High Rank के साथ UPSC में Selection पक्का है


दोस्तों, UPSC की परीक्षा में 3 चरण होते हैं जिसमे से दुसरे चरण को मेंस कहते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि इसे मेंस क्यों कहते हैं? मेंस इसलिए क्योंकि यही परीक्षा आपके रिज़ल्ट के संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण यानि मेन मानी जाती है। आप परीक्षा के अंत में किस स्थान पर खड़े होंगे यह काफी हद तक मेंस में आपकी परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। यह सही है कि फ़ाइनल कटऑफ लिस्ट में इंटरव्यू के मार्क्स भी जोड़े जाते हैं लेकिन आप खुद ही सोचिए , एक तरफ 1750 नंबर और दूसरी तरफ 250 नंबर हों तो Weightage किस तरफ ज्यादा होगा? तो यदि आप भी UPSC में अच्छे मार्क्स स्कोर कर अच्छी रैंक हासिल करना चाहते हैं तो इस Blog को जरूर देखें।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा में नौ वर्णनात्मक पेपर होते हैं। और इंटरव्यू तक पहुंचने के लिए न्यूनतम आवश्यक अंक लाने जरूरी हैं। हजारों लोग मुख्य लिखित परीक्षा देते हैं और ज्यादातर सभी एक जैसे ही कंटेट, बुक्स पढ़ते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि आप अपनी लेखन शैली को अलग कर एग्जामिनर पर अलग इंप्रेशन बनाएं। आपको ऐसी शैली में उत्तर लिखने की जरूरत है जो अच्छी, साफ-सुथरी, व्यवस्थित, त्रुटि-मुक्त, सौंदर्यपूर्ण हो और जो तथ्यों की आपकी स्पष्ट समझ को भी दर्शाती हो। आज हम आपको बता रहे है यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए लेखन कौशल में सुधार करने के कौन से तरीके हैं।

ज्यादा से ज्यादा पढ़ें - जितना ज्यादा पढ़ेंगे उतना ही अच्छा लिखेंगे। क्योंकि आपका अधिक पढ़ना इनडायरेक्ट रूप से अच्छी लेखन के तरीकों से आपका परिचय कराता है जो आपके लेखन में दिखता भी है। आईएएस की तैयारी के लिए बहुत अधिक पढ़ना होता है ऐसे में आप जब भी पत्रिका या अखबार पढ़ें तो किसी भी कंटेट को किस तरह से लिखा गया है इस शैली पर भी ध्यान दें। इससे यूपीएससी एग्जाम में राइटिंग स्किल सुधारने में काफी मदद मिलेगी। जितना अधिक पढ़ेंगे आपकी लेखनी उतनी ही अच्छी होती जाएगी।

अपनी रूपरेखा को सुसंगत रखें - आपकी लेखनी की रूपरेखा लिखित कंटेंट के मेन स्ट्रक्चर को दिखाती है। इसलिए अपने कंटेट का आउटलाइन सही रखें। आपने जो भी लिखा है या जो आंसर दिया है उसमें इंट्रोडक्शन, बॉडी और कनक्लूजन जरूर हो। और वह जितना हो सके सुसंगत हो इस बात का ध्यान रखें।

अनावश्यक शब्दजाल या तकनीकी शब्दों का प्रयोग न करें - UPSC मुख्य परीक्षा में उत्तर लिखते समय, अनावश्यक रूप से तकनीकी शब्दों और क्लिच के उपयोग को प्रतिबंधित करें। केवल शब्द संख्या भरने के लिए न लिखें। याद रखें कि क्वांटिटी की तुलना में क्वालिटी की ज्यादा सराहना की जाती है।

जेनरलाइजेशन से बचें - किसी भी लेखन में, जेनरलाइजेशन बचना जरूरी है। सामान्य उत्तर का किसी पर भी बढ़िया इंप्रेशन नहीं बनता इसलिए हमेशा ऐसा कंटेंट दें जिसे आप बेसिक फैक्ट्स और इंफॉरमेंशन के साथ प्रमाणित कर सकें।

ज्यादा अलंकरणों से बचें - आपको अपने उत्तर में उदाहरण अवश्य देना चाहिए। वे निश्चित रूप से आपके ज्ञान को दर्शाते हैं। लेकिन बहुत अधिक उदाहरण भी देने से बचें। साथ ही, आप अपने उत्तरों में कुछ रूपक और उपमाएं दे सकते हैं। लेकिन केवल बहुत ही कम और जब आपको लगता है कि वे बताए जाने के लिए बिल्कुल जरूरी हैं तभी। नहीं तो अंग्रेजी साहित्य के वैकल्पिक पेपर के लिए अलंकरणों को बचाकर रखें।

जितना हो सके अपने लेखन को त्रुटि रहित बनाएं - हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके उत्तर में व्याकरण और वर्तनी की त्रुटियों न हों।

अपना ऑरिजनल बनाएं - आप जो पढ़ते हैं उसे वैसे के वैसा उत्तर पत्र पर न उतार दें। हमेशा उत्तर अपने शब्दों में लिखें। लेकिन लेखन में अपनी रचनात्मकता अधिक से अधिक दिखाएं।

प्रैक्टिस आपको परफेक्ट बनाएगा - बिना प्रैक्टिस के कुछ परफेक्ट नहीं बना जा सकता और न ही कुछ भी सुधारा जा सकता है। UPSC परीक्षा के लिए उत्तर लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करें क्योंकि यह इस उच्च-प्रतियोगिता परीक्षा में जीत और हार के बीच अंतर कर सकता है।

अपने आन्सर को डिफ़्रेंट बनाएँ – यह बात ध्यान में रखिए कि जब आपकी कॉपी का Evaluation हो रहा होगा तब आपके मन की बात आपके Evaluator तक पहुँच रही होगी। अब सोचिए ना, एक ही सवाल के एक जैसे जवाब पढ़ पढ़ कर Evaluator को भी तो बोरियत होती होगी तो ऐसे में यदि आपका आन्सर उसके दिमाग को एकदम से Refresh कर दे तो आपको थोड़े एक्सट्रा मार्क्स मिलने की संभवना बढ़ जाती है। तो अपने आन्सर को थोड़ा अलग बनाने की कोशिश कीजिए। इसके लिए आप Diagrams, Flowcharts, Bargraphs इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

उपरोक्त सभी युक्तियों को प्रतिदिन अपने लेखन अभ्यास में शामिल करें। इससे आप अपने लेखन कला में हर दिन और ज्यादा निपुण होते जाएंगे। आईएएस परीक्षा पास करने के लिए सिर्फ ज्ञान ही काफी नहीं है। आपको अपनी उत्तर पुस्तिका में सुधार करने वाले परीक्षक को यह समझाने की जरूरत होती है कि आपके पास प्रथम श्रेणी के सिविल सर्वेंट बनने के लिए अच्छी नॉलेज और आइडिया भी हैं।