साल 2021 की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं। यूपीएससी ने उत्तीर्ण candidates की लिस्ट अपने official website पर जारी कर दी है। और अब तक आपने भी देख ही लिया होगा। लेकिन क्या आपने उसमे कुछ नोटिस किया? कुछ ऐसा जो यूपीएससी के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। नहीं देखा ना? तो चिंता मत कीजिये, हम हैं ना। आज के विडियो में हम यूपीएससी की उस game changer move के बारे में बताएँगे जिसे सुनकर आपकी बांछे खिल जाएंगी। तो आइए शुरू करते हैं। 

30 मई 2022 को यूपीएससी ने साल 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण candidates की लिस्ट जारी कर दी। वैसे तो यह काम यूपीएससी हर साल करती है लेकिन इस साल के result announcement में कुछ अलग भी हुआ था। इस साल यूपीएससी ने उन सभी candidates की लिस्ट जारी कर दी है जो mains qualify कर इंटरव्यू तक पहुंचे थे। और सिर्फ इतना ही नहीं, यूपीएससी ने इन सभी candidates की सारी डीटेल भी अपने official website पर रिलीस कर दी है। इन डिटेल्स में कैंडिडैट का नाम, उसके माता पिता का नाम, उसका ईमेल address, उसके marks जैसी सूचनाएँ दी गयी हैं। अब किसी आम आदमी के नज़र में इस बदलाव का कोई खास महत्व नहीं होगा लेकिन एक यूपीएससी candidate की नज़र से देखें तो यह मुव game changer साबित हो सकता है। 

दरअसल यूपीएससी के candidates के मन हमेशा इस बात को लेकर एक डर बना रहता है कि यदि वे qualify नहीं कर पाये तो आगे क्या? क्योंकि यूपीएससी के मार्क्स और एक्सपिरियन्स को कोई और employer नौकरी के लिए कन्सिडर ही नहीं करता। ऐसे में यूपीएससी में disqualify होने के बाद उनको कहीं और नौकरी करने के लिए फिर से शून्य से शुरुआत करनी पड़ती थी। लेकिन यूपीएससी के इस कदम के बाद कई प्राइवेट sectors के employers के पास यह मौका होगा कि वे mains qualified लोगों को अपने यहाँ recruit कर सकें। इतना ही नहीं कई PSU’s भी चाहें तो इस लिस्ट के माध्यम से candidates को शॉर्ट लिस्ट कर सकते हैं। 

दोस्तों, सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि प्राइवेट और सेमी प्राइवेट सेक्टर के लोगों को भी यूपीएससी का महत्व पता है। उन्हें पता है कि इस फील्ड के धुरंधर अगर उनके साथ काम करेंगे तो उनकी ऑर्गनाइज़ेशन के लिए इंपोर्टेंट asset साबित हो सकते हैं। यही कारण है कि कंपनियाँ यूपीएससी mains qualified लोगों को सिलैक्ट करना तो चाहती थीं लेकिन कोई भी verification panel ना होने के कारण ऐसा कर नहीं पाती थी। इसके अलावा यूपीएससी भी यह समझ रही थी कि कोई भी स्टूडेंट सिर्फ इसलिए खारिज नहीं हो जाना चाहिए क्योंकि वह इंटरव्यू round क्लियर नहीं कर पाया। इसके आधार पर उनके अकैडमिक और professional conduct को अनदेखा करना उसके साथ नाइंसाफी होगी। इसीलिए वह ये तरीका लेकर आया है जाहन उसने ऐसे तमाम स्टूडेंट्स की जानकारी सार्वजनिक कर दी जिससे प्राइवेट और सेमी प्राइवेट enterprises candidates को डाइरेक्ट्लि कांटैक्ट कर सकते हों। यहाँ आपको यह ध्यान रखना है कि यूपीएससी ने officially ऐसी कोई बात नहीं कही है और ना ही वह इस प्रोसैस में किसी facilitator की भूमिका निभाएगा। यह पूरी तरह से उस enterprise पर निर्भर करेगा कि वह यूपीएससी के मार्क्स के आधार पर candidates को सिलैक्ट करना चाहते हैं या नहीं। 

दोस्तों, यूपीएससी के इस कदम का एक और फायदा यह होने वाला है कि अब कोई यह झूठ बोल कर बच नहीं सकता कि उसने यूपीएससी mains qualify किया है और इंटरव्यू में रह गया। आपको भी अक्सर ऐसे लोग मिले होंगे जो इस बात का दम भरते हैं कि वो तो बस इंटरव्यू में रह गए, वर्ण आईएएस बन जाते। अब आप चाहें तो चुटकियों में उनका झूठ पकड़ सकते हैं। इसका फायदा शादी विवाह तय करने में भी हो सकता है। 

आपको यह भी बता दें कि यूपीएससी ने इस साल यह लिस्ट एक साल की वैलिडिटि के साथ जारी की है। इसका मतलब एक साल बाद यह लिस्ट यूपीएससी की website से हटा ली जाएगी और उसकी जगह नयी लिस्ट डाल दी जाएगी। तो इसका मतलब recruiters के पास एक साल का समय होगा अपने organization में एक genuine यूपीएससी candidate को सिलैक्ट करने के लिए। तो अब आप भी अपने मन से यह डर निकाल दीजिये कि यूपीएससी नहीं हुआ तो क्या होगा, यूपीएससी ने आपके लिए एक और राह खोल दी है।