shukrana guru ji


विज्ञान ने इस बात को साबित कर दिया है कि प्रार्थना, विश्वास और अध्यात्म चमत्कार उत्पन्न करते हैं। हमारा शरीर जादू की पोटली है। यदि हम आशा करते हैं कि हम असंभव को संभव कर सकते हैं, कठिन को सरल कर सकते हैं, हर लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं तो हम वास्तव में ऐसा कर सकते हैं। ऐसा हमारे शरीर के अंदर विद्यमान जादू की पोटली के कारण होता है। यह जादू की पोटली हमारा अवचेतन मन है, जिसमें खजाना भरा पड़ा है।

गुरुजी ने अपनी संगत के अनेक कष्टों को दूर किया है। विश्व में अनेक धर्म और गुरु हैं। यदि किसी धर्म और गुरु पर सकारात्मक आस्था एवं विश्वास से जीवन सरल हो जाता है तो उससे श्रेष्ठ कुछ नहीं है। हाँ, इसके साथ इतना अवश्य याद रखें कि अंधविश्वास एवं ऐसी रूढिय़ों से बचकर रहें, जो गर्त में धकेलती हैं। गुरुजी भी सदैव अंधविश्वास का विरोध करते थे। वे प्रत्येक मानव से यही कहते थे कि बिना फल की चिंता किए कर्म करें, सकारात्मक रहें और अपने मार्ग पर आगे बढ़ते रहें।

अधिकतर लोग स्वयं पर ध्यान देने के बजाय दूसरों पर अधिक ध्यान देते हैं। उन्हें स्वयं को सुधारने से अधिक दूसरों की निंदा करने में आनंद मिलता है। इसलिए गुरुजी कहते हैं कि कदापि किसी की निंदा न करो। जीवन के व्यावहारिक सूत्रों और मानव मूल्यों का संदेश देकर विश्वबंधुत्व और सामाजिक समरसता का पाथेय बताती ‘शुकराना गुरुजी’ की प्रेरक व पठनीय जीवनगाथा।


छतरपुर गुरुजी की मृत्यु कैसे हुई?


shukrana guru ji death


shukrana guru ji lyrics


Product description :

About the Author

रेनू सैनी प्रतिष्ठित लेखिका हैं। लेखन के साथ-साथ इन्होंने अनुवाद, संपादन, मंच संचालन, एंकर, कमेंटेटर के क्षेत्र में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। अब तक इनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

अपने चाणक्य स्वयं बनें’ एवं बच्चों के लिए लिखी गई पुस्तक ‘रंगीली, टिक्की और गुल्लू’ पाठकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हुईं। ‘रंगीली, टिक्की और गुल्लू’ संस्कृत, गुजराती, पंजाबी, अंग्रेजी एवं उर्दू में अनूदित हो चुकी है। इनकी ‘कलाम को सलाम’ पुस्तक मराठी एवं कोंकणी भाषा में भी पाठकों के लिए उपलब्ध है।

मोदी सक्सेस गाथा’ एवं ‘दीनदयाल उपाध्याय की प्रेरक कहानियाँ’ पुस्तक हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा में भी प्रकाशित हैं। बाल साहित्य में भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार के साथ ही अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। इनकी अनेक रचनाएँ समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती रहती हैं।