे ही कैबिनेट सचिव नियुक्ति किया जाए। तो समझ गए आप, यदि आप कैबिनेट सचिव बनना चाहते हैं तो आपको यूपीएससी 21 22 साल की उम्र में ही पास करना पड़ेगा।
मुख्य सचिव – राज्यों में किसी आईएएस अधिकारी का सर्वोच्च पद मुख्य सचिव का होता है। इस पद पर कार्य करने वाले व्यक्ति को कर्मठ दूरदर्शी सहनशील अनुभवी तथा निष्पक्ष होना जरूरी है। क्योंकि राज्य की जनता जहां मुख्यमंत्री से समस्त आशाएं लगा कर रखती है वही मुख्यमंत्री के सपनों को साकार रूप देने वाला शिल्पी मुख्य सचिव ही होता है। इस प्रकार मुख्य सचिव राज्य प्रशासन की किंगपिन है जो नीति निर्माण नियंत्रण तथा प्रशासन के नेतृत्व में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है। मुख्य सचिव राज्य में कार्यरत लोक सेवकों में योग्यता तथा अनुभव के आधार पर वरिष्ठ होता है। सन 1973 से पूर्व राज्यों में मुख्य सचिव पद की स्थिति सर्वोच्च नहीं थी। उदाहरण के लिए पंजाब का वित्त आयुक्त मुख्य सचिव से उच्च माना जाता था। वर्तमान में मुख्य सचिव के पद स्थिति सभी राज्यों में कार्यरत लोक सेवकों में सर्वोच्च है। राज्य के मुख्य सचिव का पद केंद्र सरकार के मंत्रालयों में कार्यरत सचिव के समकक्ष है। मुख्य सचिव का चयन मुख्यमंत्री के द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के सुपर टाइम स्केल प्राप्त अधिकारीओं में से ही किया जाता है. सामान्यतः राज्य का मुख्यमंत्री इस संबंध में केंद्रीय सरकार से परामर्श करता है। लेकिन ऐसा करना संवैधानिक बाध्यता नहीं है। प्रत्येक मुख्यमंत्री ऐसा मुख्य सचिव नियुक्त करना चाहता है जो उसकी नीतियों विचारों तथा कार्यक्रमों को ही परिप्रेक्ष्य में समझते हुए उन्हें क्रियान्वित कर सके राज्य का मुख्यमंत्री परिवर्तित होते ही अधिकांश: मुख्य सचिव भी बदल जाते हैं। हालांकि ऐसे भी उदाहरण हैं जब अलग अलग मुख्य मंत्रियों ने एक ही अधिकारी के साथ काम करने में दिलचस्पी दिखाई हो।