IPS ऑफिसर का सबसे बड़ा पद कौन सा है?

दोस्तों, आज हम बात करेंगे आईपीएस के बारे में और जानेंगे कि आईपीएस की सेवा में लोग कहाँ से शुरुआत करते हैं और उनका career path कैसा होता है? तो आइए बिना देर किए शुरू करते हैं।


एसपी (Superintendent Of Police)

भारत के हर जिले में एक एक विशेष अधिकारी के रूप में इन्हे भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक घनी आबादी वाले, शहरी इलाके, या नक्सल प्रभावित जिलों या फिर छोटे जिलों में एक जिले के पुलिस बल का प्रमुख होता है। ये एक छोटे से जिले के साथ-साथ एक बड़े ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के भी प्रमुख होते हैं। आमतौर पर ट्रेनिंग और probation के बाद आईपीएस अधिकारियों को इसी पद पर नियुक्त किया जाता है।


SSP (सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस)

पुलिस विभाग में एसएसपी का पद एक सम्मान जनक पद हैं। एसएसपी पद के लिए  कोई डायरेक्ट भर्ती या परीक्षा  का आयोजन नहीं किया जाता है। इस पद को SP पद से प्रोमोट करके बनाया जाता है. भारत में, महानगरीय, अत्यधिक आबादी वाले या नक्सल प्रभावित जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ही कहे जाते हैं। इनके वर्दी पर दो स्टार लगा होता है। ये जिले में हर तरह के अपराध को रोकने का काम करते हैं।


DIG (पुलिस महानिरीक्षक)

डीआईजी का फुल फॉर्म Deputy Inspector General of Police होता है। इस पद पर काम करने वाले पुलिस अधिकारी के कंधे पर तीन स्टार लगे होते हैं। यह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) या पुलिस उपायुक्त (DCP) की तुलना में एक वरिष्ठ रैंक है। ये आईजी के अंडर में काम करते हैं। किसी राज्य के पास जितने DIG हो सकते हैं, उनकी कोई सीमा नहीं है और अधिकांश राज्यों में कई DIG है। DIG एक IPS अधिकारी का एक पद है। इनका काम क्षेत्र में पुलिस बल के पर्यवेक्षण और नियंत्रण में पुलिस Inspector General को सहायता प्रदान करते हैं। उसे अपने क्षेत्र के पुलिस बल में दक्षता और अनुशासन बनाए रखना होता है।


आईजी (Inspector General of Police)

पुलिस विभाग में दूसरा सबसे बड़ा आईजी या ADGP (एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) का पद आता है। कई वर्षों तक एसपी के पद पर काम करने के बाद इन्हें प्रमोशन देकर आईजी बनाया जाता है। ये सीधे डीजीपी को रिपोर्ट करते हैं। इनके अंडर में डीआईजी कार्य करते हैं।


DGP (Director General of Police)

पुलिस विभाग में सबसे बड़ा पद डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) का होता है। ये आईपीएस रैंक के अधिकारी होते हैं। इनके ऊपर पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी होती है। DGP एक राज्य के अंदर पुलिस विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी होता है, यानि की राज्य का पूरा पुलिस महकमा DGP के आदेशों का पालन करता है। एक राज्य के अंदर कानून व्यवस्था बनाये रखना, इसके लिए जरुरी कदम उठाना, नए नियम कानून लागु करना, समय समय पर सभी पुलिस थानों,चौकियों का निरिक्षण करना, नीचे काम कर रहे पुलिस अधिकारियो के कार्यो की जाँच करना आदि इस तरह के कार्य एक DGP के अंतर्गत आते है। DGP को प्रति माह 1,20,000 से 1,60,000 रूपये के लगभग वेतन मिलता है, इसके अलावा रहने के लिए घर, नौकर, चाकर, सिक्योरिटी और आने जाने के लिए कार की सुविधा भी मिलती है।


डीजीपी का काम –


डीजीपी का सबसे महत्वपूर्ण काम यह होता है कि वह अपने राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखें.

डीजीपी का कार्य होता कि वह अपना राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखें तथा यह सुनिश्चित करें उनके राज्य में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से लागू है या नहीं.

डीजीपी अपने राज्य में अपराध के दर को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं वह हर जिले की अपराध के रिपोर्ट की जानकारी लेते हैं. वहां के पुलिस विभागों को निर्देश देते हैं कि वह कैसे काम करें ताकि उन जिलों में अपराध कम हो.

डीजीपी नियमित रूप से अपने अंदर आने वाले सारे पुलिस विभागों की निरीक्षण करते हैं ताकि यह सुनिश्चित कर पुलिस विभाग में काम हो रहा है तथा वहां उनको संसाधन प्राप्त हो रहे हैं.

डीजीपी अपने अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का प्रोत्साहन करते हैं.

डीजीपी को हर वर्ष राज्य सरकार को राज्य के कानून व्यवस्था तथा  राज्य में अपराध दर की रिपोर्ट देनी होती है।

In short, डीजीपी के ऊपर पूरे राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी होती है। इनकी शक्तियों की बात करें तो जो राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर्स के पास होती हैं उसी दर्जे की शक्तियां डीजीपी को भी प्रदान की गयी है। राज्य में 1 से लेकर अधिकतम 4 डीजीपी हो सकते हैं।