UPSC में Basic Books और Standard Books में असली अंतर


जब भी बात यूपीएससी की तैयारी की होती है तो आपको Basic Books और Standard Books के बार में सुनने को मिलता है। आपने भी जरूर यह दो टर्म्स सुने होंगे और इनके बारे में जानते भी होंगे। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों? किसी भी परीक्षा में Qualify करने के लिए पढ़ाई तो एक या दो किताबों से हो जाती है, हाँ Practice Papers कई सारे हो सकते हैं तो फिर आखिर यूपीएससी में ही किताबों को लेकर इस प्रकार का Bifurcation क्यों? आइए जानते हैं आज के Blog में।

यूपीएससी की तैयारी करने की शुरुआत हमेशा एनसीईआरटी से ही करने की सलाह आपको हर कोई देगा। एनसीईआरटी को इस परीक्षा की फ़ाउंडेशन भी कहा जाता है। एनसीईआरटी बुनियादी किताबें हैं जो यूपीएससी सीएसई पाठ्यक्रम को व्यापक रूप से कवर करती हैं। इन्हें पढ़ना और समझना बहुत आसान है। निम्नलिखित कारणों से यूपीएससी की तैयारी एनसीईआरटी से शुरू करने की सलाह दी जाती है

यूपीएससी पाठ्यक्रम को कवर करता है: एनसीईआरटी बड़े पैमाने पर यूपीएससी सीएसई के पाठ्यक्रम को कवर करता है। यह प्रीलिम्स और मेन्स दोनों के लिए उपयोगी है। यदि हम पिछले वर्षों के प्रश्नों पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि कई प्रश्न सीधे एनसीईआरटी से पूछे जाते हैं।

सरल भाषा का उपयोग: एनसीईआरटी अपनी सामग्री में सरल भाषा का उपयोग करता है। सामग्री को उन छात्रों द्वारा आसानी से समझा जा सकता है जो अंग्रेजी में पारंगत नहीं हैं। यह उम्मीदवार के उत्तर लेखन कौशल को बढ़ाने में मदद करता है।

वैचारिक स्पष्टता: एनसीईआरटी की सामग्री को समझना आसान है। इससे उम्मीदवारों की अवधारणा निर्माण में मदद मिलती है। इसीलिए तैयारी के शुरुआती चरणों में एनसीईआरटी की सिफारिश की जाती है।

जानकारी की प्रामाणिकता: एनसीईआरटी वास्तविक जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें गहन शोध के बाद विशेषज्ञों द्वारा डिज़ाइन किया गया है। इसलिए वे किसी भी विषय में एक मजबूत आधार विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

एनसीईआरटी वैचारिक ज्ञान के निर्माण में मदद करते हैं। लेकिन प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा को संभालने के लिए आवश्यक अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञों और टॉपर्स द्वारा कुछ मानक पुस्तकों की सिफारिश की जाती है। यूपीएससी के लिए मानक पुस्तकों के लाभ निम्नलिखित हैं।

अधिक जानकारी: मानक पुस्तकें सामान्य अध्ययन पत्रों और निबंधों को संभालने के लिए आवश्यक अधिक जानकारी देती हैं। ये किताबें प्रख्यात लेखकों द्वारा शोध करने के बाद लिखी गई हैं। यूपीएससी के लिए मानक पुस्तकों के कुछ उदाहरण हैं लक्ष्मीकांत, रमेश सिंह, नितिन सिंघानिया की भारतीय कला और संस्कृति, गोह चेंग लिओंग आदि।

अद्यतन जानकारी: मानक पुस्तकें यूपीएससी पाठ्यक्रम के आधार पर डिज़ाइन की गई हैं। पुस्तकों में तथ्य और आंकड़े नए संस्करणों में अद्यतन किए जाते हैं।

कोचिंग सामग्री अद्यतन तथ्यों और आंकड़ों के साथ जानकारी प्रदान करेगी लेकिन अवधारणा निर्माण केवल एनसीईआरटी द्वारा ही बेहतर किया जा सकता है। यही कारण है कि कई विशेषज्ञ और आईएएस टॉपर्स यूपीएससी की तैयारी के लिए एनसीईआरटी और कुछ मानक पुस्तकों की सलाह देते हैं। यूपीएससी की तैयारी के लिए केवल कोचिंग सामग्री ही पर्याप्त नहीं होगी। कोचिंग सामग्री आपकी तैयारी को पूरक बनाएगी और आपकी सामग्री में मूल्य जोड़ेगी।

एनसीईआरटी भारत सरकार द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकें हैं और इन्हें यूपीएससी आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए आधार माना जाता है। वे विभिन्न विषयों की एक मजबूत नींव और समझ प्रदान करते हैं। दूसरी ओर, मानक पुस्तकें एनसीईआरटी की तुलना में अधिक उन्नत और विस्तृत होती हैं। वे विषय विशेषज्ञों द्वारा लिखे गए हैं और यूपीएससी पाठ्यक्रम को अधिक गहराई से कवर करते हैं। जबकि एनसीईआरटी मौलिक समझ बनाने के लिए अच्छे हैं, परीक्षा के लिए अधिक व्यापक तैयारी और गहन ज्ञान के लिए मानक पुस्तकें आवश्यक हैं। कई यूपीएससी टॉपर्स प्रभावी तैयारी के लिए एनसीईआरटी और मानक पुस्तकों दोनों का उपयोग करने की सलाह देते हैं।

दोस्तों, आज कल के दौर में इन किताबों के अलावा कई कोचिंग संस्थान भी अपनी किताबें छात्रों को पढ़ने के लिए दे रहे हैं जो वहीं के Teachers द्वारा तैयार किए हुए होते हैं। कई बार इन Booklets को लेकर भी स्टूडेंट्स के मन में संशय होता है कि इनसे पढ़ना ठीक है कि नहीं। उन लोगों से मैं कहना चहुंगी कि इन किताबों कि Authenticity अभी भी उस लेवेल तक नहीं पहुंची है जहां उन्हें हर किसी के लिए सही मान लिया जाए। कोचिंग के Booklets को आप एक प्रकार का नोट्स मान सकते हैं जो उन्हें तो समझ में आ सकती है जिनहोने उन संस्थानों से पढ़ाई की है लेकिन बाकियों के लिए उन्हें समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है,