क्या आप अपनी पुरानी आदतों से परेशान हैं और जीवन में बदलाव लाने का तरीका ढूंढ रहे हैं? डॉ. जो डिस्पेंजा की पुस्तक "ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ" एक ऐसी पुस्तक है, जो आपको बेहतर बनाने और अपने जीवन को नई दिशा देने में मदद कर सकती है। यह पुस्तक हमें यह सिखाती है कि हमारा जीवन केवल हमारे जीन या परिस्थिति पर निर्भर नहीं करता। इसके बजाय, हमारे पास अपनी सोच और आदतों को बदलकर अपने भविष्य को बनाने की शक्ति है।  




Intro to “Breaking the habbit of being yourself” 


"Breaking the habbit of being yourself" केवल एक किताब नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मार्गदर्शक है, जो आपको अपनी सीमाओं को तोड़कर एक नया और सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। अगर आप अपने जीवन में बदलाव चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए है।

 इस पुस्तक में ध्यान (मेडिटेशन) और मानसिक अनुशासन के जरिए अपने दिमाग और शरीर को नए तरीके से प्रोग्राम करने की विधियां दी गई हैं। 


जीन से परे की शक्ति  


हम में से कई लोग मानते हैं कि हमारा जीवन हमारे जीन और जन्म से मिले गुणों पर निर्भर करता है। लेकिन डॉ. जो डिस्पेंजा की पुस्तक *"ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ"* इस धारणा को पूरी तरह से बदल देती है। उनके अनुसार, हम अपने जीन के गुलाम नहीं हैं। आइए इसे सरलता से समझते हैं:  


- आपका जीवन आपकी सोच से बनता है, न कि सिर्फ आपके जीन से: 

- विज्ञान ने साबित किया है कि जीन का असर तभी होता है जब आपके वातावरण और सोच से उन्हें सक्रिय किया जाए।  

- आप अपनी सोच और आदतों को बदलकर अपनी जीन की गतिविधियों को भी बदल सकते हैं।  

- ध्यान और सकारात्मक सोच के ज़रिए मस्तिष्क को फिर से प्रशिक्षित किया जा सकता है।  

-  आप अपनी सोच और भावनाओं को नियंत्रित कर अपने जीवन का नियंत्रण खुद ले सकते हैं।  


यह पुस्तक हमें सिखाती है कि अगर हम अपनी सोच को बदलें, तो हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, चाहे हमारे जीन कैसे भी हों।

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मस्तिष्क और शरीर का पुनर्निर्माण 


हमारा मस्तिष्क और शरीर एक खास तरीके से काम करने के आदी हो जाते हैं, लेकिन डॉ. जो डिस्पेंजा की पुस्तक "Breaking the habbit of being yourself" बताती है कि आप अपने विचारों और आदतों को बदलकर अपनी जिंदगी को पूरी तरह से नया रूप दे सकते हैं। 


1. आपके विचार आपकी वास्तविकता बनाते हैं: 

   - हम जो सोचते हैं, वह हमारे मस्तिष्क पर असर डालता है।  

   - बार-बार एक ही विचार दोहराने से वही आदतें बन जाती हैं।  


2. आदतों को तोड़ना संभव है: 

  - कोई भी आदत बदलने के लिए मस्तिष्क को नए तरीके से सोचने की ट्रेनिंग देनी होती है।  

  - इसे करने के लिए आपको अपने पुराने विचार पैटर्न को पहचानना और उसे रोकना होगा।  


3. शरीर को नई आदतें सिखाएं: 

   - मस्तिष्क की नई सोच को बार-बार दोहराने से शरीर नई आदतों को अपनाना शुरू कर देता है।  

   - यह ठीक वैसा ही है जैसे कोई नया कौशल सीखना।  


4. ध्यान (Meditation) की शक्ति:

   - ध्यान मस्तिष्क को शांत करके उसे नए तरीके से सोचने और सीखने के लिए तैयार करता है।  

   - यह आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा और बदलाव लाने में मदद करता है।  


5. छोटे कदमों से शुरुआत करें:

   - रोज़ाना 10-15 मिनट अपने विचारों पर ध्यान दें।  

   - धीरे-धीरे आप अपने मस्तिष्क और शरीर को नए जीवन के लिए तैयार कर सकते हैं।  


अपने मस्तिष्क और शरीर को नया रूप देना मुश्किल नहीं है, बस नियमित अभ्यास और सही दृष्टिकोण की जरूरत है।


मेडिटेशन और वैज्ञानिक प्रमाण 


मेडिटेशन न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि यह हमारे मस्तिष्क और शरीर पर गहरा सकारात्मक प्रभाव डालता है। डॉ. जो डिस्पेंजा की पुस्तक "ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ" में ध्यान (मेडिटेशन) के वैज्ञानिक लाभों को विस्तार से समझाया गया है। आसान भाषा में, यहाँ इसके मुख्य बिंदु दिए गए हैं:  


1. मस्तिष्क की मैपिंग:

   - ध्यान के दौरान मस्तिष्क में सकारात्मक बदलाव होते हैं।  

   - शोध में पाया गया है कि ध्यान मस्तिष्क के उन हिस्सों को सक्रिय करता है, जो शांति, ध्यान केंद्रित करने और खुशी से जुड़े होते हैं।  


2. दिल की ताल का संतुलन:

   - ध्यान से दिल की धड़कनों में तालमेल बनता है।  

   - यह तनाव को कम करता है और दिल की सेहत को बेहतर बनाता है।  


3. जीन स्तर पर बदलाव:

   - ध्यान करने से जीन में सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं।  

   - यह शरीर की हीलिंग क्षमता को बढ़ाता है और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।  


4. तनाव कम करना:  

   - ध्यान मानसिक तनाव को दूर करता है और आपको आंतरिक शांति प्रदान करता है।  


5. वैज्ञानिक प्रमाण:

   - डॉ. डिस्पेंजा और उनकी टीम ने ध्यान के प्रभावों पर कई प्रयोग किए हैं।  

   - इन प्रयोगों ने साबित किया कि ध्यान करने वाले लोग मानसिक और शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ होते हैं।  


मेडिटेशन न केवल एक अभ्यास है, बल्कि यह जीवन को संतुलित और खुशहाल बनाने का तरीका भी है।  


डॉ. जो डिस्पेंजा के काम का वैश्विक प्रभाव


डॉ. जो डिस्पेंजा ने विज्ञान और आध्यात्मिकता के मेल से लाखों लोगों की सोच और जीवन को बदलने में मदद की है। उनके काम का प्रभाव दुनिया भर में गहराई से महसूस किया गया है।डॉ. डिस्पेंजा के सिद्धांतों का उपयोग करके 24 से अधिक देशों के हजारों लोगों ने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव किए हैं। उनके शोध ने दिखाया कि मस्तिष्क और शरीर को फिर से प्रोग्राम करके बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।  


Conclusion

ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ" एक ऐसी किताब है जो हमें यह सिखाती है कि हम अपनी सोच और आदतों को बदलकर अपनी पूरी जिंदगी को नया दिशा दे सकते हैं। डॉ. जो डिस्पेंजा ने यह साबित किया है कि हमारी वास्तविकता हमारे हाथों में है, और हम अपने मस्तिष्क और शरीर को फिर से आकार दे सकते हैं। यह पुस्तक न केवल हमें प्रेरित करती है, बल्कि हमें व्यावहारिक कदम भी दिखाती है, जो हम अपनी जिंदगी में बदलाव लाने के लिए उठा सकते हैं। अगर हम अपने पुराने पैटर्न से बाहर निकलते हैं, तो जीवन में सच्चे बदलाव संभव हैं।



FAQ

Q 1. खुद होने की आदत को तोड़ने के लिए 7 कदम क्या हैं?


1. सोच को बदले

2. मस्तिष्क को पुनः आकार दें

3. नई आदतें बनाएं

4. अपने डर का सामना करें

5. मेडिटेशन करें

6. भविष्य के प्रति विश्वास रखें

7. लगातार अभ्यास करें



Q 2. मुझे ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ क्यों पढ़ना चाहिए?

. "ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ" आपको यह सिखाती है कि आप अपनी सोच और आदतों को बदलकर अपनी जिंदगी को नई दिशा दे सकते हैं। यह पुस्तक डॉ. जो डिस्पेंजा द्वारा प्रस्तुत वैज्ञानिक तथ्यों और साधारण तकनीकों के माध्यम से आपको अपने मस्तिष्क और शरीर को फिर से आकार देने की शक्ति देती है, जिससे आप अपनी वास्तविकता को खुद बना सकते हैं। अगर आप अपने जीवन में स्थायी सकारात्मक बदलाव चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए एक प्रेरणास्त्रोत हो सकती है।