आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई बस कम समय का रोना रोता रहता है। ऊओस्क की तैयारी करने वाले भी इसी जुगत में रहते हैं कि वे अपना सिलैबस कम से कम समय में कैसे पूरा कर सकते हैं। हालांकि यह भी सच है कि यूपीएससी का सिलैबस इतना बड़ा है जिसे पूरा करने में आम तौर पर दो साल का समय लगना आम बात है लेकिन फिर भी स्मार्ट वर्क और सही टाइम मैनेजमेंट की मदद से आप इसे दो साल से काफी कम समय में भी पूरा कर सकते हैं। कैसे? 


UPSC एग्जाम को दो भागों में बांटकर तैयारी करनी चाहिए। पहले भाग से मतलब है प्रीलिम्स परीक्षा। इसमें दो पेपर होते हैं, एक GS (जनरल स्टडीज) और दूसरा C-SAT का पेपर होता है। दूसरा भाग mains और इंटरव्यू` का है। यह बात गांठ बांध लें कि प्री-एग्जाम हो या मेन्स या फिर इंटरव्यू ही क्यों न हो, कटऑफ मार्क्स के कम होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। पिछली बार के रिजल्ट इस तथ्यों को प्रमाणित भी करते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी तैयारी में किसी भी तरह की कोई ढील न दें। मेहनत से अपने पाठ्यक्रम की तैयारी करें, जिससे दूसरों से बेहतर कर सकें।


सबसे पहले उन कॉन्सेप्चुअल टॉपिक पर पढ़ें जो आपके चयनित पांच कोर सब्जेक्ट हैं। इसके साथ ही आप अपने को सीसैट के लिए परखना भी शुरू करें. इसके लिए आप पुराना पेपर उठाकर खुद को स्कोर करें. अगर आप इसमें घर पर टेस्ट करके 100 तक नंबर स्कोर कर लेते हैं तो आपको इस भाग की तैयारी अलग से करने की जरूरत नहीं है। अपना समय दूसरे subjects को dedicate करें। 


कई एस्प‍िरेंट सोचते हैं कि वो अपने नये सोर्सेज से पढ़ें, लेकिन उसके लिए जो पहले से क्लासिक सोर्स दिए गए हैं, उससे ही तैयारी करना मुफीद रहता है। इसके साथ ही आप कितने चैप्टर और पेज दिन में पढ़ते हैं, उसका भी हिसाब रखें. कोर टॉपिक्स पर फोकस करें, कोर टॉपिक्स वर्किंग प्रोफेशनल के लिए भी अच्छे रहते हैं। इसके बाद आपकी बेसिक साइंस एंड टेक, करेंट अफेयर्स की तैयारी साथ में होती है. बाकी एथ‍िक्स की पढ़ाई करनी है, जिसे आप प्रीलिम्स के बाद भी कर सकते हैं।


सिलेबस को कवर करने के बाद, मॉक टेस्ट को प्रैक्टिस किया जाना चाहिए। मॉक टेस्ट की संख्या वाजिब होनी चाहिए। बहुत टेस्ट आपकी कीमती ऊर्जा को खत्म कर देंगे। कम संख्या आपको परीक्षा के लिए तैयार नहीं कर सकेगी। मॉक टेस्ट के बाद विश्लेषण एक जरूरी अभ्यास है। अच्छे प्रदर्शन से उत्साह नहीं आना चाहिए। खराब प्रदर्शन से निराश नहीं होना चाहिए। बस अपने आप को लगातार बेहतर बनाने का प्रयास करें।


इस परीक्षा में करेंट अफेयर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिए रोजाना अखबार पढ़ें। साथ ही, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स ऑनलाइन या किसी किताब की मदद से पढ़ें। हर महीने के अलावा लास्ट सिक्स मंथ की भी मैग्जीन पढ़‍िए। दिन में अध‍िकतम 45 मिनट न्यूजपेपर पढ़ें, इससे ज्यादा वक्त न दें।


पिछले वर्ष के पेपर तैयारी के लिए रडार की तरह होने चाहिए जो आपकी तैयारी को दिशा प्रदान करते हैं। आपके बेसिक नॉलेज को बढ़ाने के अलावा, पिछले वर्ष के पेपर आपके मानसिक दृष्टिकोण को बनाने में मदद करते हैं। यह आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाता है और विकल्पों को खत्म करने में आपकी मदद करता है।


पढ़ाई करते समय नोट्स जरूर बनाएँ। इससे आपको रिवीजन करने में आसानी होगी। यह देखा गया है कि यदि हम अपने तरीके से नोट्स तैयार करते हैं और फिर उन्हें दोबारा पढ़ते हैं तो चीजें काफी जल्दी याद हो जाती हैं। नोट्स बहुत भारी नहीं होने चाहिए और इसलिए नोट्स का उद्देश्य हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। यह आप किसी कोचिंग के मार्गदर्शन में बेहतर कर सकते हैं।


दोस्तों, सबसे जरूरी बात – अपने समय को बहुत सोच समझ कर खर्च करें। याद रखिए कि आपकी हालत एक ऐसे व्यक्ति की है जिसके पास funds की कमी है और उसी फ़ंड में उसे समझदारी से खर्च करते हुए अपना व्यवसाय तैयार करना है।