IAS बनने के लिए कितनी Rank लानी होगी और कुछ लोग कम Rank पर भी IAS कैसे बन जाते हैं ?

यूपीएससी अपने सिविल सेवा में भर्ती के  लिए परीक्षा तो एक ही लेती है और उसी परीक्षा के माध्यम से वह कई लोगों का चयन भी करती है मगर फिर भी कुछ लोग आईएएस बनते हैं, कुछ आईपीएस तो कुछ आईएफ़एस। आखिर ऐसा कैसे होता है कि एक ही परीक्षा में सफल होकर अलग-अलग सेवाओं में बहाली की जाती है। इसके पीछे एक कारण तो candidate का rank होता है, लेकिन क्या rank ही एकमात्र कारण है? आइए जानते हैं आज के वीडियो में। 

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IAS बनने के लिए कितनी Rank लानी होगी और कुछ लोग कम Rank पर भी IAS कैसे बन जाते हैं।

दोस्तो, यूपीएससी की तैयारी करने वाले लगभग हर स्टूडेंट का सपना आईएएस बनने का ही होता है हालांकि आईपीएस और आईएफएस बनने का सपना देखने वालों की भी कमी नहीं है। अब हर स्टूडेंट यह तो जानता है कि इन तीन सेवाओं में जाने के लिए उसे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी मगर अपनी पसंद की सेवा में जाने के लिए मेहनत के अलावा कुछ और बातें भी हैं जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। 

संघ लोक सेवा आयोग हर वर्ष 24 सेवाओं में बहाली के लिए परीक्षा आयोजित करती है। इन सेवाओं को दो भागों में बांटा गया है – अखिल भारतीय सेवा या all india services और केंद्रीय सेवा यानि central services। इन सेवाओं के लिए रिक्तियाँ हर वर्ष भिन्न होती हैं और उन रिक्तियों के लिए बहाली भी भिन्न होती है। आईएएस बनने के लिए कितनी rank लानी होगी, यह जानने के लिए आइये सबसे पहले जानते हैं कि vacancies, rank और preference में क्या संबंध है?

हर वर्ष अपनी आधिकारिक अधिसूचना में यूपीएससी यह घोषित करती है कि वह कितने पदों के लिए परीक्षा लेगी। उदाहरण के लिए, पिछले कुछ वर्षों से यूपीएससी हर वर्ष लगभग 1000 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन करती है। लेकिन IAS अधिकारी की रिक्तियों की संख्या अधिसूचना में कहीं भी नहीं लिखी होती है। मगर परिणामों का विश्लेषण करने के बाद, यह स्पष्ट है कि हर साल भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में 180 उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। मगर इसका मतलब यह नहीं हुआ कि टॉप 180 लोगों को आईएएस बना दिया जाता है। 

दरअसल मुख्य परीक्षा के लिए form भरते समय उम्मीदवार से उसका services और cadre preference पूछा जाता है। अब यह जरूरी नहीं कि हर candidate अपने preference order में सबसे पहला स्थान आईएएस को ही दे। कई लोग आईपीएस या आईएफ़एस को भी first choice रखते हैं। अब ऊपर दिये गए उदाहरण के अनुसार यदि कोई candidate 100 rank लाता है और उसकी first choice IPS है तो उसे IPS दिया जाएगा। ऐसे में आईएएस की एक seat खाली रह जाएगी। अब मान लीजिये कि किसी ने 181 rank हासिल किया और उसकी first preference आईएएस है, तो ऐसे में उस candidate को IAS मिल जाएगा। 

यहाँ समझने वाली बात यह है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि आईएएस के लिए जितनी vacancies हों, उतने rank वालों को ही आईएएस बनने का मौका मिलेगा। candidate की first preference का रोल भी बहुत important होता है। 

परिणामों का आकलन करने से यह पता चलता है यदि 1000 vacancies में से 180 पोस्ट आईएएस के लिए होती हैं तो उम्मीद की जाती है की 200 से 225 तक rank लाने वाले candidates को आईएएस मिल जाये, बशर्ते कि उसने फ़र्स्ट preference में आईएएस रखा हो। 

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देखते रहिए 

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