एक आईएएस अधिकारी अपने जिले या विभाग से संबन्धित सभी प्रकार के नीतिगत फैसले लेने के लिए जिम्मेदार होता है। यह बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होती है और इसी कारण से समाज में एक आईएएस अधिकारी को बहुत सम्मान की नज़रों से देखा जाता है। हमें यह लगता है की एक आईएएस अधिकारी प्रशासन का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता है जो कुछ हद तक सही भी है। लेकिन जिस सिविल सेवा परीक्षा से एक आईएएस अधिकारी का चयन होता है उसी परीक्षा में कुछ ऐसी सेवाओं के लिए भी अधिकारियों का चयन किया जाता है जिनके बारे में जन कर आपको आईएएस की नौकरी भी फीकी लगने लगेगी। आईएएस से भी ज्यादा दमदार? चौंक गए न? चौंकिए मत बस आज का यह विडियो पूरा देखिये। 

दोस्तों, सरकार और उसके प्रशासनिक अधिकारी चाहे जितनी अच्छी नीतियाँ बना लें, चाहे जितनी घोषणाएँ कर लें, लेकिन उन सबको धरातल पर उतारने के लिए पैसों की जरूरत होती है। वह पैसा जो जनता का है और जिसे खर्च करने से पहले हज़ार बार सोचना जरूरी है। इन पैसो के खर्च की ज़िम्मेदारी accounts डिपार्टमेंट की होती है जिसमे काम करने वाले अधिकारी इस बात की निगरानी करते हैं कि जनता के पैसों का गलत इस्तेमाल ना हो। तभी तो अपने अक्सर देखा होगा कि बड़े बड़े अधिकारी भी accounts में कम करने वाले लोगों के आगे बेबस नज़र आते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ accounts services के बारे में। 

भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा (Indian Accounts and Audit Services, IAAS) – यह एक केंद्रीय सेवा है जिसके बॉस भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक जिन्हें Comptroller and Auditor General of India भी कहा जाता है। यह एक संवैधानिक पद होता है जिसमे किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप कर पाना संभव नहीं है। वैसे तो इस सेवा में काम करने वाले अधिकारी वित्त विभाग के अंतर्गत आते हैं लेकिन सरकार के हर विभाग और हर मद में होने वाले खर्च पर उनकी नज़र रहती है। इन अधिकारियों को घर, गाड़ी, ड्राईवर, सहायक इत्यादि हर प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं और इतना ही नहीं इनकी पोस्टिंग भी हर समय किसी मेट्रो शहर में ही की जाती है। इस सेवा में काम करने वाले अधिकारियों को आगे चल कर किसी राज्य का Accountant General बनने का भी अवसर मिलता है। 

भारतीय सिविल लेखा सेवा (Indian Civil Accounts Service, ICAS) - ICAS भारत सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन सेवाओं, जैसे कि भुगतान सेवाएं, कर संग्रह प्रणाली का समर्थन, सरकार-व्यापक लेखा, वित्तीय रिपोर्टिंग कार्य, बजट अनुमान तैयार करना और केंद्र सरकार के नागरिक मंत्रालयों में आंतरिक लेखा परीक्षा के वितरण में मदद करता है। भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) के समूह 'ए' अधिकारियों का संवर्ग प्रबंधन लेखा महानियंत्रक के पास निहित है। इसमें आईसीएएस अधिकारियों की भर्ती, स्थानांतरण, पदोन्नति, प्रशिक्षण, देश के भीतर और साथ ही विदेशों में, और कैडर की संख्या और वितरण की आवधिक समीक्षा सहित कार्मिक प्रबंधन के पूरे सरगम शामिल हैं। 

भारतीय रक्षा लेखा सेवा (Indian Defence Accounts Services, IDAS) – यह विभाग वैसे तो भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है लेकिन इसमे काम करने वाले अधिकारी केंद्र सरकार के प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। आईडीएएस कैडर के अधिकारी मुख्य रूप से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), Defence Research and Development Organisation  (डीआरडीओ) और आयुध कारखानों में काम करते हैं। इस संवर्ग का मुख्य उद्देश्य रक्षा खातों की लेखापरीक्षा करना है। इस सेवा का नेतृत्व रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) करता है और यह डीआरडीओ, बीआरओ और आयुध कारखानों के प्रमुखों के मुख्य लेखा अधिकारी के रूप में भी कार्य करता है। इसके अधिकारी निर्माण कार्यों से संबंधित लेखाओं का अनुरक्षण एवं मिलिटरी इंजीनीयरिंग सेवाओं द्वारा अनुरक्षित निर्माण कार्य परियोजना से संबंधित निर्माण एवं अन्य लेखाओं की लेखा परीक्षा भी करते हैं।

भारतीय रेलवे लेखा सेवा (Indian Railway Accounts Services, IRAS) – भारत की उन्नति में रेलवे की अहम भूमिका रही है। विवधताओं से भरे हमारे देश को एक करने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रेलवे का माना जा सकता है। यह कारण है कि देश में सबसे ज्यादा कर्मचारी रेलवे में नौकरी करते हैं। इतने बड़े विभाग की लेखापरीक्षा की ज़िम्मेदारी भारतीय रेलवे लेखा सेवा के अधिकारियों के कंधों पर होती है। इस सेवा के अधिकारी भारतीय रेलवे के लेखा और वित्त प्रबंधन दोनों के लिए जिम्मेदार होते हैं।

दोस्तों, यहाँ पर यह जान लेना जरूरी है कि इन सभी सेवाओं में नियुक्ति यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है। यह सभी सेवाएँ भारतीय राजस्व सेवा यानि आईआरएस के अंतर्गत आती हैं। यह सेवाएँ ग्रेड ए की केंद्रीय सेवाएँ होती हैं यानि इन विभागों में काम करने वाले अधिकारी केंद्र सरकार के कर्मचारी होते हैं।