आईएएस ऑफिसर के 10 रोचक तथ्य

यूपीएससी यानि संघ लोक सेवा आयोग हर साल सिविल सर्विसेज एग्जाम आयोजित कर आईएएस, आईपीएस तथा अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है। यह देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इसके अलावा यूपीएससी अन्य सेवाओं के लिए भी परीक्षा लेता है और उनके लिए appointments करता है। आज हम कुछ हिस्टॉरिकल और contemporary facts के बारे में बात करेंगे जो शायद आपको ना मालूम हों। 

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आईएएस ऑफिसर के 10 रोचक तथ्य।


1 - यूपीएससी एक संवैधानिक संस्था है यानि कि इसका गठन भारत के संविधान के अंतर्गत किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि यूपीएससी के ढांचे या क़ानूनों में कोई बदलाव करने के लिए संविधान में बदलाव करना पड़ेगा। 

2 – वैसे तो भारत में सिविल सेवाओं क अप्रचलन अंग्रेजों के शासन काल से ही रहा है मगर इसका पैटर्न पहले ऐसा नहीं था। आज इसका जो पैटर्न हम देखा रहें हैं वह 15 अगस्त 1947 के बाद तैयार हुआ है। 

3 - 1947 में भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पहले बैच के आईएएस अधिकारियों को संबोन्धित किया था। इस सम्बोधन में उन्होने आईएएस ऑफिसर को भारत निर्माण का स्टील फ्रेम कहा था। उनका मानना था कि भारत के एकीकरण में आईएएस officers की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। 

4- आज़ादी से पहले भारतियों के लिए सिविल सर्विसेस की परीक्षा में बैठने की अधिकतम आयु 17 वर्ष निर्धारित की गयी थी। और यह परीक्षा देने के लिए उन्हें इंग्लैंड जाना पड़ता था। qualify कर जाने के बाद भी उन्हें dm या उसके बराबर की पोस्टिंग नहीं दी जाती थी। अन्य शब्दों में कहें तो यह एक तरीका था जिससे ब्रिटिश हुकूमत भारतियों को इस सेवा से बाहर रखना चाहती थी। 

5-इन सब hurdles के बावजूद भारतियों ने मजबूत इच्छाशक्ति कई बार दिखे और 1864 में सत्येंद्र नाथ banerjee सिविल सेवा पास करने वाले पहले भारतीय बने। उस वक़्त उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी। हालांकि बाद में उन्होने पक्षपात से तंग आकर इस्तीफा दे दिया था। 

6- दोस्तो, एक आईएएस ऑफिसर अपने कैरियर में जिस highest पोसिशन पर पहुँच सकता है वह है कैबिनेट सेक्रेटरी की पोस्ट। इसके लिए कम से कम 37 वर्षों के अनुभव की जरूरत होती है। और 37 वर्षों के अनुभव के लिए जरूरी है कि वह 21 या 22 साल की उम्र में यूपीएससी के एग्जाम को qualify कर ले। आज़ाद भारत के पहले कैबिनेट सचिव का नाम आर पिल्लई था। वे 1950 – 1953 तक इस पोस्ट पर कायम रहे थे। वर्तमान में श्री राजीव गौबा भारत के कैबिनेट सचिव हैं। 

7-किरण बेदी भारत की पहली आईपीएस ऑफिसर थीं। उन्होने 1972 में भारतीय पुलिस सेवा यानि कि आईपीएस जॉइन की थी। उससे पहले कोई भी महिल पुलिस सर्विस में काम करने में दिलचस्पी नहीं रखती थी। किरण बेदी ने ना सिर्फ इस सर्विस को जॉइन कर के अपनी एक पहचान बनाई बल्कि अपने कैरियर के दौरान भी उन्होने ऐसे कई कारनामों को अंजाम दिया कि कई लोग उनके fan बन गए। दिल्ली में अपनी पोस्टिंग के दौरान लोग उन्हें क्रेन बेदी के नाम से भी बुलाते थे और एक बार तो नो पार्किंग में खड़ी होने की वजह से उन्होने उस वक़्त की प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी तक की गाड़ी को उठवा लिया था और बाद में चालान भरने के बाद हीं उसे छोड़ा गया। किरण बेदी आज कई और महिलाओं की रोल मोडल हैं। 

8 – केरल की anna जॉर्ज भारतीय प्रशासनिक सेवा की पहली महिला अधिकारी थी। वे 1951 बर्च की आईएएस ऑफिसर थी। उस वक़्त वे सिर्फ 24 साल की थी और जिस वक़्त उन्होने यह एग्जाम पास किया था उस वक़्त महिलाओं से यह उम्मेद नहीं की जाती थी कि वे प्रशासनिक सेवा में योगदान कर सकें। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि यह एग्जाम उन्होने अपने पहले अटैम्प्ट में क्लियर किया था। 

9-अब बात यूपीएससी के पैटर्न मे हुए कुछ बदलावों की। पहले यूपीएससी के एग्जाम के लिए जनरल कैटेगरी के students को सिर्फ चार अटेम्प्ट मिलते थे मगर अब इन्हें बढ़ाकर 6 कर दिया गया है। जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए पहले मैक्सिमम एज लिमिट पहले 28 साल थी जिसे बढ़ाकर 30 और अब 32 वर्ष कर दिया गया है। ओबीसी स्टूडेंट्स के लिए मैक्सिमम एज लिमिट 35 वर्ष है और उन्हें 9 attempts मिलते हैं। एससी / एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए मैक्सिमम आगे लिमिट 37 वर्ष है और उन्हें अनलिमिटेड नंबर ऑफ attempts मिलते हैं। फिजिकलि हंडिकापेड़ यानि दिवयांग जनों कि बात करेंटों उनकी मैक्सिमम एज लिमिट अब 42 वर्ष है। 

10-एग्जाम के पैटर्न में भी यूपीएससी समय समय पर परिवर्तन करती रहती है। पहले prelims एग्जाम के दूसरे पेपर में एक ऑप्शनल सब्जेक्ट रखना पड़ता था मगर अब प्रेलिंस को हर कैंडिडैट के लिए कॉमन बना दिया गया है और दूसरे पेपर में अब comprehension और aptitude का टेस्ट होता है। इसी तरह mains के लिए पहले दो ऑप्शनल सब्जेक्ट रखना पड़ता था मगर अब सिर्फ एक ऑप्शनल सब्जेक्ट रखने का प्रावधान कर दिया गया है। इसके बदले जीएस को हर कैंडिडैट के लिए कॉमन कर दिया गया है। 

दोस्तो उम्मीद है आपको यह जानकारियाँ पसंद आई होंगी। 

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देखते रहिए

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