भारत ऋषि-मुनियों का देश है। हमारे ऋषि-मुनि अपने आध्यात्मिक अनुभव के आधार पर भारत के सामान्य जन के लिए जो उपयोगी एवं आवश्यक है वह सब समाज तक पहुँचाने का काम करते रहे हैं। अनेक भौतिक सुख उपयोगी संसाधनों से दूर प्रकृति के नजदीक एवं प्रकृति की गोद में रहकर वे सिर्फ और सिर्फ मानव-कल्याण के लिए अनुष्ठान करते थे। ऋषि नई-नई खोज तो करते थे, लेकिन कभी भी उनपर अपना एकाधिकार प्रस्तुत नहीं करते थे। इसी महान् परंपरा के कारण उन्होंने दुनिया को 0 दशमलव पाई सात स्वर 1 से 9 तक की संख्या ज्योतिषकाल काल-गणना एवं रोग-मुक्ति होने के अलावा स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक जीवन-पद्धति के रूप में आयुर्वेद जैसा बहुत बड़ा स्वास्थ्य-विज्ञान जगत् को दिया। यह पुस्तक न्यूरोथेरैपी के विशद ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने का एक विनम्र प्रयास है। इसमें इस विधा का बहुत सरल-सुबोध शब्दों में विवरण दिया है जिसके व्यावहारिक उपयोग से हम रोगमुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।