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1) प्रधानमंत्री मोदी ने नमामि गंगे मिशन के तहत उत्तराखंड में शुरू की 6 परियोजनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही के दिनों में उत्तराखंड में नमामि गंगे मिशन के तहत 6 मेगा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया. इनमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी शामिल हैं. पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान गंगा को समर्पित एक म्यूजियम का भी लोकार्पण किया. यह म्यूजियम हरिद्वार के गंगा किनारे चांदनी घाट पर स्थित है

भारत सरकार का जल जीवन मिशन भारत के गांवों में हर घर तक साफ पानी पहुंचाने का एक बहुत बड़ा अभियान है.  नमामि गंगे मिशन भी जल जीवन मिशन का ही एक हिस्सा है। गौर करने वाली बात यह है कि उत्तराखंड में हरिद्वार-ऋषिकेश क्षेत्र से गंगा नदी में लगभग 80 प्रतिशत अपशिष्ट जल बहाया जाता है

प्रधानमंत्री ने कहा कि नमामि गंगा मिशन सिर्फ गंगा की सफाई तक सीमित नहीं है ये देश का सबसे बड़ा नदी संरक्षण कार्यक्रम है. गंगा जल में गंदा पानी रोकने के लिए सीव्रेज ट्रीटमेंट प्लांट का जाल बिछाया जा रहा है. गंगा के किनारे बसे 100 शहरों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है. नमामि मिशन योजना के तहत कई प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और कई पर काम चल रहा है

2) नमामि गंगे परियोजना: एक नजर में

यह योजना केंद्र सरकार की है जिसे साल 2014 में शुरू किया गया था. सरकार द्वारा इस परियोजना की शुरुआत गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने तथा गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के मुख्य उद्देश्य से की गई थी. इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन,नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. उत्तराखंड में जो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बने हैं, वे सभी अत्याधुनिक हैं. इनके जरिए सॉलिड वेस्ट को कम्पोस्ट के रूप में बदला जाएगा. की तुलना में एच-सीएनजी का उपयोग  उत्सर्जन में कमी ला सकता।

3) चीन में अब ब्यूबोनिक प्लेग का खतरा

ब्यूबोनिक प्लेग एक अत्यधिक संक्रामक और घातक बीमारी है जो ज्यादातर रोडेंट्स (Rodents) से फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार यह बीमारी बैक्टीरिया के कारण होती है

चीन में कोरोना वायरस के बाद अब ब्यूबोनिक प्लेग फैल गया है. इससे देश के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में आपातकाल लगा दिया गया है. बताया जा रहा है कि एक तीन साल का बच्चा प्लेग की चपेट में आ गया है. यह बच्चा चीन के यून्नान प्रांत के मेंघाई काउंटी का रहने वाला है. चीन में 21 सितम्बर को प्लेग के फैलने का मामला सामने आया था

इस घटना के बाद चीनी प्रशासन ने इलाके में आपातकाल घोषित कर दिया है. प्रशासन की कोशिश है कि कोरोना वायरस की तरह एक और महामारी न फैले इसके लिए यह आपातकाल घोषित किया गया है. इससे पहले यून्नान में ही प्लेग से संक्रमित तीन मरे हुए चूहे मिले थे. इससे पहले अगस्त महीने में उत्तरी मंगोलिया में प्लेग फैलने का मामला सामने आया था

4) ब्यूबोनिक प्लेग

ब्यूबोनिक प्लेग एक अत्यधिक संक्रामक और घातक बीमारी है जो ज्यादातर रोडेंट्स (Rodents) से फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार यह बीमारी बैक्टीरिया यर्सिनिया पेस्टिस के कारण होती है, जो आम तौर पर छोटे स्तनधारियों और उनके पिस्सू में पाए जाने वाले एक जूनोटिक जीवाणु होते हैं. इसमें रोग के लक्षण एक से सात दिनों के बाद दिखाई देते हैं. यह बीमारी आमतौर पर पिस्सू के काटने से फैलती है जो चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे संक्रमित जीवों पर भोजन के लिए निर्भर करता है

ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षण

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षणों में अचानक बुखार आना, ठंड लगना, सिर और शरीर में दर्द और कमजोरी, उल्टी और मतली जैसे लक्षण शामिल हैं. इसके कारण शरीर में एक या कई जगहों पर सूजन आ जाती है

ब्यूबोनिक प्लेग कितना घातक है?

मध्य युग में ब्यूबोनिक प्लेग महामारी, जिसे 'ब्लैक डेथ' भी कहा जाता है. इसने यूरोप की आधी से अधिक आबादी का सफाया कर दिया था. हालांकि, एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता के साथ बीमारी का अब काफी हद तक इलाज हो सकता है

यह बीमारी पहले भी आ चुका है

इस बीमारी ने पहले भी पूरी दुनिया में लाखों लोगों को मारा है. इस जानलेवा बीमारी का दुनिया में तीन बार हमला हो चुका है. यह बीमारी पहली बार 5 करोड़, दूसरी बार पूरे यूरो की एक तिहाई आबादी और तीसरी बार 80 हजार लोगों की जान ली थी. इस बीमारी को ब्लैक डेथ या काली मौत भी कहते हैं

विश्वभर में ब्यूबोनिक प्लेग के साल 2010 से साल 2015 के बीच लगभग 3248 मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें से 584 लोगों की मौत हो चुकी है. इन सालों में ज्यादातर मामले डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, मैडागास्कर, पेरू में आए थे. इससे पहले साल 1970 से लेकर साल 1980 तक इस बीमारी को चीन, भारत, रूस, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण अमेरिकी देशों में पाया गया है

ब्यूबोनिक प्लेग का दूसरा हमला दुनिया पर 1347 में हुआ था. तब इसे नाम दिया ब्लैक डेथ (Black Death) गया था. इस दौरान इसने यूरोप की एक तिहाई आबादी को खत्म कर दिया था. ब्यूबोनिक प्लेग का तीसरा हमला दुनिया पर 1894 के आसपास हुआ था. तब इसने लगभग 80 हजार लोगों को मारा था. इसका ज्यादातर असर हॉन्गकॉन्ग के आसपास देखने को मिला था. भारत में साल 1994 में पांच राज्यों में ब्यूबोनिक प्लेग के करीब 700 केस सामने आए थे

5) रक्षा मंत्रालय ने 2,290 करोड़ रुपये के सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी 

रक्षा खरीद संबंधी निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च समिति रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में इन खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई

रक्षा मंत्रालय ने 28 सितम्बर 2020 को 2,290 करोड़ रुपये के हथियार एवं सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी है. इसमें अमेरिका से लगभग 72,000 सिग सॉअर असॉल्ट राइफलों की खरीद भी शामिल है. रक्षा मंत्रालय चीन के साथ एलएसी पर बढ़ते तनाव के बीच लगातार बड़े फैसले ले रहा है

रक्षा खरीद संबंधी निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च समिति रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में इन खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. रिपोर्ट के अनुसार, डीएसी ने जिन उपकरणों और हथियारों की खरीद को मंजूरी दी है उनमें राइफलों के अलावा वायुसेना एवं नौसेना के लिए करीब 970 करोड़ रुपये में एंटी-एयरफील्ड वेपन (एसएएडब्ल्यू) प्रणाली शामिल हैं

रक्षा मंत्री ने क्या कहा?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नई रक्षा खरीद प्रक्रिया में मेक इन इंडिया के तहत घरेलू रक्षा कंपनियों को ताकत देने की पूरी व्यवस्था की गई है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है. इसका मुख्य लक्ष्य भारत को रक्षा क्षेत्र में एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनना है

मुख्य बिंदु

•    नई खरीद प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए हथियारों और सैन्य साजो-समान को किराए (लीज) पर लेने का विकल्प खोल दिया गया है. इस बदलाव के बाद अब लड़ाकू हेलिकॉप्टर, मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, नौसैनिक जहाज से लेकर युद्धक साजो-समान को देश-विदेश कहीं से भी अनुबंध पर लेने का रास्ता खुल गया है

•    रक्षा मंत्री के अनुसार, रक्षा क्षेत्र की हाल में ही घोषित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नई नीति के मद्देनजर डीएपी-2020 में घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित करने का प्रावधान रखा गया है

रक्षा खरीद की नई प्रक्रिया एक अक्टूबर से लागू हो जाएगी. सीमित संसाधनों की चुनौती के बीच देश की रक्षा और सैन्य साजो-समान की भारी जरूरतों को देखते हुए अनुबंध के विकल्प को खरीद प्रक्रिया के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में शामिल किया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों से समझौता किए बिना पूंजीगत खर्च में कमी लाने के मकसद से हथियारों और सैन्य साजो-समान को लीज पर लिया जा सकेगा. अभी केवल रूस से नौसैनिक पनडुब्बी लीज पर लिए जाने के अपवाद के अलावा यह विकल्प नहीं था

Question of the Day ?

किस संविधान संशोधन अधिनियम ने राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को मौलिक अधिकारों की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली बनाया?

a.   42

b.   34

c.    57

d.   100

Question of Yesterday-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किस राज्य में कोसी रेल महासेतु के साथ यात्री सुविधाओं से संबंधित रेल की 12 परियोजनाओं का उद्घाटन किया?

a.    पंजाब

b.    राजस्थान

c.     बिहार

d.    झारखंड

Ans-

c.     बिहार


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