UPSC की तैयारी में दोस्ती कितनी सहायक ? कितनी घातक ?


हम अपना परिवार तो नहीं चुन पाते हैं लेकिन हमारे दोस्त कौन होंगे यह फैसला पूरी तरह से हमारा ही होता है। स्कूल कॉलेज तक हम सब के ढेरों दोस्त होते हैं जो अलग अलग मौकों पर हमारे साथ खड़े रहते हैं, हमारे साथ चलते हैं और जरूरत पड़ने पर हमारा शर बनते हैं लेकिन जब बात यूपीएससी की तैयारी की है तो सबसे पहला ख्याल जो हमारे दिमाग में आता है कि अब अपने दोस्तों को अलविदा कहने का समय आ गया है। आखिर ऐसा क्या हो जाता है यूपीएससी की तैयारी के दौरान की जो दोस्त कल तक हमे अपने जीवन में आगे बढ्ने में सहायक लगते हैं हम उनसे ही पीछा छुड़ाने के लिए तैयार हो जाते हैं। या फिर यह सब सिर्फ एक भ्रम है कि यूपीएससी करनी है तो खुद को अपने दोस्तों से अलग कर देना चाहिए।

अपनी तैयारी शुरू करने के बाद अपने सामाजिक जीवन को सिम्पल रखें। इसका मतलब यह नहीं है कि आपसे अपने सभी दोस्तों के साथ संबंध खत्म करने की उम्मीद की जाती है। अपने मित्र मंडली को छोटा रखें और सुनिश्चित करें कि जिन मित्रों को आपने करीबी बनाए रखने के लिए चुना है वे आपकी यात्रा में आपका समर्थन करें। चूँकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इसलिए हर किसी से पूरी तरह अलग हो जाने से आप पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अकेलेपन में बहुत सहज हैं, तो आप अपना सामाजिक दायरा बेहद सीमित रखना चुन सकते हैं। लेकिन, यह केवल बहुत कम लोगों पर लागू होता है, और एक उम्मीदवार को खुद को लोगों से पूरी तरह से दूर करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।

जब आप तनावग्रस्त हों तो आप कभी-कभी अपने दोस्तों से बात कर सकते हैं। आपके मन में चाहे कैसे भी दुविधा हो, आप अपने दोस्त के साथ उसे साझा कर सजते हैं और संभव है कि आपको उनके समाधान भी मिल जाएँ। इसके साथ ही वे आपको एक सही सलाह देने से भी नहीं हिचकते हैं चाहे वह आपके लिए कितना भी कड़वा या कष्टकारी क्यों ना हो। वे आपके आस पास एक Comfort Zone भी बनाते हैं जिसके अंदर आकार आप एक अलगा ही अलग इंसान बन जाते हाँ। उनके सानिध्य में रहकर आपका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है और आपके अंदर हर मुश्किल से लड़ने की हिम्मत आ जाती है।

एक अचका दोस्त वैसा ही होता है जैसे कोई अच्छा गाइड। भले ही वह आपके साथ परीक्षा की तैयारी न कर रहा हो लेकिन फिर भी वह तैयारी के दौरान आपकी मनोदशा को अच्छी तरह से समझता है और यदि वह आपके साथ तैयारी कर रहा हो तो आपके लिए Competition भी बनता है और साथ ही आपको खुद को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित भी करता रहता है। वह आपको यह तो बताता ही है कि आप कहाँ गलतियाँ कर रहे हैं मगर वह आपको उन गलतियों से भी आगाह करता है जो आप आगे कर सकते हैं।

इसके अलावा वे आपके बहुत खास राजदार भी होते हैं जिनके साथ अपनी हर सीक्रेट शेयर कर सकते हैं। यदि आपके पास एक अच्छा दोस्त है तो आप बिना झिझक उसके साथ अपने मन की बात शेयर कर अपना मन हल्का कर सकते हैं।

हम सब के लिए ऐसे मित्र बनाना कठिन है जो ईमानदार और भरोसेमंद हों। हालाँकि यदि आपके पास कोई ऐसा दोस्त है जिससे आप भली भांति परिचित है और जिसे आप अपना मिरर इमेज मानते हैं, तो आपको उसे उस रिश्ते से दूर नहीं जाने देने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह शेष जीवन के लिए आपके साथ रहे।

मगर मित्रों का चुनाव सोच-समझकर करें क्योंकि बेईमान व्यक्तियों की संगति आपका जीवन बर्बाद कर सकती है और आपको बर्बादी के रास्ते पर ले जा सकती है। इसलिए अपने मित्र चुनते समय सावधानी बरतें। सही प्रकार के मित्र होने से, कोई भी इस वास्तविकता के बारे में आश्वस्त महसूस कर सकता है कि आपका जीवन अद्भुत और आनंददायक क्षणों से भरा होगा, जिसे आप आने वाले वर्षों तक संजोकर रख सकते हैं।