आज की तारीख है 14 अप्रैल, बात है साल 1901 की  एक लड़का अपने पिता से मिले पत्र के बाद भाई-बहनों के साथ गर्मियों की छुट्टी में उनसे मिलने कोरेगांव जा रहा था | सब लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे, वहां से ट्रेन मसूर तक गई जो कोरेगांव का सबसे नजदीकी स्टेशन था | पिता ने पत्र लिखा था कि वो स्टेशन पर अपने चपरासी को भेज देंगे, लेकिन एक घंटे तक कोई नहीं आया | बच्चों को देख स्टेशन मास्टर ने पूछा ‘सब चले गए, तुम लोग यहां क्यों खड़े हो’ | इसपर बच्चों ने बताया कि उन्हें कोरेगांव जाना है और वो अपने पिता या उनके चपरासी का इंतज़ार कर रहे हैं | इस वक्त तक स्टेशन मास्टर को नहीं पता था कि वह बच्चें महार जाति के हैं | जब स्टेशन मास्टर को इस बरे में पता चला तो उसके हाव भाव बदल गए और वो अपने कमरे में लौट गया | अछूत होने के चलते कोई भी बैलगाड़ी वाला बच्चों को ले जाना नहीं चहता था | इस घटना ने उस लड़के को छोटी जाति के लोगों के प्रति देश में चल रहे छुआ-छुत के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा दी | यह लड़का कोई और नहीं भारत के सबसे प्रखर और अग्रणी दलित नेता डॉ. भीमराव आंबेडकर थे |


भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के महू में आज ही के दिन 14 अप्रैल 1891(इक्यानबे) में हुआ | वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं और अंतिम संतान थे | उनका मराठी मूल का परिवार महाराष्ट्र रत्नागिरी जिले के आंबडवे गांव का था | वे हिंदूओं में अछूत माने जाने वाली महार जाति से थे, इस वजह से भीमराव को बचपन से ही भेदभाव और सामाजिक तिरस्कार का सामना करना पड़ा | डॉ अंबेडकर बचपन से ही एक मेधावी छात्र रहे | साल 1908 में, अंबेडकर जी ने एलफिंस्टन हाई स्कूल से अपनी दसवीं कक्षा पास की और 1912 में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की उपाधि हासिल की  जिसमें राजनीतिक अध्ययन और अर्थशास्त्र उनके विषयों के रूप में शामिल रहे | अंबेडकर जी एक बुद्धिमान छात्र थे और उन्होंने बिना किसी समस्या के अपनी सभी परीक्षाओं को पास किया | एक बार सहयाजी राव तृतीय के. गायकवाड़ शासक उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अंबेडकर जी को 25 रुपये प्रति माह की स्कॉलरशिप दी | अंबेडकर जी ने उन सारे पैसों का इस्तेमाल भारत के बाहर अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए किया |


उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वे लंदन विश्वविद्यालय और कोलंबिया विश्वविद्यालय गए और साल 1915 में उन्होंने मास्टर डिग्री पूरी की,यहीं वह समय था जब बाबा साहेब ने 'एंशियंट इंडियन कॉमर्स' नामक अपनी थीसिस दी | 1916 में, उन्होंने अपनी नई थीसिस, 'रुपये की समस्या: इसकी उत्पत्ति और इसका समाधान' पर काम करना शुरू किया | इसी दौरान उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के लिए आवेदन किया और उसके लिए चयनित भी हो गए | जिसके बाद वह सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में, राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर बन गए, लेकिन उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया और इंग्लैंड चले गए | उन्होंने अपनी पीएच.डी. साल 1927 में अर्थशास्त्र में से पूरी की और उसी वर्ष कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किए गए |


साल 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गठन में अंबेडकर जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | जिसके बाद साल 1955 में वह वापस भारत आ गए | वह बेहतर सरकार के लिए मध्य प्रदेश और बिहार के विभाजन का प्रस्ताव देने वाले पहले व्यक्ति थे | वे संस्कृत को भारतीय संघ की राजभाषा भी बनाना चाहते थे जिस वजह से उन्होंने दो बार 'लोकसभा' के चुनाव में भाग लिया, लेकिन दोनों अवसरों पर जीतने में असफल रहे | आपको बता दें कोलंबिया यूनिवर्सिटी में सिलेबस के रूप में उनकी आत्मकथा 'वेटिंग फॉर ए वीज़ा' का प्रयोग किया जाता है | वह रोजगार और निर्वाचन क्षेत्र के आरक्षण के सिद्धांत के विरोधी थे और नहीं चाहते थे कि व्यवस्था बिल्कुल भी मौजूद रहे | वह पीएचडी अर्जित करने वाले पहले भारतीय थे | अम्बेडकर ही थे जिन्होंने भारत के काम के घंटों को 14 घंटे से घटाकर आठ घंटे करने पर जोर दिया था |


वहीं अंबेडकर के राजनीतिक जीवन की बात करें तो उन्होंने लेबर पार्टी का गठन किया था | इसके अलावा वह संविधान समिति के अध्यक्ष रहे | देश को आजादी मिलने के बाद वह कानून मंत्री नियुक्त किया गए | जिसके बाद उन्होंने बाॅम्बे नॉर्थ सीट से देश का पहला आम चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा | बाबा साहेब राज्यसभा से दो बार सांसद चुने गए | आपको बता दें हमारे देश के संविधान को बनने में अंबेडकर जी का बहुत बड़ा हाथ था | इन सबके बाद भी उन्होंने दलित और शोषित समाज के उत्थान के लिए पूरे समर्पित भाव से काम किया | वहीं साल 1948 से उन्हें डायबिटिज की शिकायत शुरू हो गई और दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से उनके आंखें भी कमजोर हो गई | जिसके बाद साल 1955 में उनकी तबियत और ज्यादा खराब हो गई | अपनी किताब "The Buddha and His Dharma" को पूरा लिखने के तीन दिन बाद ही 6 दिसंबर साल 1956  में उन्होंने दिल्ली के अपने घर में नींद ही में अपने प्राण त्याग दिए |


1919: हिन्दी फिल्मों की मशहूर गायिका शमशाद बेगम का जन्म। 

1922: प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार, शास्त्रीय गायक और सरोद वादक अली अकबर खां का जन्म। 

1944: बॉम्बे पोर्ट (बंदरगाह) पर गोला बारूद से लदे एक जहाज में विस्फोट हो गया। इसमें 800 से भी ज्यादा लोग मारे गए। 

1963: हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन का निधन। 

1995: भारत ने एशिया कप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को हराया। इसी के साथ भारत चौथी बार एशिया कप का चैंपियन बना। 

2005: भारत और अमेरिका ने अपने-अपने उड़ान क्षेत्र एक-दूसरे की एयरलाइनों के लिए खोलने का ऐतिहासिक समझौता किया। 

2010: पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में चक्रवाती तूफान में 123 लोगों की जान गई। 

2010: चीन के किगगाई में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया। लगभग 2700 लोगों की मौत।


Dr. Bhimrao Ambedkar की महत्वपूर्ण पुस्तकें :- 



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