एक IAS अपनी Service से Resign किन कारणों से देता है


यूपीएससी हमारे देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा है जिसका सपना लाखों बच्चे देखते हैं और न सिर्फ देखते हैं बल्कि उसे पूरा करने के लिए साल दर साल अपनी राते बिना सोये सिर्फ पढ़ाई करते हुए निकाल देते हैं और जब उनका यह सपना पूरा हो जाता है तो सबको यह लगता है कि अब बस जीवन में और कोई मुश्किल नहीं है और बाकी जीवन आराम से कटेगा। लेकिन यदि मैं आपसे कहूँ कि कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो आईएएस से संतुष्ट नहीं होते और वे रिजाइन देने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यह सुनने में आपको थोड़ा अजीब सा लग सकता है कि भला कोई आईएएस बनने के बाद भी क्यों रिजाइन करेगा, लेकिन दुनिया तो ऐसे कई अजीब चीजों से भरी पड़ी है।

दोस्तों, कोई आईएएस क्यों जॉइन करता है – क्योंकि आईएएस को लेकर उसके कुछ Expectations होते हैं और यही Expectations जब उसके ख्यालों से अलग हो तो उसे एक झटका लगता है जो उसे अंदर तक झकझोर देता है और यही झटका उन्हें Resignation जैसा Extreme Step लेने के लिए मजबूर करता है। अब यह झटका क्या है, यह हर Person To Person Vary कर सकता है मगर फिर भी कुछ ऐसी बाते हैं जो किसी इंसान को रिजाइन करने के लिए Compel करती हैं।


Allocted Cadre – कई बार ऐसा होता है कि जब कोई आईएएस में जॉइन करता है तो उसे उसकी पसंद का Cadre नहीं मिल पता। जैसे उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति जो केरल से आता है उसे कश्मीर का Cadre Allocate कर दिया जाए तो हो सकता है, अगेन, हो सकता है कि वह उन खूबसूरत वादियों में खुद को Comfortable महसूस ना करे। हो सकता है कि उसे कश्मीर कि सर्दियाँ रास ना आयें, यह भी हो सकता है कि वहाँ का वातावरण उसकी सेहत पर असर कर रहा हो, या फिर वह बहुत ज्यादा होम सिक महसूस करने लगे; कारण कई सारे हो सकते हैं और इन सबमे से किसी एक कारण या अनेक कारणों से वह रिजाइन करने के लिए मजबूर हो जाए।

Public Dealing – आईएएस का काम Public Dealing का होता है और यह एक ऐसा काम है जिसे आप तब तक नहीं समझ सकते जब तक आप इसका फ़र्स्ट हैंड Experience ना ले लें। अब कई बार लोगों को इस चीज की आदत नहीं होती कि हर मिनट कोई उससे मिलने आ रहा है और जो भी आ रहा वो बस अपना दुखड़ा ही उसके सामने रख रहा है। अक्सर लोग ऐसी Situation में Uncomfortable हो जाते हैं और कई बार तो इतना Uncomfortable हो जाते हैं कि वे काम से ही मुक्ति ढूँढने लगते हैं। पब्लिक Dealing का एक और पक्ष है वह है रसूखदार लोगों से मुलाक़ात और उनकी Demands का। अब डेमण्ड्स यदि जायज हों तो आप उन्हें Entertain कर सकते हैं मगर हम सब जानते हैं कि ऐसे लोगों की ज़्यादातर मांगे नाजायज ही होती हैं और जो लोग दूसरों को ना नहीं बोल पाते वे एक Dead End पर फंस कर रह जाते हैं और फिर उन्हें अपने सामने Resign करना ही एकमात्र विकल्प नज़र आता है।


Unnecessary Interference – आईएएस का काम एक अकेले का नहीं होकर पूरे समाज का होता है। अब समाज का काम है तो इसमे और भी लोग हैं जो अपनी हिस्सेदारी रखते हैं जैसे कि नेता, Businessman, Senior Bureaucrats Etc। अब होता क्या है कि आप नयी नयी नौकरी शुरू करते हैं तो आपको काम की जायदा समझ नहीं होती लेकिन आप कोई Pathbreaking Idea ले कर आते हैं मगर जो Old School लोग होते हैं उन्हें आपका New age idea पसंद नहीं आता और वे पुराने ढर्रे पर ही काम करना चाहते हैं। अब आप एक बार चुप हो गए, दो बार हो गए और फिर धीरे धीरे हो सकता है कि आपको भी यह लगे कि इससे तो अच्छा यह है इस नौकरी को छोड़ ही दिया जाए।


दोस्तों, इसके अलावा और भी कई कारण हैं जो किसी इंसान को आईएएस जैसी नौकरी से रिजाइन करने के लिए मजबूर कर देते हैं जैसे हो सकता है कि आपने आईएएस बन कर जैसी जिंदगी का सपना देखा हो हकीकत उससे बिलकुल उलट हो, हो सकता ही कि आपने सोचा हो कि आईएएस बन कर आप एक आरामदायक जिंदगी जिएगे जहां आपके आस पास नौकर – चाकर होंगे, गाड़ी, होगी, शहरों के लोग आपके आगे पीछे करते रहेंगे मगर जब नौकरी शुरू की तो पता चला कि सेवा तो किसी अंजान से जिले में देना है जहां घर तो है मगर उसमे सीलन पड़ी हुई है, गाड़ी है मगर अक्सर वो गैरेज में पड़ी रहती है तो आपको लगता है कि ये वो नौकरी तो नहीं है जिसके लिए दिन रात एक कर पढ़ाई की थी और अगर यही नौकरी करनी पड़ेगी तो इससे अच्छा है कि इस्तीफा ही दे दूँ।


दोस्तों, अक्सर हम जीवन में जो लक्ष्य बनाते हैं उसका बेंचमार्क किसी न किसी दूसरे व्यक्ति की सफलता होती है। यह दूसरा व्यक्ति कोई भी हो सकता है। वो हमारे माता पिता हो सकते हैं, हमारे रिश्तेदार हो सकते, हमारा कोई सीनियर या हमारा कोई दोस्त हो सकता यहाँ तक कि वो कोई ऐसा व्यक्ति भी हो सकता है जिसे हम पसंद नहीं करते हों। यूपीएससी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। दस में से नौ लोग यूपीएससी कि तैयारी सिर्फ किसी और से प्रभावित हो कर ही करते हैं। अब समस्या तब होती है जब हम यूपीएससी के साथ साथ खुद को पूरी तरह से आँके बिना ही तैयारी शुरू कर देते हैं और जब Selection कन्फ़र्म होने के बाद हकीकत हमारे सपनों से अलग नज़र आती है। और ऐसी स्थिति में दिल टूट जाता है जिसके कारण Resignation जैसे Extreme Step ही एकमात्र विकल्प नज़र आते हैं। तो आप चाहे जो भी लक्ष्य बनाएँ, पहले उसकी बारीकियों को समझें और फिर यह समझने की कोशिश करें कि क्या आप वाकई उसके लिए बने भी हैं या नहीं?