राजनीतिक विषयों से तटस्थ होकर यह पुस्तक मोदी सरकार के 10 वर्षो के कार्यकाल में लागू हुई जनकल्याणकारी नीतियों एवं उनसे हुए सकारात्मक परिवर्तनों पर एक सार्थक चर्चा करती है। मोदी सरकार प्रारंभ से ही इस समझ के साथ कार्य कर रही है की विकास की मूल प्रवृत्ति सामाजिक है और जिन नीतियों में सामाजिक मूल्य व्याप्त न हों, उसे विकास कहना उचित नहीं होगा।
केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती गैर-भाजपा सरकारों की तरह भारत को केवल एक भूमि का टुकड़ा समझकर अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शासन नहीं किया है, अपितु भावनात्मक स्तर पर जाकर भारत को सत्यस्वरूप भारतमाता मानकर उसकी देहात्मा के रक्षण, पोषण और संवर्धन का कार्य किया है, जिसकी चर्चा इस पुस्तक में विस्तार से की गई है। यही कारण है की मोदी दशक अपनी पूर्णता पर है तथा उसके सुखद परिणाम आज भारत ही नहीं वरन् समूचा विश्व देख रहा है।
भारत की प्रगति, मोदी दशक में हुए सुधारों, प्रदर्शनों एवं बदलावों की एक स्पष्ट और कार्योन्मुख रूपरेखा का परिणाम है। मोदी सरकार के क्रांतिकारी सुधारों ने एक मजबूत एवं विकसित भारत की आधारशिला रखी है: भविष्य का विकसित भारत इन्हीं विकास कार्यों का सह-उत्पाद होगा । लेखक ने बहुत गहराई और अपनी पेशेवर दक्षता से तमाम योजनाओं को इस पुस्तक में परखा है।