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1) इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के लगभग 547 जन्मों की कथाएं हैं जो जातक कथाओं के रूप में जानी जाती हैं।

2) जातक कथाएं बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं।

3) यह पुस्तक शैक्षिकता रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए भगवान् बुद्ध के प्रेरक प्रसंगों को भी शामिल करती है।

4) जातक कथाएं पशु-पक्षियों मनुष्य सामाजिक परिवेश भावनाओं इत्यादि के माध्यम से भगवान् बुद्ध के व्यक्तित्व को दर्शाती हैं।

5) इन अमरकथाओं की प्रासंगिकता और गहराई आज भी अद्वितीय हैं जो नैतिक ज्ञान और नीति-निपुणता को विकसित करती हैं।

6) हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए यह पुस्तक पठनीय संग्रहणीय और अनुकरणीय है जो नैतिकता और धार्मिकता में रुचि रखते हैं।




प्रोडक्ट विवरण :

लेखक के बारे में

हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश दत्त शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य।

हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैं मध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय) पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान नटराज कला संस्थान झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में बुंदेलखंड युवा पुरस्कार समाचार व फीचर सेवा अंतर्धारा दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि। संप्रति स्वतंत्र लेखक-पत्रकार.