IAS/IPS/IFS/IRS/IFOS में अंतर

संघ लोक सेवा आयोग हर वर्ष 24 अखिल भारतीय और केन्द्रीय सेवाओं में नियुक्ति करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। इस परीक्षा को आम भाषा में आईएएस परीक्षा के नाम से भी जाना जाता है, शायद इसलिए क्योंकि तैयारी करने वाला हर candidate आईएएस बनने के ही सपने देखता है। उनमें से कुछ तो अपना सपना पूरा कर लेते हैं लेकिन सभी लोग आईएएस तो नहीं बन पाते अतः अन्य सेवाओं में जाकर वहां अपनी services देते हैं। तो आज के वीडियो में हम आपको इनमें से कुछ इंपोर्टेंट services के बीच अंतर समझाएंगे। 
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  • भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस)
आईएएस भारत सरकार के प्रशासनिक स्तर के सिविल सेवक हैं। सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवार आईएएस बनते हैं। आईएएस ऑफिसर कैबिनट सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी आदि भी बन सकते हैं। आईएएस अधिकारी संसद में बनने वाले कानून को अपने इलाकों में लागू करवाते हैं। साथ ही नई नीतियां या कानून बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
  • भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)
ये राज्य पुलिस और सभी भारतीय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मचारी होते हैं। गृह मंत्रालय को आईपीएस अधिकारियों के कैडर को नियंत्रित करने के लिए अधिकृत किया गया है। एक आईपीएस ऑफिसर मुख्यतः कानून और व्यवस्था को बनाए रखने,  दुर्घटनाओं से बचने और निपटने, कुख्यात अपराधियों और अपराध को रोकने एवं यातायात प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है। केंद्र सरकार में एक IPS अधिकारी, CBI, IB और RAW का Director बन सकता है। 
  • भारतीय विदेश सेवा (आईएफ़एस)
इसे इंडियन फ़ॉरेन सर्विसेस भी कहा जाता है। इस सेवा के अधिकारी विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं देते हैं। ये यूपीएससी क्लियर करके तीन साल की ट्रेनिंग के बाद आईएफएस ऑफिसर बनते हैं। आईएफएस अधिकारी डिप्लोमेसी से जुड़े मामलों पर काम करते हैं और द्विपक्षीय मामलों को हैंडल करते हैं।

 

 भारतीय वन सेवा (IFoS)

भारतीय वन सेवा अधिकारी का कार्य नियुक्त किए गए क्षेत्र में वनस्पति व जीवों का संरक्षण, पर्यावरणीय स्थिरता और पारिस्थितिक संतुलन सुनिश्चित करने हेतु नीतियां लागू करना एवं वनों तथा वन्य जीवों की रक्षा और विकास की दिशा में कार्य करना होता है।  

इसके अलावा एक और सेवा है जिसके बारे में आपने अक्सर सुना होगा, भारतीय राजस्व सेवा। सिविल सेवा की आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के अलावा आईआरएस का पद होता है। इस पद पर अधिकारी के रूप में प्रशासन और नीति निर्माण, प्रत्यक्ष कर (आय, कॉर्पोरेट, धन) और अप्रत्यक्ष कर (केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और सीमा शुल्क) की पूरी जानकारी रखनी होती है। यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड, वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करते हैं।
जहां तक इनकी सैलरी की बात है तो आपको यह बता दें कि हर सेवा के अधिकारी की सैलरी अलग होती है जो उनके तत्कालीन पद और काम करने के स्थान पर निर्भर होती है। वैसे तो कहने को आईएएस की सैलरी आईआरएस या आईपीएस से अधिक होती है लेकिन ऐसा हर मामले में हो यह जरूरी नहीं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि मुंबई में काम करने वाले किसी आईआरएस अधिकारी की सैलरी बिहार या यूपी के किसी छोटे से जिले में पोस्टेड आईएएस ऑफिसर से अधिक हो।

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देखते रहिए,

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नमस्कार!


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