"शानदार जीत के लिए, कड़ी मेहनत करनी पड़ती है" यह कहावत UPSC की परीक्षा दे रहे छात्रों पर सटीक बैठती है | क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा को विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और कहा जाता है कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए हर दिन 10 से 12 घंटे तक पढ़ाई करनी पड़ती है उसके बाद भी इस परीक्षा में पास होने की कोई गारंटी नही है | लेकिन कुछ स्टूडेंट ऐसे होते है जो जॉब के साथ-साथ इस परीक्षा की तैयारी करते है ओर न सिर्फ इस परीक्षा को पास करते है बल्कि इसमें टॉप भी करते है | नंदिनी महाराज भी उन कैंडिडेट्स में से एक हैं, जिन्होंने अपने समय को सही से मैनेज कर जॉब के साथ UPSC की तैयारी की और उसमें सफलता भी हासिल की आइए जानते है IAS नंदिनी महाराज की सफलता की कहानी

नंदिनी पढ़ाई में हमेशा से ही अच्छी रही है, बचपन से ही उनके अंक अच्छे आते थे | 10वीं में उनका CGPA 9.6 थी, जबकि क्लास बारहवीं उन्होंने 89(नवासी) प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी | इसके बाद उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली से हिस्ट्री में बीए ऑनर्स किया | आगे की पढ़ाई के लिए नंदिनी यूके चली गईं जहां से उन्होंने अप्लाइड ह्यूमन राइट्स में MA की डिग्री हासिल की इस दौरान नंदिनी ने अपनी डांसिंग के शौक को भी जारी रखा | यही नहीं वे बीच-बीच में बच्चों को पढ़ाती भी थी, टीचिंग उनका पसंदीदा काम हमेशा से रहा है | अपने इस शौक को उन्होंने बाद में भी जिंदा रखा ,यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी वे एक कोचिंग संस्थान में हिस्ट्री पढ़ाती रहीं नंदिनी को लगता था इससे उनका बढ़िया रिवीजन हो जाता है | उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट भी हिस्ट्री ही था |

अपने सफर के बारे में नंदिनी ने बताया कि पहली बार में सेलेक्शन न होने का कारण वे साफ देख सकती हैं | उन्होंने पहले अटेम्पट में ऐस्से और एथिक्स के पेपर पर जितनी मेहनत करनी चाहिए थी उतनी नहीं की थी साथ ही हिस्ट्री में उन्हें मैप में बहुत समस्या आ रही थी | इस परीक्षा में वे प्री तक ही पहुंची थी | अपने दूसरे प्रयास में नंदिनी ने सभी गलतियों को सुधारा और दोगुनी मेहनत से जुट गईं | इस बार उन्होंने ऐस्से भी लिखें और एथिक्स के विषय पर भी काम किया | डेढ़ महीने पहले से उन्होंने खूब टेस्ट देना शुरू कर दिए थे ताकि प्रश्नों के नेचर से वाकिफ हो सकें | नंदिनी कहती भी हैं कि मेरे हिसाब ये सिलेबस से पढ़ने के अलावा तैयारी करना का सबसे अच्छा तरीका है पिछले साल के अधिक से अधिक प्रश्न-पत्र हल करना | उन्होंने खुद पिछले पांच साल के पेपर हल किए थे | टॉपर्स के इंटरव्यू देखें पर अपने मतलब भर की बात ही उनसे सीखें और दोस्तों के साथ अपने उत्तर डिस्कस करें ताकि खुद की कमियां पता चल सकें | जब नंदिनी का मेन्स में सफल हो गई तो उन्होंने अपनी पूरी जान लगा दी ताकि किसी भी वजह से INTERVIEW में फेल न हो जाएं | यहां भी मां-बाप की बहुत हेल्प मिली | अंततः नंदिनी की मेहनत सफल हुई और वे 42वीं रैंक के साथ सेलेक्ट हो गईं |

UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों को सलाह देते हुए नंदिनी कहती हैं कि उन्हें पढ़ने के लिए 6 से 7 घंटे का टाइम ही मिलता था पर वे इस समय को भरपूर इस्तेमाल करती थी | उन्होंने अपने रिर्सोस सीमित रखे और उन्हें ही बार-बार पढ़ा | केवल इकोनॉमिक्स के लिए नंदिनी ने कई सारे सोर्स यूज किए क्योंकि उन्हें लगता था यह विषय उनका थोड़ा कमजोर है | न्यूज पेपर वे लगातार पढ़ती रही और करेंट अफेयर्स के लिए नेट पर कुछ बड़ी आईएएस परीक्षा की तैयारी कराने वाली वेबसाइट्स की मदद ली नंदिनी कहती हैं एक बार आप सबकुछ न पढ़ पाएं ऐसा हो सकता है पर बहुत से टेस्ट पेपर सॉल्व करने से आपको प्रश्नों की अपरोच पता चल जाती है साथ ही आप यह सीख पाते हैं कि कैसे आंसर्स को गेस किया जा सकता है | शुरू में टेस्ट सीरीज में उनके अंक अच्छे नहीं आते थे पर वे इससे निराश नहीं हुईं और लगातार प्रयास करती रही |