UPSC Hindi Medium छात्रों के लिए एक बहुत बड़ा Advantage
समझी जाने वाली भाषा है और देश के कई राज्यों का आधिकारिक काम काज Hindi में ही किया जाता है। वैसे तो हमारा संविधान भाषा के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव की मनाही करता है लेकिन UPSC के नतीजों को देखकर लगता है कि यह सब सिर्फ किताबों में लिखी हुई बातें हैं और कहीं ना कहीं English के Students को इसमे Favour किया जाता है। इन्हीं नतीजों के कारण UPSC Hindi Medium के विद्यार्थी अक्सर एक Inferiority Complex में तैयारी करने को मजबूर होते हैं जहां उन्हें यह डर सताता रहता है कि उनकी मेहनत सिर्फ उनके Medium के कारण बेकार हो सकते हैं। लेकिन साल डर साल UPSC Hindi Medium के कई Students इस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे बाकी Students को भी हौसला मिल रहा है। आज के Blog में हम कुछ ऐसी ही टिप्स के बारे में जानेंगे जो UPSC Hindi Medium के Students के काफी काम आने वाले हैं।
दोस्तों, UPSC Hindi Medium के Students के सफल ना हो पाने के पीछे सबसे बड़ा कारण है उनका डर। यह सच है कि UPSC के Questions इंग्लिश में तैयार किए जाते हैं और फिर उनका अनुवाद भारतीय भाषाओं में किया जाता है ज्सिके कारण अक्सर प्रश्नों को समझने में दिक्कत होती है। लेकिन यदि आप थोड़ी सी कोशिश करें तो UPSC के इसी प्रोसैस को अपने Favour में Use कर सकते है।
दोस्तों, सबसे पहले आपको यह समझना पड़ेगा कि किसी भी अन्य भाषा की तरह इंग्लिश भी एक भाषा है, भाषा यानि अपनी बात को दूसरों तक पहुंचाने का एक Medium। इसलिए सबसे पहले इससे डरना छोड़िए और इसका उपयोग अपना मकसद पूरा करने के लिए कीजिये।
तैयारी करते समय आप सिर्फ Hindi के Materials पर ही निर्भर मत रहिए और English में भी Materials पढ़ना शुरू कीजिये। इससे दो बातें होंगी, पहला तो आप Hindi में छूट जाने वाले टोपिक्स को भी कवर कर सकेंगे और दूसरा ये कि धीरे धीरे आप इंग्लिश Language में Comfortable हो जाएंगे। यह बात सही है कि इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और आपको ज्यादा समय भी देना पड़ेगा लेकिन यकीन मानिए इससे जो परिणाम सामने आएंगे वो आपके मन के अनुरूप होंगे।
अब आप सोच रहे होंगे कि इंग्लिश में पढ़ कर हिन्दी की तैयारी कैसे हो सकती है? इसका जवाब है कि आपको अपनी तैयारी हिन्दी में ही करनी है, इंग्लिश तो सिर्फ इसलिए पढ़नी है ताकि आप परीक्षा भवन में सवालों को अच्छी तरह समझ सकें और खास कर CSAT में गलती ना करें।
तो सबसे पहले आप अपने मन से इंग्लिश के डर को निकालिए और उसे एक अन्य भाषा की तरह से Treat कीजिये। शुरुआत में आपको थोड़ी मुश्किल होगी, ऐसे कई Terminologies और Words आपके सामने आएंगे जो आपको समझ ही नहीं आएंगे और आपका मन इस Process से भाग ने को कहेगा लेकिन यूपीएससी की खातिर यह बहुत जरूरी है कि आप मैदान में डटे रहें। शुरुआत में यदि आपको समझने में दिक्कत आती है तो डिक्शनरी का सहारा लेने की बजाय कांटेक्स्ट को समझने की कोशिश करें। जब आप बार बार किसी एक शब्द या टर्म को पढ़ेंगे तो उसका मतलब आपको खुद ब खुद समझ में आने लगेगा और यदि कई बार अलग अलग जगहों पर उस शब्द को पढ़ने के बावजूद भी आपको उसका मतलब समझ में नहीं आ रहा हो तो आप डिक्शनरी की सहायता ले सकते हैं।
धीरे धीरे आप देखेंगे कि आप इंग्लिश लैड्ग्वेज में भी Comfortable होते जा रहे हैं और भाषा की बंदिश आपके लिए खत्म होती जाएगी। यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि आप को इंग्लिश सिर्फ पढ़ने और पढ़ कर समझने तक की ही मेहनत करनी है। सवालों के जवाब तो आपको हिन्दी में ही लिखने हैं। लेकिन जैसे जैसे आप इंग्लिश पर Command करते जाएंगे, आपका लेवेल ऑफ कॉन्फ़िडेंस भी बढ़ता जाएगा।
दोस्तों, इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा फायदा आपको CSAT में देखने को मिलेगा जो UPSC Hindi Medium के अधिकांश स्टूडेंट्स के लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं होता। यदि आप तैयारी के दिनों से ही इंग्लिश पढ़ आकर उसे हिन्दी में समझने की कला विकसित कर लेते हैं तो आप परीक्षा में आने वाले अनुवाद की बाधा को आसानी से पार कर सकते हैं और साथ ही आपको कॉम्प्रिहेन्शन को समझने और उनका सही उत्तर चुनने में भी काफी मदद मिलेगी।
तो दोस्तों, जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री अक्सर कहा करते हैं कि हमें आपदा में अवसर तलाशना चाहिए उसी तरह आपको भी भाषा की इस बाधा में अपने लिए एक एक अवसर तैयार करना चाहिए। यह सच है कि इससे आपकी मेहनत बढ़ेगी लेकिन जो मेहनत से घबड़ा जाए वो UPSC Aspirant ही कैसा?