क्या पड़ेगा प्लास्टिक बंद होने का आप पर असर ? किसने की फैसले पर रोक लगाने की अपील ?


देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी को लेकर सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है | इसके लिए सरकार ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि CPCB के साथ मिलकर कड़े कानून बनाए हैं | CPCB ने इसके लिए चरणबद्ध तरीके से कई सारे उपायों को अपनाया है, जिसमें कच्चे माल की सप्लाई को कम करने से लेकर सप्लाई को घटाने के लिए इसके विकल्पों को देना शामिल है | प्रदूषण बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 जुलाई से अगर सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री देखी जाती है, तो इसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी |


आपको बता दें सिंगल यूज प्लास्टिक बेन में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, सजावट वाले थर्माकोल, प्लास्टिक प्लेट, कप आदि शामिल हैं |


वहीं इसके साथ ही सरकार ने लोगों की सहूलियत के प्लास्टिक के सुरक्षित, विकल्पों को पेश किया है | इसके लिए पहले से ही प्लास्टिक के सुरक्षित विकल्प बनाने के लिए 200 कंपनियों को लाइसेंस जारी कर दिया गया है | ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए इन कंपनियों को अपने लाइसेंस रिन्यू कराने की भी आवश्यकता नहीं होगी |



वहीं सरकार ने अपनी जारी की गई गाइडलाइंस में कहा है कि 1 जुलाई, 2022 से अगर कोई भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करता हुआ पाया जाता है, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा | इसके साथ ही नया लाइसेंस इस शर्त के साथ इश्यू किए जाएंगे कि दुकान पर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित होगा | सरकार के इस फैसले ने पैक्ड जूस, सॉफ्ट ड्रिंक्स और डेयरी प्रोडक्ट वाली कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है | इस प्रतिबंध के लागू होने के बाद बेवरेज कंपनियां प्लास्टिक स्ट्रा के साथ अपने प्रोडक्ट को नहीं बेच पाएंगी | 


ऐसे में अब पारले एग्रो (Parle Agro), डाबर (Dabur) और मदर डेयरी (Mother Dairy) जैसे डेयरी प्रोडक्ट (Dairy Products) बनाने वाली कंपनियां इंपोर्ट किए हुए पेपर स्ट्रॉपर (Paper Straw) शिफ्ट हो रही हैं | प्लास्टिक स्ट्रॉ के मुकाबले पेपर स्ट्रॉ की लागत अधिक पड़ रही है, लेकिन उत्पादों की बिक्री जारी रखने के लिए कंपनियां इसका सहारा ले रही हैं | कुछ कंपनियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि प्रतिबंध को कुछ दिन बाद लागू किया जाए | कंपनियां चाहती हैं कि सरकार प्रतिबंध को तब तक लागू न करे, जब तक पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन के लिए उचित बुनियादी ढांचा विकसित नहीं हो जाता | क्योंकि पेपर स्ट्रॉ का आयात कंपनियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ा रहा है |