इस श्रृंखला में हम प्रतियोगी परीक्षा के दृष्टिकोण से दिन के महत्वपूर्ण वर्तमान मामलों को कवर करते हैं।  हम विभिन्न समाचार पत्रों और वेब पोर्टलों से महत्वपूर्ण समाचारों को कवर करते हैं। इस करंट अफेयर शो को देखने के बाद आपको किसी भी न्यूज पोर्टल पर जाने की या न्यूजपेपर पढ़ने की आव्यशकता नहीं है।

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1)वर्ष 2060 तक चीन बनेगा कार्बन नेट-शून्य

संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दो ऐसे वादे किए जो जलवायु परिवर्तन के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं।

शी ने कहा, वर्ष 2060 तक चीन कार्बन नेट-शून्य बन जाएगा।

नेट-शून्य एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी देश के उत्सर्जन को वायुमंडल से हटा दिया जाता है।

वनों जैसे अधिक कार्बन सिंक बनाकर कार्बन के अवशोषण को बढ़ाया जा सकता है, जबकि हटाने में कार्बन कैप्चर और भंडारण जैसी तकनीकों का उपयोग शामिल है।

चीनी राष्ट्रपति ने घोषणा की कि चीन अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 2030 के अपनी सीमा बिंदु से आगे नहीं बढ़ने देगा।

चीन ग्रीनहाउस गैसों का दुनिया का सबसे बड़ा उत्सर्जक है।  यह वैश्विक उत्सर्जन का लगभग 30% है, जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत के कुल संयुक्त उत्सर्जन से भी अधिक है।

अब तक, यूरोपीय संघ एकमात्र बड़ा उत्सर्जक था जिसने खुद को 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन की स्थिति के लिए प्रतिबद्ध किया था।

2)बोंगोसागर-

भारतीय नौसेना का दूसरा संस्करण (IN) - बांग्लादेश नेवी (BN) द्विपक्षीय अभ्यास बोंगोसागर 03 अक्टूबर 2020 को बंगाल की उत्तरी खाड़ी में शुरू होने वाला है।

Bongosagar, जिसका पहला संस्करण 2019 में आयोजित किया गया था, का उद्देश्य समुद्री अभ्यास और संचालन के माध्यम से अंतर-संचालन और संयुक्त परिचालन कौशल विकसित करना है।

बोंगोसागर के आगामी संस्करण में दोनों नौसेनाओं के जहाज सतह युद्ध अभ्यास, और हेलीकॉप्टर ऑपरेशन में भाग लेंगे।

यह अभ्यास 4 से 5 अक्टूबर 2020 तक बंगाल की उत्तरी खाड़ी में होगा।

इस अभ्यास ने दोनों नौसेनाओं के बीच समझ को मजबूत किया है और गैरकानूनी गतिविधियों के संचालन को रोकने के उपायों को स्थापित किया है।

3) चीन नवंबर 2020 में अंतरिक्ष में भेजेगा दुनिया का पहला Asteroid Mining Robot* 

चीन नवंबर 2020 में दुनिया का पहले उत्खनन रोबोट अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में लगा हुआ  है. बीजिंग की एक निजी कंपनी ओरिजिन स्पेस इस महत्वाकांक्षी प्रोजोक्ट को लॉन्च करेगी. इस रोबोट का नाम एस्ट्रॉयड माइनिंग रोबोट रखा गया है. इस नाम के बावजूद इस यह रोबोट उत्खनन का काम नहीं करेगा

यह ऐस्टरॉयड पर लैंड करने और खनन करने के लिए जरूरी टेक्नॉलजी को टेस्ट करेग. इस अभियान का काम प्राथमिक आंकलन करना होगा जिसमें क्षुद्रग्रहों के उत्खनन संबंधी तकनीकियों की फील्ड टेस्टिंग किया जाएगा। दरअसल ऐस्टरॉयड मूल्यवान खनिज संसाधन से भरे होते हैं. ऐसे में चीन की निगाहें सोना, चांदी और कोबाल्ट जैसे मूल्यवान संसाधनों पर टिकी हुई हैं. चीन अंतरिक्ष अनुसंधान में भी तेजी से आगे बढ़ने के लिए कदम उठा रहा है

इस तरह का अभियान पहली बार भेजा जा रहा है.  स्पेस में खनन पर दुनिया के शक्तिशाली देशों की निगाहें हैं. यदि यह परियोजना सफल होती है, तो एक ट्रिलियन डॉलर का उद्योग खुल सकता है

4) गांधी जयंती 2020: 

विश्व भर में 02 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है. यह दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है

 02 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती थी 

गांधी दर्शन से संबंधित 10 मुख्य बातें

• महात्मा गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है

• महात्मा गांधी का व्यक्तित्व तथा कृतित्व आदर्शवादी रहा है. उनका आचरण प्रयोजनवादी विचारधारा से मिलता-जुलता था

• उन्हें संसार के अधिकांश लोग महान राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में जानते हैं. पर उनका यह मानना था कि सामाजिक उन्नति के लिए शिक्षा का एक अहम योगदान होता है

• राजवैद्य जीवराम कालिदास ने गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले साल 1915 में संबोधित किया था

• महात्मा गांधी ने आजादी के लिए संघर्ष के दौरान करीब 17 बार उपवास रखा और उनका सबसे लंबा उपवास 21 दिन का था

• सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को 06 जुलाई 1944 को रेडियो रंगून से 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था

• महात्मा गांधी कहते थे की अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत हैं. यह आदमी द्वारा तैयार विनाश के ताकतवर हथियार से भी बहुत अधिक शक्तिशाली हैं

• महात्मा गांधी ने सबसे पहले प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों हेतु संघर्ष के लिए सत्याग्रह करना शुरू किया था

• उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में साल 1930 में नमक सत्याग्रह तथा इसके बाद साल 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की थी

• उन्होंने सभी परिस्थितियों में अहिंसा तथा सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी करते थे. उन्होंने परम्परागत भारतीय पोशाक धोती और सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे

भारतीय संविधान कितने भागों में विभाजित है?

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भारतीय संविधान के अन्‍तर्गत संविधान में संशोधन सम्‍बन्‍धी पहल का अधिकार किसे हैं?

 राष्ट्रपति

प्रधानमंत्री

भारतीयय संसद 

अटॉर्नी जनरल


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