राजनीतिक विषयों से तटस्थ होकर यह पुस्तक मोदी सरकार के 10 वर्षो के कार्यकाल में लागू हुई जनकल्याणकारी नीतियों एवं उनसे हुए सकारात्मक परिवर्तनों पर एक सार्थक चर्चा करती है। मोदी सरकार प्रारंभ से ही इस समझ के साथ कार्य कर रही है की विकास की मूल प्रवृत्ति सामाजिक है और जिन नीतियों में सामाजिक मूल्य व्याप्त न हों, उसे विकास कहना उचित नहीं होगा।


केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों की तरह भारत को केवल एक भूमि का टुकड़ा समझकर अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शासन नहीं किया है, अपितु भावनात्मक स्तर पर जाकर भारत को सत्यस्वरूप भारतमाता मानकर उसकी देहात्मा के रक्षण, पोषण और संवर्धन का कार्य किया है, जिसकी चर्चा इस पुस्तक में विस्तार से की गई है। यही कारण है की मोदी दशक अपनी पूर्णता पर है तथा उसके सुखद परिणाम आज भारत ही नहीं वरन् समूचा विश्व देख रहा है।


भारत की प्रगति, मोदी दशक में हुए सुधारों, प्रदर्शनों एवं बदलावों की एक स्पष्ट और कार्योन्मुख रूपरेखा का परिणाम है। मोदी सरकार के क्रांतिकारी सुधारों ने एक मजबूत एवं विकसित भारत की आधारशिला रखी है: भविष्य का विकसित भारत इन्हीं विकास कार्यों का सह-उत्पाद होगा । लेखक ने बहुत गहराई और अपनी पेशेवर दक्षता से तमाम योजनाओं को इस पुस्तक में परखा है।






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About the Author

शिवेश प्रताप

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर एवं आईआईएम कलकत्ता से आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की शिक्षा प्राप्त । सतत विकास आधारित प्रौद्योगिकी, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और ऑपरेशनल एक्सीलेंस के विशेषज्ञ के रूप में एक दशक विश्व की कई जानी-मानी कंपनियों में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। वर्तमान में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में स्ट्रेटेजिक सोर्सिंग और प्रोक्योरमेंट सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं। मूलतः उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर, जनपद के निवासी; 2006 से नोएडा में निवास ।

शिवेश प्रताप भारत सहित विश्व भर की नीतियों, आर्थिकी एवं विकास कार्यों में गहरी रुचि रखते हैं। इनके लेख दैनिक जागरण, भास्कर, ऑर्गनाइजर समेत लगभग सभी प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं। समाचार चैनलों पर नीतियों एवं विकासपरक चर्चाओं में भी सहभागिता । हिंदी, अंग्रेजी, जर्मन और संस्कृत भाषाओं में दक्ष । इंटरनेट पर पिछले 6 वर्षों से एक सफल ब्लॉगर और डिजिटल कंटेंट डेवलपर के रूप में संस्कृत भाषा और प्राचीन भारतीय ग्रंथों के डिजिटलीकरण एवं संवर्धन हेतु सक्रिय । स्थायी पता : देवरिया गंगा, जनपद संतकबीरनगर- 272175 (उ.प्र.)