क्यों चर्चा में है संविधान का अनुच्छेद-355 ?? जानें इसके बारे में सब कुछ
अक्सर देखते हैं कि तेज दिमाग, कड़ी मेहनत और सालों की तैयारी के बावजूद यह एग्जाम क्रैक नहीं हो पाता। असफलता का सबसे बड़ा कारण है परीक्षा की तैयारी के दौरान हुई कोई गलती। एक छोटी-सी चूक से आप हजारों परीक्षार्थियों से पीछे हो जाएंगे। आज के वीडियो में हम कुछ ऐसे जानकारियों की छानबीन करेंगे जो आजकल चर्चाओ मै है।
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क्यों चर्चा में है संविधान का अनुच्छेद-355
- हाल ही में, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी ने मांग करते हुए कहा है, कि पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से भंग हो चुकी है और संविधान के प्रावधानों के अनुसार राज्य को शासित करने के लिए ‘अनुच्छेद 355 को लागू किया जाना चाहिए।
- पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में 21 मार्च 2022 को सत्ताधारी दल के दो गुटों के बीच हिंसक लड़ाई हुई।
- बीरभूम जिले की रामपुर हाट में कुछ दिन पहले सत्ताधारी टीएमसी के ग्राम पंचायत उप प्रधान ‘भादु शेख’ की हत्या कर दी गयी थी और इसकी जवाबी कार्रवाई में क्षेत्र में घरों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले सभी व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।
क्या है ‘अनुच्छेद 355’
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 में उल्लिखित प्रावधान के अनुसार,“संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशान्ति से प्रत्येक राज्य की संरक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का इस संविधान के उपबंधों के अनुसार चलाया जाना सुनिश्चित करे”।\
- संघ के लिए निर्धारित इस कर्तव्य के दूसरे भाग अर्थात “प्रत्येक राज्य की सरकार को इस संविधान के उपबंधों के अनुसार चलाया जाना सुनिश्चित करने”के कई दृष्टिकोण हैं।
- “सार्वजनिक व्यवस्था” और “पुलिस” राज्य के विषय हैं और राज्यों के पास इन मामलों पर कानून बनाने की विशेष शक्ति है।
आपातकाल का कथित औचित्य
- यद्यपि, इस अनुच्छेद का प्रयोग शायद ही कभी किया गया हो; किंतु इसे अनुच्छेद-352 और 356 के तहत आपातकाल लगाने को उचित ठहराने के एक साधन के रूप में अवश्य देखा जाता है।
- एसआर बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा की गयी टिप्पणी के अनुसार, हालाँकि अनुच्छेद-352 के सशस्त्र विद्रोह होने की स्थिति में केंद्र सरकार को राज्य में आपातकाल लागू करने की शक्ति प्रदान की गयी है, किंतु ‘आंतरिक अशांति’ की स्थिति में इस प्रकार की घोषणा नहीं की जा सकती है।
- अतः,सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या के अनुसार- अनुच्छेद 355स्वयं केंद्र सरकार को आपातकाल लगाने की शक्ति प्रदान नहीं करता है, क्योंकिमात्र ‘आंतरिक अशांति’ से जनित एक प्रकार के सशस्त्र विद्रोह के लिए अनुच्छेद 352के तहत आपातकाल की घोषणा को सही नहीं ठहराया जा सकता है और न ही इस प्रकार की ‘अशांति’अनुच्छेद-356 के तहत आपातकाल जारी करने को सही ठहरा सकती है।
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देखते रहिए,
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