- दूरसंचार विभाग ने “5जी वर्टिकल एंगेजमेंट एंड पार्टनरशिप प्रोग्राम यानि VEPP पहल के लिए ‘अभिरुचि की अभिव्यक्ति’ आमंत्रित किए है ।
- 5जी वर्टिकल एंगेजमेंट एंड पार्टनरशिप प्रोग्राम पहल के तहत, 5जी उपयोग के मामले के विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए, दूरसंचार विभाग अन्य मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभागों, स्टार्टअप हब के साथ साझेदारी में आवश्यक अनुमोदन की सुविधा प्रदान करेगा ताकि उपयोगकर्ता उद्योग परिसर को सक्षम बनाया जा सके ।
- इसके तहत, दूरसंचार विभाग द्वारा आवश्यक प्रायोगिक स्पेक्ट्रम भी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा।
- इस पहल का उद्देश्य 5जी यूज-केस इकोसिस्टम हितधारकों के बीच मजबूत सहयोग साझेदारी के तेजी से निर्माण करना तथा विशेषकर उपयोगकर्ता / वर्टिकल उद्योग की आवश्यकताओं को विशेष जोर देते हुए पूरा करना है ।
- “5जी वर्टिकल एंगेजमेंट एंड पार्टनरशिप प्रोग्राम” को ‘उद्योग वर्टिकल’ के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें उपयोगकर्ता वर्टिकल और 5जी टेक हितधारकों के बीच घनिष्ठ सहयोग को सक्षम करने के लिए ‘रुचि की अभिव्यक्ति’ के माध्यम से अभिनव 5जी उपयोग के मामलों के परीक्षण सह उत्पादन आधार के रूप में क्षमता है।
- ये संबंधित आर्थिक कार्यक्षेत्रों में 5जी डिजिटल समाधानों को आज़माने और परिष्कृत करने के लिए एक गुणक प्रभाव को ट्रिगर कर सकते हैं।
- सरकार के अनुसार, 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी वर्ष 2022 में ही की जाएगी। कुछ विशेषज्ञों का कहना है, कि इसमें कम से कम तीन महीने की और देरी हो सकती है।
- क्योंकि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने अभी तक इस तकनीक और संबंधित विभिन्न पहलुओं का परीक्षण पूरा नहीं किया है ।
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा ‘हितधारक परामर्श’ अंतिम चरण में है, और यह वर्ष 2022 की शुरुआत में दूरसंचार विभाग को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर सकता है।
- इस बीच, निजी दूरसंचार कंपनियों ने 5G के रोलआउट के संबंध में विभिन्न स्तरों – जैसेकि परीक्षण करना, परीक्षण गति और स्वदेशी 5G नेटवर्क बनाना- पर काफी प्रगति की है।
- 5G तकनीक, मोबाइल ब्रॉडबैंड(broadband) की अगली पीढ़ी है।यह तकनीक अंततः 4G LTE कनेक्शन को प्रतिस्थापित करेगी या इसमें महत्वपूर्ण वृद्धि करेगी।
- यह तकनीक, ‘मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम’ पर कार्य करती है, जिसके द्वारा काफी बड़ी मात्रा में डेटा को बहुत तेज गति से भेजा जा सकता है।
- 5G तकनीक, तीन बैंड्स अर्थात् निम्न, मध्य और उच्च आवृत्ति स्पेक्ट्रम में काम करती है।
- मल्टी-जीबीपीएस (Multi-Gbps) ट्रान्सफर रेट तथा अत्याधिक कम विलंबता , 5G तकनीक, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ताकत का उपयोग करने वाली एप्लीकेशंस का समर्थन करेगी।
- 5G नेटवर्क की बढ़ी हुई क्षमता, लोड स्पाइक्स के प्रभाव को कम कर सकती है, जैसे कि खेल आयोजनों और समाचार कार्यक्रमों के दौरान होती है।
- भारत की राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 में 5G के महत्व पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कहा गया है कि एक वृद्धिशील स्टार्ट-अप समुदाय सहित 5G, क्लाउड, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और डेटा एनालिटिक्स, अवसरों के एक नए क्षितिज को खोलने तथा डिजिटल जुड़ाव को तीव्र एवं गहन करने का वादा करता है ।
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