क्या किसी सब्जेक्ट को छोड़कर भी IAS परीक्षा पास कर सकते हैं ?


यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के मन में कई बार इस प्रकार के विचार उठते हैं कि इतने सारे सबजेक्ट्स की पढ़ाई करनी है, और यूपीएससी हर विषय से सवाल तो पूछने वाला नहीं। क्यों ना पिछले कुछ सालों के Previous Year Questions से ट्रेंड का अंदाज़ा लगा लिया जाए कि किस विषय से कितने सवाल पूछे जा रहे है और फिर उसी के अनुसार अपनी तैयारी की जाए?

तैयारी करेंगे तो परीक्षा बहावन में आपकी इस क्रांति का दमन होना निश्चित है क्योंकि यूपीएससी और अनिश्चितता एक दूसरे के पर्यायवाची ही हैं। इसलिए सबसे पहले तो अपने मन में आ रहे ऐसे किसी भी क्रांतिकारी विचार को निकाल फेंकिए कि आप किसी भी सब्जेक्ट को पूरी तरह इगनोर करके यूपीएससी क्लियर कर सकते हैं। बल्कि इस मैदान को फतह करने के लिए आपको हर विषय से दोस्ती करनी पड़ेगी। इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको क्रांति से ज्यादा धरने वाले भाव के साथ काम करना होगा यानि, जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं।


आईएएस बनने के लिए आवश्यक विषयों का ज्ञान होने से व्यक्ति को समाज, उसकी चुनौतियों और अवसरों की समग्र समझ विकसित करने में मदद मिल सकती है, जो एक प्रभावी और कुशल IAS अधिकारी बनने के लिए महत्वपूर्ण है। नीचे दी गई तालिका में कुछ विषय दिए गए हैं जो आईएएस की तैयारी के लिए सहायक हैं:


IAS Banne Ke Liye Subject :


इतिहास - यह विषय पिछली घटनाओं से संबंधित है, जो वर्तमान स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। यह देश की सामाजिक-राजनीतिक संरचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बारे में भी ज्ञान प्रदान करता है।

भूगोल - यह देश के भौतिक और प्राकृतिक पर्यावरण को समझने में मदद करता है, जिसमें भू-आकृति, जलवायु, प्राकृतिक संसाधन आदि शामिल हैं। यह विषय आपदा प्रबंधन में भी सहायक है।

राजनीति विज्ञान - यह विषय राज्य और सरकार के अध्ययन से संबंधित है, जो भारतीय लोकतंत्र के कामकाज और वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को समझने के लिए आवश्यक है।

अर्थशास्त्र - यह विषय वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और खपत के अध्ययन से संबंधित है, जो सरकार की आर्थिक नीतियों और समाज पर उनके प्रभाव को समझने में मदद करता है।

समाजशास्त्र - यह समाज और सामाजिक व्यवहार के अध्ययन से संबंधित है, जो देश के सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने को समझने के लिए आवश्यक है।

लोक प्रशासन - यह विषय सरकार और उसके संस्थानों के संगठन और कामकाज के अध्ययन से संबंधित है। यह देश की प्रशासनिक व्यवस्था को समझने में सहायक है।

दर्शनशास्त्र - यह समस्या समाधान और निर्णय लेने के लिए एक महत्वपूर्ण और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है।

कानून - यह विषय संविधान और अन्य कानूनों सहित देश के कानूनी ढांचे को समझने के लिए यह आवश्यक है।

मानवशास्त्र - यह विषय मानव समाजों और संस्कृतियों के अध्ययन से संबंधित है, जो भारत की विविध सांस्कृतिक प्रथाओं को समझने में सहायक है।

पर्यावरणीय विज्ञान - यह पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के महत्व को समझने में मदद करता है।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध - यह विषय देशों के बीच संबंधों के अध्ययन से संबंधित है, जो वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को समझने में सहायक है।

मनोविज्ञान - यह मानव व्यवहार, प्रेरणा और दृष्टिकोण को समझने में मदद करता है, जो सार्वजनिक व्यवहार और नीति निर्माण में उपयोगी है।

गणित - विश्लेषणात्मक और मात्रात्मक कौशल विकसित करने में मदद करता है, जो नीति-निर्माण और निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सांख्यिकी - यह विषय डेटा के संग्रह, विश्लेषण, व्याख्या, प्रस्तुति और संगठन से संबंधित है, जो नीति निर्माण और निर्णय लेने में सहायक है।

दोस्तों, यह सभी विषय प्री परीक्षा के सिलैबस के अनुसार हैं। और प्री में इन सभी विषयों के अलावा के और विषय है जिसका कोई खास सिलैबस निर्धारित नहीं है, जिसका वर्णन सबसे कम शब्दों में किया जा सकता है लेकिन फिर भी उसे पढ़ने में अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। जी हाँ हम बात कर रहे हैं करेंट अफ़्फ़ैर्स की। अब इस विषय का सिलैबस बस इतना सा है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की घटननाएँ, लेकिन जब आप इसे पढ़ने बैठेंगे तो आपको समझ आयेगा कि इन घटनाओं का दायरा कितना बड़ा है।

और तो और यूपीएससी में तो Current Affairs के सवाल ज्योग्राफी, पोलिटी, Environment इत्यादि से मिला कर भी पूछे जाते हैं और साइन्स एंड टेक के सवाल तो समझ लीजिये करेंट अफ़्फ़ैर्स वाले ही होंगे। इसलिए आप कोई भी विषय पढ़ रहे हों, करेंट अफ़्फ़ैर्स को बिलकुल इगनोर न करें।