कहते हैं कि जो चीज इंसान की पहुँच से जितनी दूर होती है उसके बारे में मिथक भी उतने ही अधिक होते हैं। वो कहावत है ना, अंगूर खट्टे हैं। अगर कोई चीज हासिल ना कर सको तो उसके बारे में मिथ्या फैला दो। यह इन्सानो की एक आम प्रकृति है जिसका पालन वे सदियों से करते आ रहे हैं। कुछ यही हाल यूपीएससी का भी है। यूपीएससी में असफल छात्रों की संख्या सफल होने वालों की तुलना में लाखों गुना अधिक है तो जाहिर है कि उसके बारे में मिथ्या भी उतनी ही अधिक प्रचारित की जाएगी। अब तो हाल ऐसा हो गया है कि कुछ मिथक तो ऐसे हो गए हैं जिन्हें नए aspirants अक्सर सच मान लेते हैं। अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो इस वीडियो को पूरा जरूर देखिएगा क्योंकि आज हम कुछ ऐसे ही मिथकों को तोड़ने जा रहे हैं जिन्हें आप सच मान बैठे हैं।
UPSC की तैयारी से जुड़े 5 मिथक
Throughout brilliant academic record – यह सच है कि जो लोग यूपीएससी qualify करते हैं वो आम student से तो academically बेहतर होते है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि वे अपने पूरे student life में topper रहे हों। बल्कि यदि आप किसी भी वर्ष upsc qualifiers की लिस्ट को देखें तो साफ हो जाएगा कि उनमे से अधिकांश स्कूल में एक average student ही थे। दरअसल यूपीएससी क्लियर करने के लिए यह जरूरी नहीं कि आप एक ब्रिलियंट स्टूडेंट हों, बल्कि इंपोर्टेंट तो ये है कि आप एक जागरूक स्टूडेंट हों जो अलग अलग सब्जेक्ट्स की समझ रखते हों।
दिन में 15 – 16 घंटे पढ़ाई करनी पड़ती है – दोस्तों, इस बात को तो इसी तर्क से खारिज किया जा सकता है कि यह संभव ही नहीं कि आप लगातार एक साल या उससे भी ज्यादा समय तक हर दिन 24 में से 15 – 16 घंटे पढ़ाई के लिए निकाल सकें। यदि आप यूपीएससी क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स के interviews देखेंगे तो अपक्कों पता चलेगा कि सबने यही कहा है कि वे हर दिन नियम से अपनी पढ़ाई करते थे। अब कोई 10 घंटे पढ़ता था तो कोई 8 तो किसी ने 4 घंटे पढ़ कर ही यह exam क्लियर कर लिया। अब यह आपको तय करना है कि आप कितने घंटे पढ़ाई कर सकते हैं, बस इस बात का ध्यान रखिए कि पढ़ाई हर दिन करनी पड़ेगी।
ढेर सारी किताबें पढ़नी पड़ती हैं – यूपीएससी में सफल होने के लिए ढेर सारी किताबें पढ़ने से अच्छा होता है कि आप एक ही किताब को बार बार पढ़ें। दोस्तों, आप चाहे जितनी भी किताबें खरीद लें, उनमे से ज्ञान और जानकारी आप उतनी ही निकाल सकते हैं जितना आप उनको पढ़ेंगे। कई लोग यह सोचते हैं कि अलग अलग किताबें पढ़ कर वे अपनी जानकारी बढ़ा सकेंगे लेकिन ऐसा होता नहीं है, उल्टे कन्फ़्युशन बढ्ने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन यदि आप एक ही किताब को बार बार पढ़ेंगे तो आप हर बार उसी में से नयी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
परीक्षा में कुछ भी पूछा जा सकता है – यह बात सच है कि यूपीएससी का सिलैबस काफी बड़ा और व्यापक है और एक नज़र में देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि इसमे दुनिया की हर topic को शामिल कर दिया गया है लेकिन जब आप सिलैबस को गहराई से पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि यूपीएससी की सिलैबस में हर टॉपिक को डीटेल में बताया गया है और परीक्षा में इस सिलैबस से बाहर कुछ भी नहीं पूछा जाता है। यदि आप यूपीएससी syllabus को और बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं तो हमारी पुरानी videos देख सकते हैं जहां हमने syllabus के हर आस्पेक्ट को कवर किया है।
इंटरव्यू में अटपटे सवाल पूछे जाते हैं – दोस्तों, अपने अक्सर whatsapp या अन्य सोश्ल मीडिया platforms पर ऐसे पोस्ट देखे होंगे जिसमे अटपटे से सवाल होते है और साथ में लिखा होता है कि यह सवाल यूपीएससी के interview में पूछा गया था। जैसे एक आदमी 1972 में पैदा हुआ और 1972 में मर गया, ऐसा कैसे संभव है? या फिर एक आदमी प्लेन से बिना parachute के कूद गया फिर भी बच गया, ऐसा कैसे हो सकता है? दोस्तों, यह सब पहेलियाँ या riddles हैं और यूपीएससी के interview panel में बहुत serious लोग होते हैं। वे आपसे नॉन serious सवाल नहीं पूछते।
तो उम्मीद है कि आज आप भी समझ गए होंगे कि यूपीएससी को हौआ बनाने के लिए जो बातें अफवाह की तरह उड़ाई जाती हैं उनमे कितनी सच्चाई है।