मुझे IAS Coaching कब ज्वाइन करना चाहिए
यूपीएससी और कोचिंग का संबंध ऐसा है मानों दोनों एक दूसरे के भाई हों। अक्सर जब यूपीएससी की तैयारी की बात होती है तो सबसे पहला सवाल दिमाग में यही आता है कि कोचिंग कौन सा जॉइन करना चाहिए? अब इसमे तो कोई दो राय नहीं है कि कोचिंग संस्थान यूपीएससी की टाइरी में बहुत मदद करते हैं। आप हर साल results के बाद देखते होंगे कि कोचिंग संस्थान शान से अपने सफल students की फोटो बड़े बड़े hoardings पर लगवाते हैं। लेकिन कोचिंग का सही एडवांटेज लेने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप उसकी guidance का सही उपयोग करें। और इसिलिए कोचिंग जॉइन करने से पहले आपको इस बात की चिंता जरूर करनी चाहिए कि क्या आपके कोचिंग जॉइन करने का सही समय आ चुका है?
दोस्तों, सबसे पहले यह समझिए कि एक कोचिंग संस्थान तैयारी में आपकी किस प्रकार मदद करते हैं? एक कोचिंग संस्थान आपको study materials provide करवाते हैं, आपको topics पढ़ाते व समझाते हैं, नियमित रूप से आपकी परीक्षा लेते हैं और आपके doubts भी clear करते हैं। ध्यान से देखा जाए तो यह सभी requirements तैयारी के दिनों के अलग अलग stages को दर्शाते हैं। तो सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आप तैयारी के किस स्टेज पर हैं।
आम तौर पार कोई भी कोचिंग सेंटर एक ही परीक्षा के लिए अलग अलग तरह के packages announce करते हैं। उदाहरण के लिए यूपीएससी की अगले साल होने वाली परीक्षा के लिए same coaching center दस हज़ार से लेकर 1 लाख रुपये तक के courses ऑफर करते हुए दिखाई दे जाएंगे। अब यहाँ कैच यह है कि स्टूडेंट को यह डिसाइड करना है कि उसके लिए कौन सा कोर्स फायदेमंद है। जैसे यदि आप अपनी तैयारी ज़ीरो से शुरू कर रहे हैं तो आपको फुल कोर्स चुनना चाहिए। लेकिन यदि आप पहले से तैयारी कर रहे हैं तो आप अपनी जरूरत को ध्यान में रख कर उसी subject का course चुन सकते हैं।
आज कल स्टूडेंट्स के सामने एक confusion और भी हो गयी है, और वह है coaching vs self study की confusion। कई लोगों को लगता है कि सस्ते इंटरनेट के जमाने में भला कोचिंग क्यों join करें। जो कुछ उन्हें classes में पढ़ाया जाएगा वह सब तो वे घर पर बैठ कर खुद ही पढ़ सकते हैं। और यह काफी हद तक सच भी है। लेकिन इंटरनेट पर पढ़ाई करने के कुछ लिमिटेशन्स भी हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए। इंटरनेट पर दुनिया भर का ज्ञान उपलब्ध है मगर कभी-कभी इसकी यही खासियत इसकी खामी बन जाती है। जब आप यहां कोई खास जानकारी तलाशते हैं, तो आपके पास जरूरी के साथ-साथ बहुत-सी गैर-जरूरी जानकारी की बाढ़ आ जाती है। जानकारी की यह अति परीक्षा की तैयारी में बाधा ही डालती है, जबकि आपको फोकस्ड पढ़ाई करने की जरूरत होती है। इस स्थिति में कोचिंग आपकी काफी मदद कर सकते हैं। वहाँ पढ़ाने वाले teacheers को कई सालों का एक्सपिरियन्स होता है जो आपके लिए कंटैंट को फ़िल्टर कर देते हैं। लेकिन यदि आपको लगता है कि आप खुद से यह काम कर सकते हैं या आपके पास कोई guide है जो इसमे आपकी मदद कर सकता है, फिर तो आपके लिए इंटरनेट और सेल्फ स्टडी बेहतर है।
इस वीडियो की शुरुआत में हमने आपको तैयारी के अलग अलग stages के बारे में बताया था - study materials, subject clarification, tests और doubts। अब इनमे से तीन पर तो आप खुद से काम कर सकते हैं और इंटरनेट की मदद से पूरी तैयारी कर सकते हैं लेकिन जो चौथा यानि doubt वाला phase है, उसके लिए आपको कोचिंग की जरूरत पड़ती ही है। टेस्ट्स के बाद doubts होना बहुत ही आम बात है, लेकिन यदि इन doubts को सही समय पर क्लियर नहीं किया जाये तो परीक्षा में मुश्किल हो सकती है। अब अपने doubts आप internet से भी क्लियर कर सकते हैं लेकिन इसमे आपको काफी समय देना होगा और हो सकता है कि आपको अपने सवालों का satisfactory answer भी ना मिले। ऐसे में कोचिंग की भूमिका बहुत अहम हो जाती है।