यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करना सबसे जरूरी है। इतना vast syllabus और इतना डिफ़्रेंट पैटर्न, इन पर विजय पाने के लिए मेहनत का कोई विकल्प हो ही नहीं सकता। लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली एक बात और है इस परीक्षा में competition इतना मुश्किल है कि कड़ी मेहनत के साथ साथ सही स्ट्रेटजी की भी जरूरत पड़ती है। मतलब कड़ी मेहनत को सफल बनाने के लिए सही रणनीति का होना compulsory है।
जैसा कि हमने पहले बात की कि हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क दोनों को साथ में मिला कर ही यूपीएससी में सफलता प्राप्त की जा सकती है। दोनों का ही अपना महत्व होता है। लेकिन इन दोनों में से ज्यादा फोकस किस आस्पेक्ट पर करना चाहिए यह सवाल अक्सर लोगों को कन्फ्युज कर देता है। और इस कन्फ़्युशन को दूर करने के लिए इन दोनों का मतलब समझना जरूरी है।
किसी भी काम को पूरा करने के लिए, किसी काम में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करना ही Hard Work है। यदि एक मज़दूर पूरी मेहनत के साथ किसी भवन का निर्माण करता है तो यह उसके Hard Work के कारण हुआ है। यदि एक स्टूडेंट कड़ी मेहनत के साथ पढाई करता है, तो वह भी हार्ड वर्क कर रहा होता है। जबकि Smart Work का मतलब है अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रयोग करते हुए मेहनत करना, जिससे जल्दी और बेहतर परिणाम प्राप्त हो। जैसे कि भवन बनाने वाला वह मजदूर अगर अपनी physical labour को कम करने के लिए किसी टूल का इस्तेमाल करे। या फिर वह स्टूडेंट पढ़ाई को आसान बनाने के लिए किसी नोट्स का इस्तेमाल करे या फिर अपने दोस्तो से बात करते हुए किसी टॉपिक को समझ ले ताकि उसे बार बार खुद पढ़ने की जरूरत ना पड़े।
तो अब देखते हैं कि इन दोनों में कौन ज्यादा जरूरी है?
हार्ड वर्क –
Dedication – हार्ड वर्क के लिए व्यक्ति का dedicated होना सबसे जरूरी है। हार्ड वर्क का रास्ता लंबा, उबाऊ और थका देने वाला होता है और dedication के बिना इस रास्ते पर बने रहना मुश्किल हो जाता है। लेकिन यदि आप में dedication हो तो आप किसी भी चुनौती से विचलित नहीं होते क्योंकि आपको अपने ऊपर भरोसा रहता है कि आप उस चुनौती को पार कर लेंगे।
Experience – लंबे रास्ते से यात्रा करने का एक फायदा यह होता है कि इसमे आपको कई अनुभव मिलते हैं जो आगे आने वाली जिंदगी में मददगार साबित होते हैं साथ ही आप आने वाली चुनौतियों के बारे में पहले से सजग हो सकते हैं।
Painful – हार्ड वर्क का रास्ता बहुत ही कष्टकारी होता है। यह कष्ट सिर्फ शारीरिक हो ऐसा जरूरी नहीं, यूपीएससी के स्टूडेंट्स के लिए यह प्रक्रिया मानसिक ज्यादा होती है। कई बार ऐसे मौके आएंगे जब आपका दिल कुछ और करना चाहेगा लेकिन आपका दिमाग आपसे कहेगा कि पढ़ना सबसे जरूरी है। ऐसे समय में अक्सर आप पढ़ाई तो करेंगे लेकिन आपको समझ में कुछ नहीं आयेगा।
हार्ड वर्क का तरीका वर्षों से चली आ रही परंपराओं पर आधारित होती है। दुनिया तेजी से बदल रही है और ऐसे में कई परम्पराएँ टूट रही है या फिर obsolete हो रही हैं। उदाहरण के लिए classes लेने के दो तरीके हो सकते हैं, क्लासरूम में यानी परंपरागत या फिर इंटरनेट की मदद से कम्प्युटर या मोबाइल पर जिसे novel तरीका कहा जा सकता है। परंपरागत तरीके में सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि इसमे मेहनत बहुत ज्यादा लगती है और efficiency कम हो जाती है।
अब बात करते हैं स्मार्ट वर्क की –
स्मार्ट वर्क हार्ड वर्क की खामियों को तो दूर करता ही है साथ ही उसके पॉज़िटिव आस्पेक्ट्स को और मजबूत करता है। स्मार्ट वर्क की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि इससे आपका समय बचता है और उस बचे हुए समय से आप और अधिक काम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए किसी चैप्टर को पूरा पढ़ कर उससे नोट्स बनाना हार्ड वर्क है जो आपको करना ही पड़ेगा, लेकिन याद रखने के लिए chapter को बार बार पढ़ने की बजाय उन नोट्स को बार बार पढ़ते रहना स्मार्ट वर्क है। इससे आप कम समय में पूरा चैप्टर याद कर सकते हैं और जो समय बचेगा उसे आप किसी और टॉपिक को dedicate कर सकते हैं।
दोस्तों, हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क में किसी एक को चुनना असंभव है। यह कुछ वैसी ही बात होगी कि आपको अपने दोनों हाथों या दोनों पैरों में से किसी एक को चुनना पड़े। दोनों की अपनी इम्पॉर्टेन्स है और दोनों को एक साथ लेकर चलने से ही सफलता की गारंटी हो सकती है।