Upsc पास करने के बाद कौन सी नौकरी मिलती है
किस सर्विस के लिए कैंडिडैट का selection होगा यह जानने से पहले यूपीएससी
सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न को समझना जरूरी है। सिविल सर्विसेज परीक्षा में सबसे
पहले प्रारंभिक परीक्षा होती है, जिसमें पास होने वाला परीक्षार्थी मेंस परीक्षा के लिए
एलिजिबल हो जाता है। इसके बाद मेंस परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू होता है और
इसी के आधार पर मेरिट बनती है। प्रीलिम्स एग्जाम के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन
रखी गई है. इसको पास करने के लिए दो-दो घंटे के दो पेपर होते हैं। दूसरा पेपर
सीसैट क्वालीफाइंग होता है और इसमें पास होने के लिए 33 फीसदी अंक लाना जरूरी होता है।
पहले पेपर के नंबर के आधार पर कटऑफ बनती है और उसी के अनुसार मेंस के उम्मीदवार तय
होते हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में 24 सर्विसेसज होती हैं, जिसके लिए उम्मीदवारों का चयन
यूपीएससी एग्जाम के जरिए किया जाता है। इन्हें दो कैटेगरी में बांटा गया है। पहली
है ऑल इंडिया सर्विसेज और दूसरी सेंट्रल सर्विसेज हैं, जिसमें ग्रुप ए और ग्रुप बी
सर्विसेज होती हैं।
ऑल इंडिया सर्विसेस के जरिए IPS और IRS का चयन किया जाता है। इनमें जो भी Aspirants चुने जाते हैं उन्हें
केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों का कैडर दिया जाता है। सेंट्रल सर्विसेस को 2
कटेगरीज में बांटा
गया है। ग्रुप ए सर्विसेस में इंडियन फॉरेन सर्विस, इंडियन रेवेन्यू सर्विसेस,
इंडियन रेलवे
सर्विस और इंडियन इंफॉर्मेशन सर्विस जैसी सर्विसेज शामिल हैं। वहीं ग्रूप बी में
आर्म्ड फोर्सेज हेडक्वार्टर सिविल सर्विस, दिल्ली एंड अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल और पुलिस
सर्विसेस आती हैं।
मेंस क्वालीफाई करने के बाद उम्मीदवार को डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है,
जिसे DAF कहा जाता है। इसके आधार
पर Aspirants का पर्सनैलिटी टेस्ट लिया जाता है। इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर मेरिट
लिस्ट बनाई जाती है और इसी आधार पर ही ऑल इंडिया रैंक निर्धारित की जाती है।