क्या ATM बन गए हैं मुखर्जी नगर के छात्र


जब भी यूपीएससी की बात होती है तो सबसे पहला नाम दिल्ली का आता है। दिल्ली आज से नहीं बल्कि कई दशकों से यूपीएससी की तैयारी का गढ़ माना जाता है। आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि यदि यूपीएससी की सिरियस तैयारी करनी है तो दिल्ली से बेहतर जगह नहीं है। इसके पीछे कई कारण हैं जैसे यहाँ मौजूद बेहतरीन कोचिंग संस्थान, यहाँ रहने की व्यवस्था, यहाँ की Libraries और सबसे महत्वपूर्ण यहाँ का माहौल। अब दिल्ली देश की राजधानी भी है जिसके कारण समय के साथ साथ यहाँ रहना आम छात्रों के लिए काफी मुश्किल होता जा रहा है। कैसे? जानेंगे आज के Blog में।

दिल्ली का मुखर्जी नगर, ओल्ड राजिंदर नगर, करोल बाग और इसके आसपास का इलाका यूपीएससी कोचिंग सेंटरों का हब है। अधिकांश कोचिंग संस्थानों की शाखाएं, 24 घंटे खुली रहती लाइब्रेरियाँ, परीक्षा के अनुकूल प्रतिस्पर्धी माहौल यह सब यहाँ होने की वजह से देश भर से युवा यहां आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग एक लाख से अधिक छात्र इन इलाकों में रहते हैं और यूपीएससी की तैयारी करते हैं। लेकिन वो कहते हैं ना कि यूपीएससी की तैयारी करना कोई आसान काम नहीं है और यह बात Aspirants को यहाँ आते ही समझ में आने लगती है। सबसे पहली समस्या आती है घर लेने की। इन इलाकों में पीजी, हॉस्टल या रूम पर ब्रोकर्स का कब्ज़ा है. दिल्ली में बिना ब्रोकर्स के रहने के लिए जगह तलाशना बहुत मुश्किल है। छात्रों से 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक वे लोग ब्रोकरेज चार्ज लेते हैं। लेकिन तीन से चार महीने में उन्हें इतना परेशान कर दिया जाता है या फिर ऐसा रूम दिया जाता है कि वे खुद ही छोड़कर चले जाते हैं। छात्रों से रूम इसलिए भी खाली कराना होता है कि उसी रूम का उन्हें दोबारा ब्रोकरेज चार्ज मिल सके।

यहां रहने की सुविधाएं तो बहुत हैं, लेकिन बहुत महंगी हैं। बिना खिड़की वाले बॉक्स जैसे कमरों का किराया 7 से 23 हज़ार तक हो सकता है। ऊपर से ये कमरे इतने संकरे होते हैं कि कोई दूसरा यहां ठहर नहीं सकता। आसान शब्दों में कहा जाए तो इन इलाकों में ब्रोकर्स का राज है। ब्रोकर्स की फ़ीस, साथ में डिपॉज़िट और किराया गिना जाए तो यह काफी महंगा है। जिस क्षेत्र में क्लासेस स्थित हैं, वहां सामान्य आर्थिक स्थिति वाले छात्रों के लिए रहना आसान नहीं है।

अब बात करते हैं खाने की। वैसे तो दिल्ली देश की राजधानी है जहां हर तरह का खाना उपलब्ध रहता है। लेकिन यह यूपीएससी के Aspirants के लिए उतना आसान नहीं है। जो छात्र यहाँ बाहर से आते हैं उनके लिए यहाँ का खाना एक समस्या से कम नहीं है। यहाँ के अधिकांश छात्रों के अनुसार यहाँ का खाना जितना अच्छा दिखता है उसका स्वाद उतना अच्छा नहीं है। और ऐसे में कई Aspirants को सिर्फ इसलिए यहाँ से वापस जाना पड़ता है क्योंकि उनके लिए यहाँ खाने के अच्छे Options नहीं होते।

इसके बाद बारी आती है कोचिंग सेंटर्स की। यहां आने के लिए छात्रों को आर्थिक रूप से काफ़ी तैयारी करनी पड़ती है। मुख्य विषय के तौर पर गिने जानेवाले सामान्य अध्ययन की 10 महीने की कोचिंग फ़ीस 1.20 लाख से 1.80 लाख रुपये तक है। इसके अलावा अधिकांश छात्र वैकल्पिक विषय की कोचिंग भी लेते हैं. जिसकी फ़ीस 10 से 50 हज़ार तक होती है. कुछ छात्रों को अलग से सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) की कोचिंग भी लेनी पड़ती है। इन्हें जोड़ दें तो एक छात्र का एक साल का खर्च मोटामोटी तीन लाख रुपये तक पहुंच जाता है।

दिल्ली में तैयारी करने में एक समस्या और आती है और वो है स्वास्थ्य की। और ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी काफी प्रभावित होता है। शुरुआत में यह उतना मायने नहीं रखता है लेकिन समय के साथ सामाजिक दबाव, पैसे की समस्या बढ़ती जाती है क्योंकि आपको कुछ असफलताएँ मिलती हैं. आपकी उम्र के लोगों या दोस्तों को अच्छी जगह नौकरी मिली होगी और आप अभी तैयारी कर रहे हैं, जिससे कई लोग तनाव महसूस करते हैं।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत भर में 12-13 प्रतिशत छात्र मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। तैयारी के लिए एक स्थिर और स्वस्थ माइंडसेट सबसे ज़रूरी है। लंबे समय तक परिवार और दोस्तों से दूर रहना पड़ता है. इस स्थिति में कई लोग अकेलापन महसूस करते हैं। यही मानसिक तनाव अक्सर छात्रों को ग़लत कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र हमेशा अपने प्रदर्शन को लेकर चिंतित रहते हैं। सफलता और करियर बनाने की चिंता रहती है। यूपीएससी जैसी परीक्षाएं बहुत लंबी होती हैं, जिसमें धैर्य की ज़रूरत होती है. कुछ छात्र हताशा और अवसाद में आ जाते हैं और कुछ नशे की ओर चले जाते हैं।

यह सब तो बात हुई आपके पहले साल की और अगर आप पहले साल में सफल नहीं हो पाते हैं तो आपको इन्हीं परिस्थितियों से दोबारा जूझना पड़ सकता है। तो अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली आने की सोच रहे हैं तो यह फैसला करने से पहले इन सभी पहलुओं पर जरूर गौर कीजिएगा।