पूजा खेडकर के बाद पूर्व IAS अभिषेक सिंह चर्चाओं में क्यों?


दोस्तों! हाल ही में IAS पूजा खेडकर को लेकर एक के बाद एक ख़बरें सामने आईं हैं| अपने senior के साथ Misbehave, UPSC परीक्षा में धांधली करने और उनकी तरफ से luxury मांगों को लेकर, वे चर्चाओं में बनी हुईं हैं| अब IAS पूजा के बाद पूर्व IAS अभिषेक सिंह भी विवादों में घिर गए हैं, और एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गए हैं| क्या है पूरा मामला? आइए विस्तार से जान लेते हैं|


आपको बता दें कि, Social Media पर 2011 बैच के IAS अधिकारी रहे अभिषेक सिंह की नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। यह विवाद पूर्व IAS का Social Media पर एक वीडियो सामने आने के बाद हो रहा है। हालांकि, अभिषेक सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब दिया है।


जैसा कि हमने आपको शुरू में बताया कि 2023 batch की IAS अधिकारी पूजा खेडकर तब चर्चाओं में आईं थीं जब उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाई थी| पूजा पर शक्तियों के दुरूपयोग का भी आरोप लगा है| इसके अलावा पूजा के दिव्यांगता कोटे से  नियुक्ति को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं जिसकी जांच के लिए केंद्र ने एक समिति गठित की है। पूजा की तरह ही पूर्व IAS अधिकारी अभिषेक सिंह पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह भी विकलांगता कोटे के तहत IAS बने थे। हालांकि, पूर्व IAS ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर पलटवार करते हुए इसे फर्जी प्रचार करार दिया है|


आईए अब विस्तार से जान लेते हैं कि पूर्व IAS अभिषेक सिंह का विवाद क्या है? और इस पर उन्होंने क्या जवाब दिया है?


UPSC परीक्षा की चयन प्रक्रिया इन दिनों नए विवाद में उलझ गई है। Trainee IAS पूजा खेड़कर के बाद 2011 बैच के पूर्व IAS अधिकारी अभिषेक सिंह पर परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप है।

यह विवाद पूर्व IASका सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद हो रहा है। वीडियो में अभिषेक को जिम में डांस करते और कसरत करते हुए दिखाया गया है। वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स लोकोमोटर विकलांगता (LD) श्रेणी के तहत उनकी पात्रता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

इन आरोपों पर अभिषेक सिंह ने जवाब में कहा कि 'मैं अपने पुरुषार्थ, कर्मठता और साहस के लिए जाना जाता हूं। किसी की कृपा के लिए नहीं। मैंने अपने जीवन में जो कुछ हासिल किया है अपने दम पर हासिल किया है, किसी आरक्षण के दम पर नहीं।'

अपने पारिवारिक प्रभुत्व के आरोपों पर भी पूर्व IAS ने जवाब दिए। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, 'कहा गया कि मेरे पिताजी IAS अधिकारी थे इसलिए मुझे फायदा मिला। मेरे पिताजी एक बहुत गरीब परिवेश से निकलकर PPS अधिकारी बने, IPS में Promote हुए थे। उनकी तीन संतानें हैं, यानी मेरी एक छोटी बहन और एक छोटा भाई। उन्होंने भी यूपीएससी की तैयारी की पर सेलेक्शन नहीं हो सका, इसके अलावा मेरे सात Cousins ने प्रयास किया, कई कर भी रहे हैं, अभी तक किसी का भी चयन नहीं हो सका है। अपने पूरे खानदान में मैं इकलौता IAS में चयनित हुआ।'

अंत में पूर्व IAS अधिकारी ने कहा, 'UPSC में कोई निवास प्रमाणपत्र नहीं लगता। जिसने भी UPSC दिया है उसको पता होगा। तो ये फर्जी प्रचार बंद करें। जिसको जो भी पूछना है मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं।'

तो दोस्तों! पूर्व IAS अभिषेक सिंह ने अपने ऊपर लगे इल्जाम को पूरी तरह फर्जी बताया है| आपकी इस पर क्या राय है हमें कमेंट में बताएं|