Prenatal Care


प्रत्येक माता पिता की इच्छा होती है कि उनके घर भी झाँसी की रानी महाराणा प्रताप शिवाजी स्वामी विवेकानंद ध्रुव प्रह्लाद मीरा श्रवण कुमार अभिमन्यु आदि जैसी संतान हो किंतु इसको साकार करने के पीछे जो वैज्ञानिक और वैदिक चिंतन था. उसके विषय में अधिकांश जन अनभिज्ञ हैं।

भारतीय ऋषियों ने अनेकानेक वर्षों तक शोध एवं आत्मज्ञान के आधार पर विभिन्‍न वैज्ञानिक एवं वैदिक चिंतनों को निश्चित सिद्धांतों के रूप में पिरोया जिन्हें संस्कार कहते हैं । इन्हीं संस्कारों और परंपराओं का आधार है-गर्भ संस्कार । यह दिव्य (दैवीय) विज्ञान है।

प्रस्तुत ग्रंथ दिव्य गर्भ संस्कार विज्ञान नारी सशक्तिकरण और परिवार संस्था को सबल बनाने तथा प्रत्येक परिवार/व्यक्ति में दिव्य शक्तियों के आमंत्रण और आगमन का आधार है।

जब माता पिता किसी दिव्य आत्मा का आह्वान करते हैं. तो उनको वही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पात्रता भी स्वयं में विकसित करनी होती है। इसीलिए मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण के उद्घोष को साकारित कर भारत के विश्वगुरु के पुरातन वैभव और स्वर्णिम भविष्य की नींव इस दिव्य गर्भ संस्कार विज्ञान ग्रंथ के माध्यम से रखकर हम देवकऋण ऋषिऋण पितूऋण भूतऋण मनुष्य लोक ऋण राष्ट्रऋण से उऋण हो सकते हैं।


Maternal Health

Pregnancy Wellness

Pregnancy Meditation

divya shishu garbh sanskar