आज की यह कहानी एक मां, बेटी और पिता के सपनों की है | पति की मौत के बाद एक मां ने न सिर्फ घर संभाला बल्कि अपनी बेटी को भी मंजिल दिलाने में अहम भूमिका निभाई आज उस बेटी ने देशभर में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर उन्हें पहचान दिलाई है | हाल ही में UPSC CSE 2022 का रिजल्‍ट जारी किया गया | जिसमें बिहार के बक्‍सर की रहने वाली गरिमा लोहिया ने देशभर में दूसरी रैंक हासिल की गरिमा की सफलता की खबर फैलते ही जिले में खुशी की लहर दौड़ गई | देश में बक्सर का नाम रोशन करने वाली बेटी को जिले के लोग बधाई दे रहे हैं | लेकिन UPSC में सफलता का सफर गरिमा के लिए इतना असान नहीं रहा | इसके लिए गारिमा को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी हलातों से हार नहीं मानी और अपने पिता के देखे सपने को पूरा करके दिखाया | आईए जानते हैं UPSC TOPPER गरिमा लोहिया की सफलता की कहानी |


बिहार के बक्सर की रहने वाली गरिमा ने अपने शहर के वुड स्टॉक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद सनबीम भगवानपुर से इंटर की पढ़ाई की गरिमा 15 सदस्यों के संयुक्त परिवार में रहती हैं | गरिमा के पिता बक्सर जिले में कपड़ों के थोक व्यापारी थे, सब कुछ सही चल रहा था कि अचानक साल 2015 में गरिमा के पिता को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई | जिसके बाद पूरे परिवार को गरिमा की मां सुनीता देवी ने ही संभाला | इस घटना के बाद गरिमा पूरी तरह से टूट चुकी थी,  लेकिन गरिमा की माँ ने उन्हें हौंसला दिया और उनसे अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने पिता के सपने को पूरा करने कहा |


जिसके बाद गरिमा ने आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन लिया | लेकिन साल 2020 में कोविड महामारी के आ जाने के बाद लास्ट सेमेस्टर की परीक्षा से पहले ही गरिमा को अपने घर वापस आना पड़ा | आपको बता दें गरिमा के पिता चहते थे कि उनकी बेटी बड़े होकर IAS बने और देश की सेवा करें | अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए गरिमा ने कॉलेज के दिनों से ही UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी | उन्होंने वापस आने के बाद घर से ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी | गरिमा ने परीक्षा की तैयारी के लिए YOUTUBE और किताबों का सहारा लिया और रोजाना करीब 8-10 घंटे पढ़ाई करने लगी | जिसके बाद उन्होंने साल 2021 में UPSC में पहला प्रयास किया, लेकिन इसमें गरिमा प्री भी पास नहीं कर पाई | इस असफलता को सबक के तौर पर लेते हुए गरिमा ने फिर से UPSC की तैयारी शुरू की और साल 2022 में अपना दूसरा प्रयास किया | और इस बार गरिमा ने सीधे सेकेंड टॉपर बन गई |


गरिमा अपनी इस सफलता की सारा श्रेय अपनी मां सुनीता देवी को देती हैं | साथ ही गरिमा कहती हैं कि “मुझे गर्व है कि बक्सर जैसे शहर में रहकर मैंने ये सपना देखा. और आज मेरा ये सपना पूरा हुआ | 2020 से मैंने घर पर रहकर UPSC की तैयारी शुरू की थी | घर पर ही बुक्स और ऑनलाइन रिसोर्स से पढ़ाई की कभी घर पर पढ़ाई करने में कोई दिक्कत होती थी तो इंटरनेट के जमाने में सब कुछ ऑनलाइन मिल जाता था | मेरा जब मन किया तब मैंने 8-10 घंटे पढ़ाई की लेकिन जब मन नहीं होता तो 2-3 घंटे ही पढ़ाई की है."  UPSC 2ND TOPPER गरिमा ने अपना आगे की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि, वह बिहार के ही किसी छोटे से शहर मैं रहकर वहां के लोगों के लिए काम करना चाहती है |