UPSC में किस Aspirants को होता है ज्यादा फायदा


यूपीएससी को लेकर आज कल युवाओं में जिस तरह का क्रेज बढ़ता जा रहा है उसे कारण अब हर Serious Candidate स्कूल के दिनों से ही एक आईएएस बनने का सपना देखने लगा है और ना सिर्फ सपना देखने कागा है बल्कि अपने सपने को सच करने के लिए वह उसके लिए प्लानिंग भी करने लगा है। इस प्लानिंग का एक हिस्सा है ऐसी स्ट्रीम चुनना जो आगे चल कर यूपीएससी की तैयारी में उनकी मदद कर सकें। भविष्य में होने वाली परीक्षा की तैयारी पर स्टूडेंट्स का ध्यान कॉलेज में एड्मिशन लेने से पहले से ही रहने के कारण उन्हें कॉलेज और स्ट्रीम सिलैक्ट करने में काफी दुविधा होती है और अक्सर वे इस सवाल के भंवर में फंस कर रह जाते हैं कि आखिर उन्हें कौन सी स्ट्रीम और कौन से विषयों से पढ़ाई करनी चाहिए?


जब आपका लक्ष्य यूपीएससी जैसी मुश्किल परीक्षा को Crack करना हो, तब यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप इस तैयारी की नींव ऐसी बनाएँ जिस पर इमारत खड़ी करने में आपको ज्यादा मुश्किल न हो। अब जैसा कि आप जानते ही हैं, कि यूपीएससी करने के लिए सबसे बढ़िया यही होता है कि आप इसकी तैयारी कॉलेज के दिनों से ही शुरू कर दें और इतना ही नहीं यदि आप कॉलेज के दिनों में ही अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट पर भी निर्णय ले सकें तो यह आपके लिए सोने पर सुहागा साबित हो सकता है। इसलिए कॉलेज में आप किस स्ट्रीम से पढ़ाई करते हैं, यह फैसला बेहद अहम हो जाता है।


अब कौन सा स्टूडेंट किस स्ट्रीम में ज्यादा Comfortable है, यह तो हर स्टूडेंट के साथ Vary करता है और यूपीएससी भी ऐसी कोई शर्त नहीं रखता है कि आपको किसी खास स्ट्रीम से ही स्नातक होना जरूरी है। बल्कि यूपीएससी तो हर विषय के स्टूडेंट को अलो भी करती है और उन्हें सिर्फ अपनी परीक्षा में किए गए प्रदर्शन के आधार पर सिलैक्ट या रिजैक्ट करती है।


मगर इन सब के बावजूद, परीक्षा का फ़ारमैट कुछ ऐसा है जिसमे किसी खास स्ट्रीम के स्टूडेंट को फायदा हो सकता है और किसी खास स्ट्रीम के स्टूडेंट को थोड़ा सा Disadvantage रहता है।


यूं तो किसी भी परीक्षा में कैंडिडेट का दृष्टिकोण उसकी मेहनत ही उसकी सफलता की सीढ़ी होती है लेकिन विषयों का सही चुनाव उस सफलता की संभावनाएं बढ़ा देता है. सिविल सर्विसेज के विभिन्न चरणों के एग्जाम में आर्ट्स के विषय (Arts Subject) की सबसे ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ती है और इसका फायदा आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को मिलता है. इन विषयों में इतिहास, लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान, भूगोल, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र जैसे खास विषय हैं, इन विषयों को सिविल सर्विसेज के प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा (Prelims & Mains Exam) दोनों ही स्टेज में सबसे ज्यादा महत्व है.


इतना ही नहीं, इनमें से अधिकांश विषय UPSC की वैकल्पिक विषय सूची में भी शामिल हैं. इनमें से छात्र अधिकांश विषयों को चुनते भी है. यह काफी विस्तृत भी है क्योंकि विभिन्न स्कूल और बोर्ड इन विषयों के अलग-अलग कॉम्बिनेशन भी उपलब्ध कराते हैं. आम तौर पर, छात्रों को 11वीं और 12वीं कक्षा में पांच अनिवार्य और एक अतिरिक्त (वैकल्पिक) विषय चुनने की जरूरत होती है.


UPSC की 68वीं वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सीएसई (UPSC CSE) 2016 में कैंडिडेट्स के वैकल्पिक विषयों में से 84.7% आर्ट्स (भाषा साहित्य सहित) से संबंधित थे. इसके बाद क्रमशः विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग से संबंधित 6.8%, 5.4% और 3.1% उम्मीदवार थे. उम्मीदवारों द्वारा चुने गए ऑप्शनल विषयों में भूगोल सबसे पसंदीदा विषय था. इसके बाद समाजशास्त्र (Sociology) और लोक प्रशासन (Public Administration) जैसे विषय थे.


आमतौर पर, छात्रों को 11वीं और 12वीं क्लास में पांच अनिवार्य और एक अतिरिक्त (वैकल्पिक) विषय चुनने की जरूरत होती है. सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों और यूपीएससी पाठ्यक्रम के विषयों को देखते हुए, आर्ट्स स्ट्रीम वाले छात्रों के लिए निश्चित तौर पर इसे एक एडवांटेज के तौर पर देख सकते हैं. क्योंकि छात्र यह सब्जेक्ट पहले ही स्कूल और कॉलेज में पढ़ चुके होते हैं।