ramayana book

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यह पुस्तक भारतीय संस्कृति के महाकाव्य रामायण को सरल और समझने में सहायक बनाती है। बालक-बालिकाओं के लिए तो यह एक अद्वितीय उपहार है, जिससे वे राम के जीवन और कथा को सरलता से समझ सकते हैं। इसमें शंकर बाम द्वारा उपयुक्त भाषा और व्याकरण का प्रयोग किया गया है, जिससे पाठकों को अधिक समझने में सहायता मिले।


कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

1) सरल और सुलभ भाषा में रामायण की कहानी 
2) बच्चों के लिए रोमांचक और शिक्षाप्रद 
3) राम के चरित्र और उनकी शृंगार, वीरता को समझने का माध्यम 
4) भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम का प्रकटीकरण

यह सरल रामायण सभी वर्ग के बाल एवं प्रौढ़ पाठकों को रुचिकर लगेगी इसी विश्वास के साथ।

बालकों का चरित्र निर्माण करने की दिशा में बालोपयोगी साहित्य का बहुत महत्त्व है; किंतु इस संबंध में एक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वह यह कि बच्चों के हाथों में दी जानेवाली पुस्तकें अमानवीय; गलत धारणाओं को जन्म देनेवाली और उनकी पहुँच के परे न हों। ऐसी रचनाएँ उनमें अनावश्यक हीन भावना और भय का संचार करती हैं। नवनिर्माण काल में ऐसा बाल साहित्य अपेक्षित है जो सहज भाव से उनमें भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था; नए विश्वास; नई चेतना और नई आकांक्षाओं का सूत्रपात कर सके।

इस दृष्टि से गोस्वामी तुलसीदासजी के विश्व विख्यात ग्रंथ रामचरितमानस से बढ़कर शिक्षाप्रद और कौन सी पुस्तक होगी। प्रस्तुत पुस्तक इसीका बालोपयोगी सरलीकरण है। देवों को आकर्षित करनेवाली हमारी धरती पर करुणा संवेदना कृतज्ञता स्नेह वात्सल्य प्रेम मातृ-पितृ भक्ति आत्मबलिदान की भावनाओं की जो पावन गंगा राम चरित्र में प्रवाहित होती है वैसी अन्यत्र कहाँ

राम और रामकथा हमारी भारतीय संस्कृति के प्राण हैं। इनका जितना ही अधिक प्रचार-प्रसार बाल वर्ग में हो अच्छा है। राम के जीवन से संबंध रखनेवाली ऐसी पुस्तकें इनी-गिनी ही हैं जो बालक-बालिकाओं की सरल बुद्धि में आसानी से आ जाएँ। इसलिए जो बालक गोस्वामीजी की मूल अवधी भाषा से अपरिचित हैं किंतु राष्ट्रभाषा के प्रेमी हैं वे भी इससे लाभ उठा सकते हैं।