पुस्तक को पढ़कर कहा जा सकता है कि लेखक ने भाषाई शुद्धता संबंधी लगभग सभी पक्षों को छूने का प्रयास किया है। आशा करता हूँ, विश्वविद्यालयों, विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ सभी हिंदी प्रेमी इस पुस्तक से लाभान्वित होंगे।

-गिरिधर मालवीय

कुलाधिषति, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के साथ-साथ यह पुस्तक उन सभी सुधी पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जिन्हें हिंदी भाषा से स्नेह है और जो सदैव इस भाषा के विकास के लिए विचार करते हैं अथवा प्रयास करते हैं । सिविल सेवा अभ्यर्थियों में लेखन कौशल के विकास में यह अत्यधिक सहायक होगी ।

-सी.बी.पी. श्रीवास्तव

निदेशक; डिस्कवरी आई. ए. एस., दिल्‍ली

यह पुस्तक आज के दौर में भाषाई अनुशासन को कायम रखने की दिशा में अभिनव प्रयोग है। यह मीडियाकर्मियों, विद्यार्थियों, लेखकों के साथ-साथ हर हिंदीप्रेमी के लिए अच्छी मार्गदर्शिका के रूप में पठनीय है।

-प्रो. संजीव भानावत

पूर्व अध्यक्ष जनसंचार केंद्र, 

राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, 

संपादक; “कम्युनिकेशन टुडे 

यह पुस्तक पत्रकारिता और लेखन से जुड़े लोगों के लिए एक अत्यावश्यक संदर्भ ग्रंथ सिद्ध होगी।

-संजय स्वतंत्र

मुख्य उपसंपादक, 

जनसत्ता, इंडियन एक्सप्रेस सगृह






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About the Author

कमलेश कमल संपादक “राष्ट्रवाक्‌, सह-संपादक संस्कृति पर्व ' पत्रिका । विगत 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेखन एवं संपादन-कर्म | दो हजार से अधिक आलेख, आवरण-कथा, संपादकीय, कविताएँ, कहानियाँ आदि प्रकाशित ।' ऑपरेशन बस्तर' बेस्टसेलर उपन्यास। अंग्रेजी में भी समानांतर लेखन। देशभर के विश्वविद्यालयों में ' भाषा-संवाद : कमलेश कमल के साथ' कार्यक्रम का संचालन। संघ लोक सेवा आयोग, मुख्य परीक्षा हेतु हिंदी एवं निबंध की नि:शुल्क कक्षाओं का संचालन । अध्यक्ष, राष्ट्रवादी लेखक संघ; राष्ट्रीय महासचिव, मातृभाषा उन्‍नयन संस्थान; संयोजक, हिंदी ग्राम; फेसबुक पेज : 'कमल की कलम '। संप्रति : डिप्टी कमांडेंट, आई.टी.बी.पी. । इ-मेल : kamalkeekalam@gmail.com दूरभाष : 7051734688