आईएएस की ट्रेनिंग कहाँ होती है?

UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले सभी उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन यानि LBSNAA में बुलाया जाता है | यह अकेडमी उत्तराखंड के मसूरी में स्थित है | जो की एक पहाड़ी इलाका है | माना जाता है की इस ट्रेनिंग अकेडमी में कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है | जैसे की अकेडमी परिसर में फ़ोन इस्तेमाल करने की मनाही है | अकेडमी में धूम्रपान और मदिरा का सेवन भी प्रतिबंधित है 


1972 तक LBSNAA का नाम “नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन” था


 15 अप्रैल, 1958(अट्ठावन) को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने सिविल सेवा के सभी रंगरूटों को प्रशिक्षित करने के लिए मसूरी के चारलेविल एस्टेट में राष्ट्रीय अकादमी स्थापित करने का फैसला किया | उस समय इस अकादमी का नाम नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन रखा गया था | 1972(बहत्तर) में इसे बदल कर लाल बहादुर शास्त्री अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन किया गया | इसके बाद 1973(तिहत्तर) में "नेशनल" शब्द जोड़ा गया और यह "लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन" बन गया
 |

अकेडमी सॉन्ग 


LBSNAA का अकेडमी सॉन्ग एक बंगाली सॉन्ग है, जिसे श्री प्रख्यात बंगाली संगीतकार, गीतकार और गायक अतुल प्रसाद सेन ने कंपोज किया है | वे एक सफल वकील, परोपकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और साहित्यकार थे | यह सॉन्ग श्री राजेश्वर प्रसाद के कार्यकाल के दौरान अकादमी द्वारा अपनाया गया था  | जो 11 मई 1973(तिहत्तर) से 11 अप्रैल 1977 तक अकादमी के निदेशक थे |

LBSNAA में बांग्लादेश, भूटान, म्यंमार और मालदीव्स के सिविल सर्वेन्ट्स की भी होती है ट्रेनिंग


यह एक आश्चर्यजनक तथ्य है | जिसके बारे में अधिकांश लोगों को नहीं पता है | LBSNAA में ना केवल भारतीय सिविल सर्वेन्ट्स बल्कि बांग्लादेश, भूटान, मालदीव्स और म्यंमार के कुछ सिलेक्टेड सिविल सर्वेन्ट्स की भी ट्रेनिंग होती है | ये सभी अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक अपने भारतीय समकक्षों के साथ पहले 3 महीने के फाउंडेशन कोर्स प्रशिक्षण में भाग लेते है 

|

 LBSNAA में हर अवसर पर होता है ड्रेस कोड का पालन 


परिसर में ट्रेनिंग ऑफिसर्स को केवल फॉर्मल ड्रेस पहनने की ही अनुमति दी जाती है | यहाँ तक की मेस में खाने के लिए भी ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है | अपने रूम के बाहर कोई भी अफसर बाथरूम स्लीपर या सैंडल पहन कर नहीं घूम सकता है | ऐसे करने पर दंड का भुगतान करना पड़ता है | 
क्लास रूम के ड्रेस कोड में पुरुष ऑफिसर्स को गर्मी के मौसम में नेकटाई के साथ फुल स्लीव शर्ट और पैन्ट्स पहनना अनिवार्य है और सर्दी के मौसम में नेकटाई के साथ फुल स्लीव शर्ट, जैकेट और पैन्ट्स पहनना अनिवार्य है | इसी के साथ साथ लैदर शूज भी अनिवार्य हैं | वहीं महिला ट्रेनिंग ऑफिसर्स के लिए साड़ी / सलवार-कमीज / चूड़ीदार-कुर्ता / वेस्टर्न बिज़नेससूट औपचारिक जूते / सैंडल के साथ पहनना अनिवार्य है | सभी ऑफिसर्स को यह मेस में खाना खाते समय भी इसी ड्रेस कोड का पालन करना होता है 


LBSNAA में मिलने वाले हर सामान पर होता है अकेडमी लोगो|


LBSNAA में ऑफिसर्स की सुविधा के लिए एक सौवेनियर शॉप मौजूद है | यहाँ ट्रेनिंग के दौरान होने वाली फिजिकल एक्टिविटी के लिए सभी सामान उपलब्ध है | जैसे की राइडिंग हेलमेट, ट्रैक सूट, एकेडमी स्वेटर इत्यादि | इसके साथ साथ स्टेशनरी और ऑफिसर्स की ज़रूरत के अन्य सभी सामान भी उपब्ध है | इस शॉप में मिलने वाले हर सामान पर एकेडमी का प्रसिद्ध लोगो चिन्हित है |

LBSNAA से जुड़े रोमांचक तथ्य


LBSNAA में आम लोगों का आना है प्रतिबंधित 


LBSNAA में आम लोगों को आने की इजाज़त नहीं है | अगर कोई टूरिस्ट होने के नाते एकेडमी को अंदर से देखना चाहता है तो ऐसा करना एकेडमी के नियमों में निषिद्ध है | केवल दो ही तरीके से एकेडमी में आम लोगों को एंट्री मिल सकती है | अगर अकेडमी किसी को गेस्ट स्पीकर के तौर पर आमंत्रित करती है तो वह अकेडमी के अंदर जा सकता है या फिर अकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे ऑफिसर्स के परिवार और परिचित लोगों को ही अकेडमी में अंदर जाने की अनुमति मिलती है 

LBSNAA से ट्रेनिंग पास करने के बाद सभी IAS ऑफिसर्स को मिलती है MA की डिग्री


LBSNAA 2 साल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पास होने वाले प्रत्येक IAS अफसर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) द्वारा मान्यता प्राप्त MA इन पब्लिक मैनेजमेंट की डिग्री प्रदान करता है | यह डिग्री केवल UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा क्लियर करने वाले IAS ऑफिसर्स को ही मिलती है | आपको बता दें कि LBSNAA में स्टेट सर्विस से प्रमोट हो कर IAS बनने वाले अधिकारीयों की भी ट्रेनिंग होती है |