क्या है विलुप्ति विद्रोह ?? इक्स्टिंगशन रेबेलियन (XR)
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Extinction Rebellion ‘विलुप्तिविद्रोह’
‘विलुप्तिविद्रोह’
(Extinction Rebellion)को
लेकर आंदोलन करने वाले पूरे विश्व केकार्यकर्ता विभिन्न
स्वरूपों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।‘विलुप्ति विद्रोह’ (Extinction Rebellion)को ‘XR’ के नाम से जाना जाता
है।
‘विलुप्ति विद्रोह’ कीशुरुआत, जलवायुपरिवर्तन
पर अंतर-सरकारी पैनल कीएक रिपोर्ट की प्रतिक्रिया के रूप में, 31 अक्टूबर,
2018 कोयूनाइटेड
किंगडम मेंहुईथी।अब, यह एकवैश्विक आंदोलन बनचुका
है।
यहआंदोलन “विद्रोह” करने की मांग करता
है, औरसमूहों
को बिना किसी की अनुमति के ‘स्वयं-संगठित’ होने तथासमूह
के मूलसिद्धांतों का पालन करते हुए ‘सामूहिक कार्य
योजनाओं’ को
शुरू करने के लिएकहता है।
यह एक विकेंद्रीकृत, अंतर्राष्ट्रीय और
राजनीतिक रूप सेगैर-पक्षपातपूर्ण आंदोलन है, जिसमें सरकारों को
केवल जलवायु और पारिस्थितिकआपातकाल पर कार्य
करने हेतु राजी करने के लिए अहिंसक प्रत्यक्ष कार्रवाईऔर सविनय अवज्ञा का
उपयोग किया जाता है।
इस समूह कीसमूचेविश्व
की सरकारों से “तीन
प्रमुख मांगें” हैं।
यहसमूह, विश्व के समक्ष
उपस्थितजलवायु और पारिस्थितिक आपातकाल का मुकाबलाकरने के क्रम में,सरकारों से, 1-‘सच बताने’ 2-‘तत्काल कार्रवाई
करने’ और
3-‘राजनीति से
परे जाने’ की मांग करता है।
‘XR’ (इक्स्टिंगशनरेबेलियन)
कीअब तक की गतिविधियां -
इससमूह ने (Declaration
of Rebellion)के
साथ अपने आंदोलन को शुरू किया था, और इसके तहत लंदन में सविनय अवज्ञा की एक
सार्वजनिक कार्रवाई को शामिल कियागया और इसमें सरकार
से 2025 तक
कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने की मांग कीगई थी।
इस आंदोलन की अंतिम योजना, मार्च 2019 में अन्य देशों में
कार्यों का समन्वय करने और “अंतर्राष्ट्रीय विद्रोह” में शामिल होने की
थी।
‘XR’कीवैश्विक वेबसाइट के
अनुसार, यह
आंदोलन “पूरी
तरह से अहिंसक” है,
और इनके
आंदोलनकारी “अनिच्छुकता
से कानून तोड़ने वाले” हैं।
अप्रैल 2019 में, किशोर स्वीडिशजलवायु
कार्यकर्ता ‘ग्रेटा
थुनबर्ग’ ने
लंदन में इस समूह के सदस्यों कोसंबोधित करते हुए
आंदोलन को अपना समर्थन दिया था।
XR (इक्स्टिंगशनरेबेलियन)
और भारत
यहआंदोलन,महिलाओं के मताधिकार
और ‘अरब
क्रांति’तथा
भारत का स्वतंत्रतासंग्राम सहित दुनिया भर में हुए 15 प्रमुख सविनय अवज्ञा
आंदोलनों सेप्रेरित होने का दावा करता है।
यह आंदोलन 1930 में महात्मा गांधी
के साल्ट मार्च/नमक सत्याग्रह का भी उल्लेख करता है।
XR (इक्स्टिंगशनरेबेलियन)की
वेबसाइट के अनुसार,मुंबई,
पुणे,
दिल्ली,
हैदराबाद,
बेंगलुरु,
कोलकाता और
चेन्नई शहर सहित देश भर में इसके 19 समूह हैं।
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