सच्चा प्रेम क्या होता है? | What is true Love for upsc aspirant

प्रेम एक अद्भुत भाव है। यह कब, किसको, किससे हो जाए, पता नहीं। अक्सर हम प्रेम को दो व्यक्तियों के बीच में imagine करते हैं लेकिन कई बार यह भाव किसी ऐसी चीज के लिए भी जागृत हो जाता है जो आपके जीवन का लक्ष्य बन जाती है। ऐसा ही एक प्रेम है यूपीएससी, जो कई aspirants जाने-अंजाने कर बैठते हैं। अगर देखा जाए तो इस exam में qualify करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप इससे दीवानों की तरह प्यार करें। हर वक़्त बस इसी के सपने देखें और इसे पाने के लिए हर बलिदान देने को तत्पर रहें। 

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What is true Love for upsc aspirant

  • सबसे पहला सवाल यह उठता है कि क्या आपको अभी तक यूपीएससी से प्यार हुआ है या नहीं? आपको बड़ी बारीकी के साथ इस तथ्य की जाँच-पड़ताल करनी पड़ेगी कि आईएएस बनना आपका ऊपरी दिखावा भर है या आपकी आंतरिक जरूरत है। यह वैसी ही बात है कि आपको किसी से सच्चा प्रेम है या केवल ऊपरी आकर्षण भर। 
  • यदि यह आपकी आंतरिक जरूरत है, यदि आपको किसी से सच्चा प्रेम है, तो आपको अपने प्रेमी की हर चीज सुहावनी लगने लगती है, वह चीज भी, जिससे दूसरे लोग चिढ़ते हैं। आप उससे मिलने को बेचैन रहते हैं और आपको लगता है कि यदि वह नहीं मिली/मिला, तो पूरी जिंदगी अधूरी रह जाएगी। इसलिए आप उसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। 
  • आईएएस बनने के लिए आपको ग्रेजुएट होना होता है यानी कि इसकी पढ़ाई करने से पहले आप कम से कम चौदह सालों तक पढ़ाई कर चुके हैं। पढ़ाई के अनुभव की यह पूँजी आपके पास मौजूद है। 
  • आप जानते हैं और आप ही अच्छी तरह से जानते हैं कि पढ़ने में आपको मजा आता है या नहीं। यदि यह आपको बोझ लगता है, तो फिर यह आपके लायक नहीं है। पढ़ने में रुचि से मतलब रोजाना 15-15 घण्टे और इस तरह लगभग तीन-चार साल तक पढ़ते रहने की क्षमता से नहीं है बल्कि मतलब तो सिर्फ इस बात से है कि फिलहाल आप इसको एन्जॉय करते हैं या नहीं। बाद में भले ही जिन्दगी भर किताबों का मुँह मत देखिएगा, लेकिन फिलहाल तो आपकी उनसे मुहब्बत होनी ही चाहिए और उनमें स्वाद भी आना ही चाहिए, क्योंकि यही काम तो आपको मुख्य रूप से करना है। 
  • आईएएस बनने का सारा काम ही पढ़ना और पढ़े हुए को लिखने का है। यह कतई जरूरी नहीं है कि आप खूब पढ़ें और पढ़ते ही रहें। यह फालतू की बात है और जो लोग ऐसा कहते हैं, वे मूलतः अपनी बातों से स्टूडेन्ट्स के दिमाग में एक आतंक पैदा करना चाहते हैं। 
  • मैं समझता हूँ कि यदि कोई प्रतियोगी पूरी गम्भीरता और प्रतिबद्धता के साथ रोजाना पाँच से छह घंटे पढ़ता है, तो वह पर्याप्त है। हाँ, यह पढ़ाई पूरी रुचि के साथ होनी चाहिए, खानापूर्ति के रूप में नहीं।

  • क्या आपने कभी एक सीरियस यूपीएससी aspirant को ध्यान से देखा है? उसकी शक्ल आपको किसी दीवाने सी ही नजर आएगी। उठते  - बैठते, सोते जागते उसके दिमाग में बस एक ही बात चलती रहती है – यूपीएससी। वह जो भी करता है, यह सोच कर करता है कि ऐसा करने से क्या उसे upsc qualify करने में मदद मिलेगी। 
  • वह हर वक़्त सिर्फ अपने प्यार यानि कि यूपीएससी के बारे में ही सोचता रहता है। कहीं से भी बस उम्मीद की एक किरण नज़र आनी चाहिए, वह बिना कुछ सोचे उस राह पर चल देता है जहां उसे लगता है कि उसका प्यार उसे मिल जाएगा। अगर यह सच्चा प्रेम नहीं है तो और क्या है?

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देखते रहिए 

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