आपने क्रिकेट में ऑल राउंडर का नाम तो सुना ही होगा। ऑल राउंडर वह होता है जो बॉलिंग, बैटिंग, फ़िल्डिंग सब में महारत रखता है। ऑल राउंडर इसलिए भी इंपोर्टेंट होता है क्योंकि वह अपने खेल से मैच का रुख पलटने की काबिलियत रखता है। इसी तरह जब बात देश की हो तो आईएएस वह तबका है जिसे उन्नति के मैच का ऑल राउंडर कहा जा सकता है। चाहे infrastructure development की बात हो, या फिर खेती किसानी की, चाहे revenue collection करना हो या फिर बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करनी हो, हर चीज का जिम्मा एक आईएएस के हाथों में ही होता है। नीती निर्माण से लेकर उसे लागू करने तक की ज़िम्मेदारी एक आईएएस अधिकारी ही निभाता है। तो आइए जानते हैं और कौन कौन से काम हैं जो एक आईएएस अधिकारी के अंतर्गत आते हैं।

आईएएस अफसर को राजस्व से सम्बंधित कार्य करने होते हैं, जैसे राजस्व का संग्रह आदि. उसके जिम्मे जिले में कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, एक कार्यकारी मैजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करना, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) या जिला विकास आयुक्त के रूप में कार्य करना, जिले में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करवाने, नीतियों की निगरानी के लिए औचक निरीक्षण करने, सरकारी नीति बनाने में संयुक्त सचिव, उप सचिव के रूप में सलाह देने और नीतियों को अंतिम आकार देने का काम भी करना होता है. आईएस जब डीएम के रोल में होता है तो उसके पास जिले के सभी विभाग की जिम्मेदारी होती है. वह डीएम के रूप में पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है. जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 व लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी निर्णय वही लेता है. भीड़ पर कार्रवाई करने या फायरिंग जैसे आर्डर भी डीएम दे सकता है. डीएम को जिले में अगर किसी कार्य में कोई लापरवाही दिखती है तो वह कर्मचारियों को निलंबित भी कर सकता है उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकता है. वहीं आईएएस के निलंबन की शक्ति केवल राष्ट्रपति के पास होती है. अन्य कोई भी यह एक्शन नहीं ले सकता.

एक आईएएस अफसर को एसडीओ, एसडीएम, संयुक्त कलेक्टर, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), डीएम, डीसी, डिप्टी कमिश्नर, विभागीय आयुक्त, सदस्य बोर्ड ऑफ राजस्व व राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष जैसे पद मिल सकते हैं. आईएएस की तैनाती अनुभव के आधार पर केंद्र में भी हो सकती है.


कार्यभार के आधार पर IAS अधिकारी को नीचे दिए गए पद मिल सकते हैं:

फील्ड में मिलने वाले पद 

• जिला अधिकारी 

• उप जिलाधिकारी 

• अपर जिलाधिकारी 

• मंडलायुक्त


राज्य सरकार में मिलने वाले पद 

• उप सचिव 

• अवर सचिव 

• संयुक्त सचिव 

• सचिव 

• प्रमुख सचिव 

• विशेष सचिव 

• मुख्य सचिव


केंद्र सरकार में मिलने वाले पद 

• सहायक सचिव 

• उप सचिव 

• निदेशक 

• संयुक्त सचिव 

• अपर सचिव 

• अवर सचिव 

• सचिव 

• भारत के कैबिनेट सचिव


एक आईएएस अधिकारी के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:

• नीति निर्धारण, क्रियान्वयन एवं फीडबैक सहित सरकारी मामलों का प्रबंधन करना। 

• विभिन्न विभागों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों से परामर्श करना तथा विकास की दिशा में सामूहिक कदम उठाना। 

• विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु आवंटित सार्वजनिक धन का प्रबंधन करना। 

• विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं नीतियों के क्रियान्वयन की निगरानी करना 

• प्राकृतिक आपदाओं, बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों जैसी आपात स्थितियों के जवाब में राहत कार्यों के द्वारा प्रतिक्रिया देना एवं समन्वय करना। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के दौरान, एक आईएएस अधिकारी के कार्यों में कई गुना वृद्धि हुई है। 

• उपरोक्त के अतिरिक्त, एक आईएएस अधिकारी की तीन प्रकार की भूमिकाएँ एवं उत्तरदायित्व होते हैं। 

• क्षेत्र का मूल्यांकन/फील्ड असेसमेंट: ये एक आईएएस अधिकारी के लिए सर्वाधिक कठिन एवं सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण कार्य माना जाता है। प्रशिक्षण के बाद, एक आईएएस अधिकारी की पहली नौकरी आमतौर पर एक फील्ड जॉब होती है। 

• उपखंड स्तर पर कार्य: एक अनु-मंडल अधिकारी के रूप में, एक आईएएस अधिकारी के उत्तरदायित्वों में मुख्य रूप से विधि एवं व्यवस्था का रखरखाव, विकास एवं प्रशासनिक प्रबंधन सम्मिलित होते हैं। 

• जिला स्तर पर कार्य: एक जिला अधिकारी, कलेक्टर या उपायुक्त के रूप में, एक आईएएस एक डीएम के रूप में कार्य करता है जिसमें सभी एसडीएम के कार्यों का ऊपरी तौर पर निरीक्षण सम्मिलित है। 

• राज्य सचिवालय/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम: फील्ड पोस्टिंग के बाद, आईएएस अधिकारी आमतौर पर राज्य सचिवालय में परिनियोजित होते हैं। उनका प्रत्यक्ष अनुभव उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधियों को नीतियां बनाने एवं सरकारी प्रक्रियाओं पर निर्णय लेने संबंधित परामर्श देने में सहायक सिद्ध होता है। साथ ही, अनेक अधिकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम वाले कैडरों में प्रतिनियुक्ति पर परिनियोजित होते हैं एवं सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उद्यमों जैसे ऊर्जा डिस्कॉम, औद्योगिक इकाइयों, इत्यादि के उच्च प्रबंधन का हिस्सा बन जाते हैं। 

• केंद्रीय सचिवालय: राज्य सचिवालय के बाद, एक आईएएस अधिकारी आम तौर पर केंद्र सरकार के स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों के लिए सचिव स्तर के पदों में प्रवेश करता है। इस स्तर के अधिकारी आमतौर पर नीति समीक्षा, निर्माण एवं क्रियान्वयन से संबंधित होते हैं।