यूपीएससी की तैयारी में नोट्स का महत्व क्या है| यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन नोट्स बनाना भी एक कला है| और इस कला में महाराथ हासिल करने के लिए आपको एक कुशल कलाकार की तरह काम करना पड़ेगा। इसके अलावा नोट्स आपके लिए एक ऐसे टूल का भी काम करते हैं| जो परीक्षा से कुछ दिन पहले सिलैबस को revise करने में मदद करता है। तो अब सवाल उठता है| कि एक प्रभावशाली नोट्स कैसे बनाएँ?


नोट्स बनाने को लेकर आम तौर पर लोगों की अलग-अलग राय होती हैजैसे कुछ लोग यह समझते हैं| कि पढ़ाई शुरु करने के साथ ही नोट्स बनाना शुरु करें  कुछ अन्य सलाह देते हैं| कि रीडिंग खत्म करने के बाद नोट्स बनाएं और कुछ लोग तो नोट्स न बनाने की भी सलाह देते हैं| यह कहकर  कि यह तैयारी के लिये एक बड़ा और अत्यधिक संशोधन से भरा असंभव कार्य होगा। किन्तु हमारे लिये नोट्स बनाने के पीछे के कारणों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है – यूपीएससी के सिलैबस को कम से कम दो बार पूरा पढ़ने की सलाह तो सभी एक्स्पर्ट्स देते हैं| लेकिन जब परीक्षा नजदीक आ जाती है तब पूरे सिलैबस को पूरा पढ़ पाना असंभव है और इसी पॉइंट पर नोट्स की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। आपके नोट्स आपको पूरा सिलैबस बहुत ही कम समय में revise करने की सहूलियत देते हैं| और साथ ही इंपोर्टेंट पॉइंट्स को याद रखने में भी मदद करते हैं। तो अब आते हैं| अपने पहले सवाल पर – एक अच्छा नोट्स कैसा बनाया जाए?



दोस्तों, वैसे तो नोट्स पूरी तरह से पर्सन स्पेसिफिक होते हैं| लेकिन इसके बावजूद कुछ फंडामैंटल प्रैक्टिस हैं| जिन्हें नोट्स बनाते समय ध्यान रखना चाहिए।


·   \   सबसे पहले नोट्स की जरूरत को समझें। मतलब आप किताब से पढ़ कर उसकी जरूरी पॉइंट्स को नोट करते हैं| ताकि उन्हें बार बार पढ़ कर आप पूरे चैप्टर को याद रख सकें। और नोट्स बनाते समय इस बात को हमेशा ध्यान में रखें। नोट्स एक तरह की चाबी होती है| जो आप खुद तैयार करते हैं और इसमे सिर्फ जरूरी बातें ही mention की जानी चाहिए।


·       नोट्स बनाते समय एक बहुत बड़ी गलती जो अधिकांश स्टूडेंट्स करते हैं| वो है चैप्टर या टॉपिक की शुरुआत करते ही नोट्स बनाने  लगना। तैयारी की शुरुआत में किसी विषय का अध्ययन करते समय ऐसा लगता है कि उस विषय से जुड़ा हर दूसरा बिंदु या जानकारी महत्वपूर्ण है। नये अभ्यर्थियों में यह एक आम समस्या होती है कि प्रारंभिक चरणों में विषय की स्पष्टता की कमी के कारण उन्हें महत्त्वपूर्ण बिंदुओं के बीच के अंतर को समझने में कठिनाई होती है। और जब तक आपका नोट्स पूरा तैयार होगा आपको समझ आयेगा कि नोट्स बनाते बनाते आपने पूरा चैप्टर ही अपनी कॉपी में लिख लिया है जो नोट्स बनाने के उद्देश्य को ही खत्म कर देता है। इसीलिए नोट्स बनाने से पहले चैप्टर को कम से कम दो बार जरूर पढ़ें।


·      नोट्स को जितना हो सके उतना ज्यादा symbolic बनाएँ। आप चाहें तो शॉर्ट हैंड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कोशिश करें कि नोट्स में एक्चुअल टेक्स्ट से ज्यादा पॉइंट्स हों। जब आप कोई किताब पढ़ते हैं तो उसमे आपको ऐसी कई बातें मिलती हैं जो इंपोर्टेंट लगती हैं। उन बातों को पॉइंट्स में नोट करें। यदि संभव हो तो pictures या drawings का भी प्रयोग करें। इससे फायदा यह होता है कि परीक्षा के समय आपको लंबे लंबे texts पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती और आपका समय बचता है।


·       अपने नोट्स को कलर कोड करें। कुछ लोगों का ऐसा मानना है की अपने नोट्स में रंग डालने से जानकारी पढ़ना और याद रखना आसान हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कलर आपके दिमाग के क्रिएटिव साइड को उजागर करता हैजिससे आपके नोट्स ज्यादा रोचक बनते हैं और याद रखने में भी आराम मिलता है।  कलर कोडिंग करने से कलर याद से जुड़ जाता हैऔर फिर बहुत कम मेहनत से आपको अपने नोट्स की जानकारी याद आ जाती है| नोट्स के अलग हिस्सों के लिए अलग रंग के पेंस का इस्तेमाल करें—उदहारण के तौर परआप सवाल लाल मेंपरिभाषा नीले में और कन्क्लुज़न हरे रंग से लिख सकते हैं| आप हाइलाइटर पेन लेकर ज़रूरी शब्दतारीखें और परिभाषाओं को मार्क कर सकते हैं।


 स्टडी नोट्स परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होते है। अगर आप परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन चाहते हैं तो आपको नोट्स बनाकर अवश्य पढ़ना चाहिए। नोट्स आपके लिए परीक्षा में बेहतर परिणाम हासिल करने में सहायक साबित हो सकते है। जरूरत है तो सिर्फ मेहनत और स्मार्ट स्टडी की।