भारत एक आध्यात्मिक और धार्मिक विविधता से भरा देश है, जहाँ संतों और साधुओं की अनेक परंपराएँ मौजूद हैं। इन्हीं में से एक रहस्यमयी साधना पद्धति अघोरी संप्रदाय की है। अघोरी साधु अपने रहन-सहन, साधना और सिद्धियों के लिए प्रसिद्ध हैं। समाज से अलग रहने वाले ये साधु श्मशान में रहते हैं, शवों की भस्म लगाते हैं, और कठिन साधनाएँ करते हैं।

यह ब्लॉग अघोरियों के रहस्यमयी जीवन, उनकी साधना, शक्तियों और नागा साधुओं से उनके अंतर को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करेगा।


कौन होते हैं अघोरी?

अघोरी संप्रदाय भारतीय तंत्र साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह संप्रदाय भगवान शिव के अघोर रूप की पूजा करता है और मृत्यु को जीवन की अंतिम सच्चाई मानता है। "अघोर" का अर्थ होता है जो अज्ञान और भय से मुक्त हो।

अघोरी साधु दुनियावी बंधनों से मुक्त होकर केवल मोक्ष प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या करते हैं। वे श्मशान में रहते हैं, शवों की भस्म का उपयोग करते हैं, और योग, तंत्र-मंत्र व ध्यान के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

अघोरी बनने की प्रक्रिया

अघोरी साधु बनना आसान नहीं होता। इसके लिए व्यक्ति को कठोर साधना, आत्मसंयम और तपस्या करनी पड़ती है।

  1. गुरु दीक्षा: किसी सिद्ध अघोरी गुरु से दीक्षा लेना अनिवार्य होता है।

  2. सांसारिक मोह से मुक्ति: घर-परिवार, धन-संपत्ति और भौतिक सुखों का त्याग करना पड़ता है।

  3. कठिन साधनाएँ: शवों के साथ ध्यान, कठिन योग क्रियाएँ, और तपस्या करनी होती है।

  4. निर्भयता: मृत्यु और भय से मुक्त होना पड़ता है।

  5. आध्यात्मिक विकास: आत्मज्ञान और तंत्र विद्या में निपुण होना जरूरी होता है।


अघोरियों की साधना और शक्तियाँ

अघोरी साधु विशेष तंत्र-मंत्र और योग साधना में माहिर होते हैं। इनकी कुछ प्रमुख साधनाएँ इस प्रकार हैं:

  1. श्मशान साधना – शवों के बीच ध्यान लगाकर मृत्यु के भय को खत्म करना।

  2. भूत-प्रेत साधना – आत्माओं से संवाद और तंत्र विद्या द्वारा उपचार।

  3. काली साधना – माँ काली की आराधना करके विशेष शक्तियों की प्राप्ति।

  4. निर्भय साधना – कठिन और डरावनी परिस्थितियों में ध्यान लगाकर मन को शक्तिशाली बनाना।

अघोरियों के पास ऐसी कई रहस्यमयी शक्तियाँ होती हैं, जिनका उपयोग वे मानवता की भलाई के लिए करते हैं। कहा जाता है कि वे बीमारियों को ठीक कर सकते हैं और भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगा सकते हैं।

लेखिका का परिचय: सुमन बाजपेयी

सुमन बाजपेयी हिंदी साहित्य की जानी-मानी लेखिका, अनुवादक, पत्रकार और संपादक हैं। वे बाल साहित्य, पौराणिक कथाएँ, लोककथाएँ, जीवनियाँ और आध्यात्मिक विषयों पर गहराई से लिखती हैं। अब तक वे 160 से अधिक पुस्तकों का अंग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद कर चुकी हैं और विभिन्न विषयों पर 17 से अधिक पुस्तकें लिख चुकी हैं।

निष्कर्ष

अघोरी साधु भारतीय आध्यात्मिकता और तंत्र साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनका रहस्यमयी जीवन, कठोर साधनाएँ, और समाज से अलग दृष्टिकोण उन्हें अनोखा बनाता है। हालाँकि उनके बारे में कई भ्रांतियाँ हैं, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक मुक्ति और मानवता की भलाई करना होता है।

FAQ's 1. अघोरी का देवता कौन था?

अघोरी, शिव के पूजक होते हैं और शक्ति की देवी काली को भी पूजते हैं। 

2. असली अघोरी की क्या पहचान है?

. अघोरियों की पहचान ही यही है कि वे किसी से कुछ मांगते नहीं है। साधना की एक रहस्यमयी शाखा है अघोरपंथ।