इस पुस्तक को सभी प्रकार के लोग पढ़ेंगे । योगासन से सम्बन्धित यह पुस्तक न तो पहली है और न अद‍्भुत; परन्तु यह पुस्तक परम्पराओं से हटकर अवश्य है । पाठकों को यह इसलिए भी रुचिकर लगेगी, क्योंकि वे इस पुस्तक के माध्यम से बिना किसी गुरु के ही ' योगासन ' और ' प्राणायाम ' सीख सकेंगे । अन्य उपलब्ध पुस्तकों से कुछ अधिक जानकारी, अधिक सहजता और अधिक सावधानियां इस पुस्तक में दी जा रही है । सरलतम और अत्यावश्यक योगासन ही इसमें दिये जा रहे हैं । अधिक विस्तृत जानकारियां सभी स्‍तर के पाठकों को ध्यान में रखकर ही दी जा रही हैं, जिससे आपको कम-से-कम परेशानी हो और आप अधिक-से- अधिक लाभ प्राप्‍त कर सकें; चिकित्सक और रोगी इन जानकारियों का लाभ ले सकें । - इसी पुस्तक से अति सरल भाषा, विशिष्‍ट शैली, गम्‍भीरतम वैज्ञानिक विश्‍लेषण और सुबोध व्याख्या स्वामी अक्षय आत्मानन्दजी की पुस्तकों की ऐसी विशेषता है कि पाठक उनकी योग सम्बन्‍धी पुस्तकों की बार-बार मांग करते हैं । आप भी एक बार यदि किसी एक ग्रन्‍थ को पढ़ लेंगे तो सदैव स्वामी जी का साहित्य ही मांगेंगे । हमें विश्‍वास है कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप भी योग विद्या में स्वयं काा प्रवीण कर सकेंगे।.


योगासन से सम्बन्धित यह पुस्तक न तो पहली है और न अद‍्भुत; परन्तु यह पुस्तक परम्पराओं से हटकर अवश्य है


योग - अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने के लिए एक मजबूत विधि के रूप में भी माना जाता है जो मन और शरीर को आराम देने में मदद करता है। दुनियाभर में योग का अभ्यास किया जा रहा है। विश्व के लगभग 2 अरब लोग एक सर्वेक्षण के मुताबिक योग का अभ्यास करते हैं।

योग के फायदे

1) मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार

2) शरीर के आसन और एलाइनमेंट को ठीक करता है

3) बेहतर पाचन तंत्र प्रदान करता है

4) आंतरिक अंग मजबूत करता है

5) अस्थमा का इलाज करता है

6) मधुमेह का इलाज करता है

7) दिल संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है

8) त्वचा के चमकने में मदद करता है

9) शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है

10) एकाग्रता में सुधार

11) मन और विचार नियंत्रण में मदद करता है

12) चिंता, तनाव और अवसाद पर काबू पाने के लिए मन शांत रखता है


इस पुस्तक को सभी प्रकार के लोग पढ़ेंगे । योगासन से सम्बन्धित यह पुस्तक न तो पहली है और न अद‍्भुत; परन्तु यह पुस्तक परम्पराओं से हटकर अवश्य है । पाठकों को यह इसलिए भी रुचिकर लगेगी, क्योंकि वे इस पुस्तक के माध्यम से बिना किसी गुरु के ही ' योगासन ' और ' प्राणायाम ' सीख सकेंगे । अन्य उपलब्ध पुस्तकों से कुछ अधिक जानकारी, अधिक सहजता और अधिक सावधानियां इस पुस्तक में दी जा रही है । सरलतम और अत्यावश्यक योगासन ही इसमें दिये जा रहे हैं । अधिक विस्तृत जानकारियां सभी स्‍तर के पाठकों को ध्यान में रखकर ही दी जा रही हैं, जिससे आपको कम-से-कम परेशानी हो और आप अधिक-से- अधिक लाभ प्राप्‍त कर सकें; चिकित्सक और रोगी इन जानकारियों का लाभ ले सकें । - इसी पुस्तक से अति सरल भाषा, विशिष्‍ट शैली, गम्‍भीरतम वैज्ञानिक विश्‍लेषण और सुबोध व्याख्या स्वामी अक्षय आत्मानन्दजी की पुस्तकों की ऐसी विशेषता है कि पाठक उनकी योग सम्बन्‍धी पुस्तकों की बार-बार मांग करते हैं । आप भी एक बार यदि किसी एक ग्रन्‍थ को पढ़ लेंगे तो सदैव स्वामी जी का साहित्य ही मांगेंगे । हमें विश्‍वास है कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप भी योग विद्या में स्वयं काा प्रवीण कर सकेंगे।.