कभी सोचा है कि UPSC IAS परीक्षा क्लियर करने के बाद आपको क्या मिलता है? आप बनते हैं Officer Trainee (OT). और एक Officer Trainee यानि कि OT का अनुभव एक life changing experience होता है जहाँ व्यक्तित्व विकास और तकनीकी उत्थान के उद्देश्य आपकी ट्रेनिंग की जाती है ताकि जहाँ भी आप ऑफिसर बन कर जाएँ तो किसी भी चैलेंज से मुकाबला कर सकें. सफल उम्मीदवारों के लिए पहला चरण लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी में चार महीने का फाउंडेशन कोर्स है. इसके बाद, ओटी को सेवाओं के अनुसार विभाजित किया जाता है और निर्दिष्ट प्रशिक्षण स्थानों पर भेजा जाता है. हालांकि, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण LBSNAA में आयोजित किया जाता है, और इसमें भारत दर्शन (भारत का दौरा) और जिला प्रशिक्षण शामिल है. 

हम विडियो में हम बाद में LBSNAA, मसूरी और भारत दर्शन में आईएएस प्रशिक्षण पर गहराई से चर्चा करेंगे. लेकिन उससे पहले होम जानेंगे कि और कहाँ कहाँ प्रशिक्षण संस्थान है.

Service

Institution

Venue

University Tie-up

IAS

Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration (LBSNAA)

Mussoorie

Jawaharlal Nehru University (JNU)

IPS

Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy (SVPNPA)

Hyderabad

Osmania University

IFS

Foreign Service Institute

New Delhi

IFoS

Indira Gandhi National Forest Academy (IGNFA)

Dehradun

Degree from Forest Research Institute

IRS (Income Tax)

National Academy of Direct Taxes

Nagpur

NALSAR University

IRS (Customs and Central Excise)

National Academy of Customs, Excise & Narcotics

Faridabad

NALSAR University

 LBSNAA में चार महीने का फाउंडेशन कोर्स अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं में सभी नई भर्तियों के लिए होता है. इस कोर्स का उद्देश्य esprit de corps  या दल भावना को बढ़ावा देकर विभिन्न सेवाओं के बीच सहयोग और समन्वय की भावना को स्थापित करना है.

IAS प्रशिक्षण का चरण 1 

पहले चरण में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं को कई प्रकार के विषयों में कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि उन्हें आमतौर पर नौकरी के पहले दशक में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने में सक्षम बनाया जा सके. इसमें जिला प्रशिक्षण होता है लेकिन उससे पहले, इसमें निम्नलिखित दो मॉड्यूल होते हैं:

1. शीतकालीन अध्ययन टूर:

  • प्रशिक्षु अधिकारी (Probationers) अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का अनुभव करने के लिए पूरे देश की यात्रा करते हैं. जिसे भारत दर्शन भी कहते हैं.
  • संसदीय अध्ययन ब्यूरो के साथ एक सप्ताह का प्रशिक्षण जो उन्हें भारत में संसदीय प्रणाली के कामकाज के बारे में बताता है.
  • इस चरण में प्रशिक्षु अधिकारियों (Officer Trainee) को भारत के राष्ट्रपति, उप–राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलवाया जाता है.

2. अकादमिक मॉड्यूल: यह थीम आधारित मॉड्यूल(Theme Based Module) होता है तथा विभिन्न प्रकार के विषयों को कवर करता है, जैसे:

  • नीति निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा/ कानून और व्यवस्था, कृषि/ भूमि प्रबंधन और प्रशासन, ग्रामीण विकास/ विकेंद्रीकरण और पंचायती राज, शहरी प्रबंधन/ बुनियादी ढांचा और पब्लिक– प्राइवेट पार्टनरशिप, ई–गवर्नेंस/ कार्यालय प्रबंधन/ प्रशासन में IAS का दृष्टिकोण/ भूमिका.
  • सॉफ्ट स्किल्स (नेतृत्व, संगठनात्मक व्यवहार और अंतर्व्यैक्तिक कौशल), परियोजना प्रबंधन, इंजीनियरिंग कौशल और आईसीआईटी वित्तीय प्रबंधन और परियोजना मूल्यांकन जैसे कौशल, सामाजिक क्षेत्र/ कमजोर वर्ग और अल्पसंख्यकों का विशेष ध्यान दिया जाता है.

3. जिला प्रशिक्षण

  • IAS प्रशिक्षुओं (Probationers) को एक वर्ष का जिला प्रशिक्षण दिया जाता है जो उन्हें अपनी अद्भुत विविधताओं, असंख्य चुनौतियों और अवसरों के साथ सर्वोत्कृष्ट भारत को देखने, पढ़ने और जीने में सक्षम बनाने के ड्रिल जैसा होता है.
  • जिला प्रशिक्षण उन्हें प्रशासनिक सेट–अप को समझने के विभिन्न अवसर प्रदान करता है. यह उन्हें विकास के प्रतिमान को समझने के साथ– साथ रणनीतियों की प्रभावकारिता को समझने के लिए लोगों, उनके प्रतिनिधियों और अधिकारियों से बातचीत करने का अवसर देता है. 

IAS प्रशिक्षण का चरण 2

दूसरे चरण में इस क्षेत्र में अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने– अपने अनुभवों को साझा करने का मंच प्रदान किया जाता है और देश के प्रशासन और शासन की खूबियों और कमियों को समझने में सक्षम बनाया जाता है.

  • इस चरण में इंटरैक्टिव शिक्षण पद्धति पर जोर दिया जाता है और इसमें सरकार में काम करने वाले और सरकार के बाहर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के विशेष सत्र भी आयोजित किए जाते हैं.
  • प्रशिक्षण के समाप्त होने से पहले का चरण अधिकारी प्रशिक्षुओं (Officer Trainee) को सरकारी सेवा में अपना करिअर शुरु करने से पहले सीखने का जीवंत अवसर प्रदान करता है.

एलबीएएनएए अकादमी में अधिकारी प्रशिक्षु का एक सामान्य दिन

  • अकादमी में IAS अधिकारी प्रशिक्षु (Officer Trainee) का दिन सुबह 6 बजे, 60 मिनट के अभ्यास ड्रिल के साथ शुरु होता है फिर बाकी के काम दिनचर्या के अनुसार किए जाते हैं. सभी कार्य दिवसों पर IAS अधिकारी प्रशिक्षु (Officer Trainee) का कक्षा सत्र जिसमें 5 से 6 अकादमिक सत्र होते हैं, प्रत्येक सत्र 55 मिनटों का होता है, सुबह 9 बजे शुरु होता है.
  • शाम का समय अक्सर खेल, घुड़सवारी और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए होता है. इसमें सीखने का अवसर कम और खाली समय अधिक मिलता है. शाम का बाकी समय और रात का समय साथी प्रशिक्षुओं के साथ बात–चीत करने और अगले दिन के अकादमिक सत्र की तैयारी में बीतता है.
  • अपने गतिशील प्रशिक्षण कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर अकादमी आउटडोर कार्यक्रमों पर बहुत अधिक जोर देता है. सभी सप्ताहांत और अधिसूचित छुट्टियां पाठ्येत्तर गतिविधियों जैसे सामुदायिक सेवाएं, एडवेंचर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइंबिंग, पाराग्लाइडिंग, रीवर राफ्टिंग, शॉर्ट ट्रेक्स आदि के लिए आमतौर पर आरक्षित होते हैं. स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और शांति के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बताने की आवश्यकता नहीं है. हमेशा व्यस्त और तनाव से भरे करिअर वालों के लिए यह अधिक महत्वपूर्ण होता है.

प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे IAS अधिकारियों को लेक्चर हॉल के दायरे से परे समृद्ध, विवधता से भरे और जीवंत कैंपस जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. ऐसे अनुभवों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

  • प्रशिक्षुओं को ग्रेटर हिमालय पर ट्रेकिंग के लिए भेजा जाता है जहां वे विपरीत परिस्थितियों, खराब मौसम, रहने की अपर्याप्त सुविधा और सीमित भोजन जैसी परिस्थितियों में जीना सीखते हैं.
  • ग्रामीण जीवन की वास्तविकताओं को समझने और उसकी सराहना करने के लिए पिछड़े गांवों का दौरा करना और वहां जा कर रहना आरंभिक स्तर के कार्यक्रम का अभिन्न अंग है.
  • अधिकारी प्रशिक्षुओं (Officer Trainee) को पाठ्येत्तर मॉड्यूलों में शामिल होने और अपनी पसंद के किसी भी शौक में प्रवीणता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
  • इसके लिए उन्हें उनके रचनात्मक क्षमता को व्यक्त करने के लिए विभिन्न क्लबों और सोसायटियों की गतिविधियों में हिस्सा लेने को प्रोत्साहित किया जाता है.

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा गठित किरण अग्रवाल समिति ने IAS अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण की कुल अवधि को दो वर्ष से कम कर डेढ़ वर्ष का किए जाने की सिफारिश की थी. ऐसा करने का सुझाव IAS अधिकारियों के हालिया बैचों से जिले के प्रति आसक्ति के उप–इष्टतम प्रभाव और काम के दौरान सीखने के लिए स्वतंत्र प्रभार के अपेक्षाकृत उच्च उपयोगिता पर मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया को देखते हुए दिया गया था.

यदि हम IAS अधिकारी प्रशिक्षुओं की औसत उम्र करीब 28 वर्ष मानें, तो प्रशिक्षण की अवधि में कटौती थोड़ी सही लगती है क्योंकि कई लोग इस नौकरी में पर्याप्त कार्यानुभव के साथ आते हैं और उनके पास नौकरी करने के लिए कम वर्ष होते हैं. इसके अलावा, बीते वर्षों में प्रशिक्षण का दायरा व्यापक हुआ है और अधिकारी चार वर्ष की नौकरी के साथ मिड–करिअर प्रशिक्षण(Mid Career Training) प्रोग्राम और शॉर्ट टर्म रिफ्रेशर कोर्स कर सकते हैं. और आखिर में कनिष्ठ– स्तर पर IAS अधिकारियों की सामान्य कमी को बताते हुए राज्य सरकारों ने प्रशिक्षण या परिवीक्षा अवधि में कटौती का स्वागत किया है.

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